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Delhi NCR Weather : दिल्ली वालो अब सांसों के आपातकाल के लिए हो जाओ तैयार, जानें मौसम का पूरा समीकरण

stubble burning news: विशेषज्ञों ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर पराली जलाने का प्रभाव उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून जाने के बाद दिखाई देगा. बहुत कुछ हवा की दिशा और हवा की गति पर भी निर्भर करता है. आइए जानते है मौसम के बारे में पूरी जानकारी।

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Delhi NCR Weather : दिल्ली वालो अब सांसों के आपातकाल के लिए हो जाओ तैयार, जानें मौसम का पूरा समीकरण

HR Breaking News (नई दिल्ली)। राष्ट्रीय राजधानी द‍िल्‍ली में में मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है. मौसम विभाग (weather department) के अनुसार, दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 82 प्रतिशत रही. वहीं द‍िल्‍ली की हवा अभी साफ है और हर कोई आराम से सांस ले रहा है पर यह हालात ज्‍यादा द‍िनों तक अच्‍छे नहीं रहने वाले हैं. बताया जा रहा है क‍ि यह राहत वाली हवा जल्‍दी की हवा हो जाएगी. इसकी वजह है पराली को जलाने के मामले शुरू हो गए है और बीते तीन द‍िनों में पंजाब, हर‍ियाणा और उत्‍तर प्रदेश में 10 मामले सामाने आ चुके हैं.

मौसम व‍िभाग  (weather department) के अनुसार, पराली का असर अभी द‍िल्‍ली में इसल‍िए ज्‍यादा नहीं पड़ रहा है क्‍योंक‍ि अभी हवा की द‍िशा पूर्वी और जैसे ही यह पश्‍च‍िम से बहेगी तो पराली का धुआं द‍िल्‍लीवास‍ियों का दम घोंटेगा. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए वायु गुणवत्ता पर्यवेक्षक आयोग द्वारा अधिसूचित मानक प्रोटोकॉल 2021 का पालन करता है. पंजाब के अमृतसर में फसल अवशेष (पराली) जलाने की छह घटनाएं सामने आईं, जबकि हरियाणा के सोनीपत और रोहतक में दो घटनाएं सामने आईं. 15 और 16 सितंबर को उत्तर प्रदेश के देवरिया में दो घटनाएं सामने आईं.

आईएआरआई की स्पेस लेबोरेटरी के कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग के प्रमुख वैज्ञानिक और प्रभारी प्रोफेसर विनय सहगल ने कहा क‍ि बारिश के बाद बादल छाए रहने के कारण उपग्रहों को रविवार और सोमवार को पराली जलने के मामलों का पता नहीं चल सका. आईएआरआई के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 15 से 18 सितंबर के बीच उपग्रहों ने पड़ोसी राज्यों में 23 पराली चलाने के मामलों का पता लगाया था. इसी वक्‍त में अगर वर्ष 2021 और 2020 की बात कें तो 12 और 34 मामले सामने आए थे.

विशेषज्ञों ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर पराली जलाने का प्रभाव उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून जाने के बाद दिखाई देगा. बहुत कुछ हवा की दिशा और हवा की गति पर भी निर्भर करता है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि पराली जलाने के शुरुआती संकेतों के कारण इस सर्दी में ऐसी आग पर काबू पाने के लिए रणनीति के तत्काल कार्यान्वयन की आवश्यकता है. उन्होंने कहा क‍ि खेतों से पराली को हटाने के ल‍िए जरूरी मशीनों को किसानों तक पहुंचाने से इसमें सुधार क‍िया जा सकता है. औद्योगिक ईंधन के रूप में बायोमास का उपयोग करने या फसल अवशेषों से बायो सीएनजी का उत्पादन करने जैसे ऑफ-फार्म अनुप्रयोगों को बढ़ाएं. यह किसानों के लिए एक आर्थिक प्रोत्साहन हो सकता है, लेकिन भूसे के संग्रह और भंडारण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है. इसके लिए गहन संचार और आउटरीच रणनीतियों की भी आवश्यकता है.


वहीं विभाग ने दिन में शहर के आसमान में मुख्यत: बादल छाए रहने और हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग  (weather department) के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.