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Monsoon Weather : मॉनसून को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस तारीख को फिर से होगा एक्टिव

Monsoon 2025 :मौसम विभाग ने मानसून को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है। साल 2025 में मानसून ने पिछले 16 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। यह समय से आठ दिन पहले ही केरल में एंट्री कर चुका है। लेकिन 29 मई को इसकी रफ्तार धीमी पड़ने से बाकी बचे राज्यों में भीषण गर्मी और लू का कहर देखने को मिल रहा है। IMD ने ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि इस तारीख को मानसून एक्टिव होगा। चलिए जानते हैं -  

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Monsoon Weather : मॉनसून को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस तारीख को फिर से होगा एक्टिव

HR Breaking News - (Monsoon Weather)। इस बार मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी है। लेकिन इसने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। दरअसल, संभावना थी कि इस बार तगड़ी बारिश होगी और भीषण गर्मी नहीं झेलनी पड़ेगी। लेकिन, मानसून (Monsoon update) पर ब्रेक लगाने के बाद से देशभर में तापमान तेजी से बढ़ रहा है और झुलसा देने वाली गर्मी ने लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है 

 

मई के महीने में बीच बीच में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय होने से बारिश होती रही है और ज्यादा गर्मी का एसास नहीं हुआ। लेकिन जून के महीने के पहले हफ्ते में ही गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और मानसूनी बारिश ने लोगों को तरसा दिया है। इस महीने में आसमान से पानी की बूंदे तो नहीं गिरी हैं परंतु आग बरस रही है। 29 जून के बाद से मॉनसून सुस्त हो गया है। अगले कुछ दिनों तक मौसम के हालात ऐसे ही बने रहने के आसार हैं।

 

इस दिन से रफ्तार पकड़ेगा मानसून - 

मौसम विभाग (Weather Update) ने मानसून को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है। IMD के मुताबिक, मानसून 29 मई से रुका हुआ है। लेकिन, 14 जून तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (Monsoon update) उत्तर की ओर रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। बारिश लाने वाला सिस्टम फिलहाल पश्चिम में मुंबई और पूर्व में सिक्किम-उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में एक्टिव है।

बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया वेदर सिस्टम - 

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून (Monsoon 2025 update) के फिर से सक्रिय होने का श्रेय बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कई मौसमी सिस्टम को जाता हैं। IMD के मुताबिक, दो मानसून सिस्टम, जिनमें से एक अभी भी विकसित हो रहा है, उन जगहों पर बरसात को फिर से एक्टिव कर सकते हैं, जहां मॉनसून पहले ही पहुंच चुका है। ये इसे उत्तर और पश्चिम की ओर आगे बढ़ाने में सहायता करेंगे। 

मौसम विज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) बना है, और इससे तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और कर्नाटक में जोरदार बरसात होने की संभावना है।
 सप्ताहांत तक कोंकण और गोवा में भी मूसलाधार बारिश हो सकती है। चक्रवाती परिसंचरण से मॉनसून को रफ्तार मिलेगी और यह नए इलाकों में पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि 14 जून को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में एक और चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है जो मानसून को मजबूत करेगा। 

चक्रवाती परिसंचरण ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश (MP Weather) और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा, जिससे मानसून को रफ्तार मिलेगी और यह पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों में पहुंच जाएगा। इसके अलावा, आने वाले दिनों में मॉनसून की उत्तरी सीमा में प्रवेश करने की संभावना है, जिससे उत्तर भारत के राज्यों में पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। 

मानसून को लेकर  IMD का बड़ा अपडेट - 

मौसम विभाग (IMD Rain Alert) के विज्ञानिकों ने जानकारी देते हुए बताया है कि 14 जून तक मध्य और पूर्वी भारत में मानसून के रफ्तार पकड़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। हालांकि, विज्ञानिकों ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में दूसरा मौसमी सिस्टम बना है या नहीं अभी इसकी पुष्टि करना बाकी है। 


उत्तरी ओडिशा और आस-पास के क्षेत्रों में भी एक चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है, जिसके बारे में मौसम विज्ञानिकों ने जिक्र किया है। यह सिस्टम मानसूनी हवाओं को और मजबूत करेगा। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, 12 जून से दक्षिण महाराष्ट्र और बाद में राज्य के अन्य क्षेत्रों में अच्छी बरसात होने की संभावना है। 

उत्तर भारत में मौसम का हाल - 

मौसम विभाग (IMD Weather) ने उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के कई राज्यों में भयंकर गर्मी और लू का अलर्ट जारी किया है। इनमें उत्तरी मध्य प्रदेश के ज्यादातर स्थान, साथ ही पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा (Punjab-Haryana Mausam), दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई राज्य शामिल हैं।

हालांकि, मौसम विभाग ने 13 जून से गर्मी से धीरे धीरे कम होने की भी आशंका जताई है, क्योंकि एक बार फिर से मानसून (Monsoon update) एक्टिव हो चुका है और नया वेदर सिस्टम बनने से मानसून को रफ्तार मिलेगी और बाकी बचे राज्यों को यह जल्द ही कवर कर लेगा। 

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