home page

बच्चों को IAS, डॉक्टर-इंजीनियर, जज बनाने के लिए मुफ्त में ट्यूशन देता है ये शख्स, ऐसे ज्वाइन करें क्लास

वर्तमान में एक तरफ शिक्षा व्यवसाय का रूप ले चुकी है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो व्यवसाय को कम शिक्षा को ज्यादा महत्व देते हैं. आज हम आपको एक एसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें एक व्यक्ति जरुरतमंद परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन दे रहा है. आइए जानते है इनके बारे में। 
 

 | 
बच्चों को IAS, डॉक्टर-इंजीनियर, जज बनाने के लिए मुफ्त में ट्यूशन देता है ये शख्स, ऐसे ज्वाइन करें क्लास

HR Breaking News, Digittal Desk- राजस्थान के भरतपुर में सरकारी शिक्षक प्रेम सिंह धीरे-धीरे क्षेत्र के लोगों में मिसाल बनते जा रहे हैं. एक साल पहले 10 बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन देने की मुहिम की शुरुआत की गई थी. अब 150 बच्चे इस पाठशाला में नियमित रूप से आ रहे हैं. बच्चे नि:शुल्क ट्यूशन लेकर बेहद खुश हैं.

साथ में बच्चे कलक्टर, इंजीनियर, डॉक्टर व शिक्षक बनने के सपने देखने लगे हैं. इन बच्चों के लिए भामाशाहों द्वारा समय समय पर नि:शुल्क पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है.


प्रेम सिंह ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हेलक में सरकारी अध्यापक के रूप में कार्यरत हूं. कोरोना का समय था, हम चार पांच लोग एक स्थान पर बैठे हुए थे. हमने देखा स्कूल बंद हो जाने के कारण छोटे-छोटे बच्चे इधर उधर भटक रहे थे. उसी समय फैसला लिया कि गरीब, बेसहारा, विधवा मां के बच्चो का शिक्षा स्तर गिरे नहीं देंगे.

हम सभी ने पाठशाला नाम से निशुल्क ट्यूशन कक्षा निजी प्लाट में भामाशाहो के सहयोग से टीन शेड डलवाकर 10 बच्चों से शुरू किया. धीरे-धीरे कारवां बढ़ता चला गया अब इस पाठशाला में 150 बच्चे निशुल्क ट्यूशन लेने आते है. बच्चे व उनके परिजन निशुल्क ट्यूशन कक्षा को लेकर बेहद खुश हैं. इस पाठशाला का समय समय पर भामाशाहो द्वारा निरीक्षण किया जाता है. भामाशाह बच्चों के हौसलों कों देख निशुल्क पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध करवातें है। 


भामाशाह उपलब्ध करवाते हैं शिक्षकों की फीस-


शिक्षक प्रेम सिंह ने बताया कि हमारी पाठशाला में कुछ शिक्षक मानदेय पर बाहर से आते हैं. उनके लिए मानदेय भामाशाओं द्वारा दिया जाता है. प्रतिमाह प्रोफेसर अरविंद वर्मा दो शिक्षको को 2500 रुपए व डॉक्टर अशोक सिंह द्वारा एक शिक्षक को 1000 मानदेय दिया जाता है. दोनों भामाशाहों ने बोल रखा है किसी भी प्रकार की मदद हो तो बेझिझक होकर बोल देना, लेकिन इस पाठशाला को बंद नहीं करना. एक महिला बच्चों को लेकर पाठशाला आई. महिला ने बताया कि मैं हीरादास नगला की निवासी हूं. मैंने इस पाठशाला के बारे में सुना बिना किसी देर किए अपने बच्चों को लेकर आ गई मुझे यहां का माहौल देख बहुत अच्छा लगा हैं.


पाठशाला में पढ़ने बाली कक्षा 8 वी की छात्रा आस्था ने बताया कि मेरे पिता एक मजदूर हैं. मुझे इस पाठशाला में आकर बहुत अच्छा लगता है. यहां पढ़ाई के साथ साथ महापुरुषों के बारे में जानकारी दी जाती है. मेरा लक्ष्य बड़ा होकर डॉक्टर बनना है. इस पाठशाला के शिक्षकों के द्वारा मुझे समय समय पर लक्ष्य को लेकर प्रेरित भी किया जाता है.


समाज सेवी बीरपाल ने बताया कि कोरोना के समय स्कूल कॉलेज बंद थे. छोटे-छोटे बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे. अमीर बच्चों को तो घर पर होम ट्यूशन की सुविधा उपलब्ध हो रही थी. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण गरीब बच्चों को यह सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही थी. उसी समय सभी के सहयोग से यह पाठशाला शुरू की गई. दो घंटे शाम 5 से 7 बजे तक इसमें निशुल्क क्लास चलती है,

जिससे बच्चों और बेहतर शिक्षा मिल सके. सरकारी शिक्षक सुनील ने बताया कि शिक्षक प्रेम सिंह द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है. प्रतिदिन लगातार बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इस संस्था के द्वारा द्वारा कोविड कॉल में गरीब लोगों को राशन किट वितरित की गई थी.

समय समय पर ब्लड डोनेशन कैंप काभी आयोजन किया जाता है. हाल ही में प्रेम सिंह शिक्षक के बैठे दिगंबर सिंह ने ‘मिशन हेल्प फॉर’ के नाम से संस्था ओपन की है, जिसके द्वारा जरूरत मंद लोगों की सहायता की जा सके. पाठशाला के बारे में अधिक जानकारी के लिए माेबाइल नंबर 9887000387 पर संपर्क भी किया जा सकता है.