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Haryana news:हरियाणा की नौकरी का पेपर देने वाले सावधान, अब ओएमआर शीट में गोला खाली छोड़ा तो होगी ये कार्रवाई

HR BREAKING NEWS:  हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं के पेपर में अब हर प्रश्न के उत्तर के तौर पर चार के बजाय पांच विकल्प होंगे।
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अगर चार विकल्पों में से उत्तर नहीं दे पाते तो पांचवें विकल्प वाला गोला भरना ही होगा। ओएमआर शीट पर गोला खाली छोड़ा तो पेपर रद्द कर दिया जाएगा। भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आयोग ने अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। 


आयोग के गठन के 56 साल बाद पहली बार परीक्षा के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की गई है। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पहले परीक्षाओं की ओएमआर शीट में उत्तर के लिए चार ही विकल्प होते थे। अभ्यर्थी कई प्रश्नों के उत्तर वाले गोले खोली छोड़ देते थे और बाद में सांठ-गांठ से इनको भरवा दिया जाता था। 


नवंबर 2021 में आयोग के उप सचिव अनिल नागर की गिरफ्तारी से इसका खुलासा हो चुका है। भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के इस रैकेट को तोड़ने के लिए आयोग ने हरियाणा सरकार और एक्सपर्ट से मंथन के बाद मानक संचालन प्रक्रिया बनाई है। आयोग का मानना है कि इससे परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगेगी।


एक दूसरे पर निगरानी करेंगे अधिकारी: एचपीएससी ने गोपनीय कार्यों की शक्ति को लेकर भी अहम फैसला लिया है। पहले परीक्षा की गोपनीयता के लिए सचिव या उप सचिव ही जिम्मेदार होता था।

अब शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर दिया गया है। गोपनीयता भंग न हो इसके लिए चार अलग-अलग अधिकारियों को गोपनीय कार्य देकर एक दूसरे की निगरानी सौंपी गई है। अगर कोई एक गड़बड़ी को कोशिश करता है तो दूसरा उसे पकड़ सकेगा।


परीक्षा के तुरंत बाद होगी ओएमआर की स्केनिंग
अब भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद ही सभी ओएमआर शीट स्कैन कराई जाएंगी। इस रिकॉर्ड को एक पेन ड्राइव में रखा जाएगा। जब परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा तो पहले और बाद के रिकॉर्ड का मिलान किया जाएगा। ऐसे में परीक्षा के बाद गड़बड़ी आशंका खत्म हो जाएगी।


नागर की गिरफ्तारी के बाद लिया फैसला
नवंबर माह में एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर व उसके दो साथियों को विजिलेंस ने लाखों रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। इन पर डेंटल सर्जन की भर्ती और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगे थे।

उप सचिव के पास ही गोपनीय शाखा की पूरी जिम्मेदारी थी और वह परीक्षा के बाद ओएमआर शीट में गड़बड़ी करके अभ्यर्थियों को पास कराता था। आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा ने कहा कि परीक्षाओं की पवित्रता और पारदर्शिता के लिए बदलाव किए गए हैं।