बैंक के लोन से हैं परेशान तो ये तरीके अपनाएं, घट जाएगी EMI
HR Breaking News : नई दिल्ली: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। अब इसी के साथ होम, कार या पर्सनल लोन भी महंगा होने लगा है।
हालांकि अप्रैल की शुरुआत में हुई मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने भले ही ब्याज दरों को स्थिर रखा। लेकिन फिर भी SBI और ICICI जैसे बड़े बैंकों ने एमसीएलआर में वृद्धि कर ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी होने का संकेत दे दिया है।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आप के मौजूदा होम लोन की ईएमआई में भी बढ़ोतरी हो। अब इससे मध्यम वर्ग के लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
सीधे तौर कहें तो आपको लोन रकम चुकाने के लिए हर महीने मंथली किस्त (EMI) देनी पड़ती है। ऐसे में ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी का असर आपके महीने के खर्चे पर पड़ेगा। इसलिए हम आपको तरीके बताएंगे, जिनसे आप बिना EMI की बढ़ोत्तरी के आसानी से कर्ज चुका सकेंगे।
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प्री-पेमेंट करें
अगर आप चाहते हैं कि आपकी ईएमआई मन बढ़े तो सबसे पहले अपने लोन की राशि को कम करें। अगर आपके पास कुछ पैसा है या आपको कहीं से बड़ा फंड मिला है तो सबसे पहले आप अपने लोन की कुछ राशि का प्रीपेमेंट कर दें। इससे आप लोन की EMI घटा सकते हैं।
लोन का टेन्योर बढ़ा कर
वैसे अक्सर होम लोन की अवधि 20 या 25 साल के लिए होती है। अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने से आपके महीने के खर्चे पर असर पड़ रहा है तो आप आप लोन का टेन्योर बढ़वा कर EMI कम करा सकते हैं। लेकिन इसमें आपको एक नुकसान होगा कि आपको ब्याज ज्यादा देना पड़ जाएगा।
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ज्यादा डाउन पेमेंट करें
अगर आप नया लोन ले रहे हैं तो जितना हो सके उतना अधिक डाउन पेमेंट करने की कोशिश करें। 1-2 लाख रुपये का ज्यादा डाउन पेमेंट भी आपकी EMI 2-3 हजार रुपये कम कर सकता है। साथ ही ऐसा करने से ब्याज की रकम भी कम रहती है।
लोन ट्रांसफर
कई बैंक ग्राहकों को अपनी ओर लाने के लिए दूसरे बैंकों के मौजूदा ग्राहकों को लोन ट्रांसफर की पेशकश करते हैं। इसमें बैंक ग्राहकों को ब्याज कम करने के लिए या टेन्योर कम करने के लिए कहते हैं। ऐसे अगर दूसरे बैंक में कम ब्याज दर है, तो आप लोन ट्रांसफर करा सकते हैं।
बैंक से करें बात
अगर आप सही समय पर किस्तें चुका रहे हैं तो बैंक आप पर मेहरबानी कर सकता है। बैंक कई बार अपने अच्छे रिपेमेंट ट्रैक रिकॉर्ड और सिबिल स्कोर वाले कस्टमर्स को ब्याज दरों में अतिरिक्त राहत देते हैं। लेकिन इसके लिए आपको बैंक से बात करनी होती है। आप आसानी से ईएमआई घटा लेंगे।