सरकार को नही गरीबों की परवाह, महंगाई होने पर पूछा तक नही, अब एक्सपायर होने लगा तो बेचने चले – सैलजा
Haryana. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार गरीब विरोधी है। इस सरकार को न तो गरीबों के पेट भरने की कोई फिक्र है और न ही उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता है।
इस सरकार ने सरसों के तेल के दाम बढ़ने पर गरीबों के लिए तेल की सप्लाई सुचारू नहीं रखी और न ही अपनी घोषणा के मुताबिक उनके खाते में तेल के रुपए भेजे। अब जब इनके द्वारा स्टॉक किए गए तेल के खराब होने का समय आ गया है तो इसके दाम में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर गरीबों को बेच रही है।
प्रदेश में अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को हर महीने दो लीटर सरसों का तेल 20 रुपए प्रति लीटर प्रति परिवार की दर से उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
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प्रदेश में एएवाई (गुलाबी कार्ड) राशन कार्डों की संख्या दो लाख 48 हजार 134 और बीपीएल (पीला कार्ड) के आठ लाख 92 हजार 744 राशन कार्ड हैं, जिन्हें रियायती दरों पर सरसों तेल दिया जाता है।
ऐसे में सरसों का तेल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के राशन डिपो के माध्यम से पाने वाले गरीब लाभार्थियों की संख्या 11 लाख 40 हजार के आस-पास बनती है। पिछले साल अप्रैल में सरसों के दाम में तेजी आने लगी तो भाजपा-जजपा सरकार ने राशन डिपो पर होने वाली गरीबों को सरसों के तेल की सप्लाई रोक दी।
जब तेल को लेकर मामला उठने लगा तो घोषणा कर दी कि इन परिवारों को तेल की एवज में प्रति महीने 250 रुपए दिए जाएंगे, जो इनके बैंक खाते में डाले जाएंगे। लेकिन, तीन महीने तक इन परिवारों को एक रुपये की भी सरकार की ओर से मदद नहीं मिली।
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बाद में भी लाखों परिवार ऐसे रह गए, जिन्हें सरसों के तेल के बदले कोई राशि नहीं मिली। ऐसे में उन्हें बाजार से महंगा तेल खरीदकर सब्जी बनानी पड़ी। कुमारी सैलजा ने कहा कि अब अचानक से 2.73 लाख लीटर सरसों का तेल राशन डिपो के माध्यम से भिजवाना शुरू कर दिया है।
इस तेल की बेस्ट बिफोर चंद दिनों की बची है, इसके बाद यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जो तेल अब डिपो पर जा रहा है, वह 10 महीने पहले से ही स्टॉक में रखा था। यानी, दाम बढ़ने के दौरान सरकार ने गरीबों को तेल की सप्लाई देने की बजाए झूठ का सहारा लिया।
दो लीटर की बोतल को पहले 40 रुपए का दिया जाता था, लेकिन अब इसके दाम में अचानक से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर 50 रुपए बोतल कर दिया है। यह न सिर्फ गरीबों की सेहत से खिलवाड़ है, बल्कि उनकी जेब पर भी सरकार का डाका है।