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UPSC SUCCESS STORY: पिता ने स्कूल जाकर कहा था इसे नहीं पढ़ाना, आज उसी लड़के ने सबसे कम उम्र में रच दिया इतिहास

जब इरादे मजबूत और हौसले बुलंद हो तो हर कोई अपने लक्ष्य तक पहुंच ही जाता है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है कि कैसे एक लड़का अफसर बना। जिसके पिता ने उसका स्कूल तक जाना बंद कर दिया था। आज वहीं लड़के ने सबसे कम उम्र से इतिहास रच दिया है।  आइए पढ़ते हैं सबसे कम उम्र के आईएएस अंसार अहमद शेख की जीवनी-
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पिता ने स्कूल जाकर कहा था इसे नहीं पढ़ाना, आज उसी लड़के ने सबसे कम उम्र में रच दिया इतिहास

HR Breaking News, Digital Desk- आपके इरादे पक्के और मजबूत हों तो आप की कुछ नहीं कर सकते हैं। यदि आपने अपने लक्ष्य को पाने के लिए ठान ही लिया हो तो फिर दुनिया की कोई ताकत आपको उससे पाने से रोक नहीं सकती है। दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से के मानी जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को पास कर आईएएस बनना हर किसी का सपना होता है।

क्या गरीब क्या अमीर इस परीक्षा को पास करना हर किसी का सपना होता है और कड़ी मेहनत के बदौलत कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं और कोई भी मुश्किल आपके रास्ते को रोड़ा नहीं बनेगी। यही बात महाराष्ट्र के जालना के रहने वाले अंसार अहमद शेख (Ansar Ahmad Shaikh) ने इसे सही साबित किया और जिंदगी में कई बड़ी मुश्किलों को हराते हुए आईएएस अफसर (IAS Officer) बने। अंसार अहमद शेख ने सिर्फ 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में 371वीं रैंक हासिल की। आइए जानते हैं उनके बारे में-


पढ़ाई पर मंडराने लगा था खतरा- 


अंसार अहमद शेख (Ansar Ahmad Shaikh) महाराष्ट्र के जालना जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल थी। परिवार की माली हालत के बीच पिता और रिश्तेदारों ने उनसे पढ़ाई छोड़ने को कहा था। अंसार शेख का बचपन किसी जंग से कम नहीं था। तमाम बाधाओं से जूझते हुए अंसार ने अपने लक्ष्य को कभी नहीं छोड़ा।

‘अब्बा ने पढ़ाई छोड़ने को कहा था’-


मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि, ‘अब्बा ने पढ़ाई छुड़वाने के लिए वह मेरे स्कूल पहुंच गए थे, लेकिन मेरे टीचर ने उन्हें समझाया और बताया कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं। इसके बाद किसी तरह दसवीं की।’ इसके बाद अंसार ने 12वीं में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किया तब घरवालों ने फिर कभी पढ़ाई के लिए नहीं रोका।


दोस्तों ने मानसिक और आर्थिक रूप से दिया साथ-


अंसार अहमद शेख ने अपनी सफलता के बारे में एक इंटरव्यू में कहा था, “कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। मेरे संघर्ष के दौरान, मेरे दोस्तों ने मानसिक और आर्थिक रूप से मेरी बहुत मदद की और यहां तक ​​कि मेरी कोचिंग अकादमी ने भी मेरी खराब वित्तीय स्थिति के कारण फीस का एक हिस्सा माफ कर दिया।


अंसार कहते हैं कि, ‘बहुत से लोग बहाने देते हैं कि वे गरीब हैं। लेकिन याद रखें कि गरीबी और सफलता दो अलग-अलग चीजें हैं और इनका कोई संबंध नहीं है। आपको अपने लक्ष्य के प्रति मेहनती और दृढ़निश्चयी होना चाहिए। आपकी पृष्ठभूमि ज्यादा मायने नहीं रखती। केवल एक चीज जो मायने रखती है वह आप हैं।’

पिता ऑटो चलाकर करते थे परिवार का पालन पोषण-


देश के सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी अंसार अहमद शेख, योनस शेख अहमद के बेटे हैं, जो भारत के महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में काम करते हैं। अंसार शेख के पिता शराब की लत से जूझ रहे थे। अंसार की मां खेती का काम करती थी।

अंसार अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने को तैयार नहीं, अंसार ने एक नया रास्ता अपनाया जिसने आज एक इतिहास रच दिया। अंसार ने बताया था, ‘पापा हर रोज सिर्फ सौ से डेढ़ सौ रुपये तक कमाते थे, जिसमें उनके पूरे परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल होता था और ऐसे में उनके पिता पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे पाते थे।