home page

mustard oil price : सरसों और मूंगफली तेल के भाव गिरे धड़ाम, जानिये तेल-तिलहन के लेटेस्ट रेट

Edible Oil Latest Rate :बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता के लिए एक राहत की खबर है। दरअसल, पिछले काफी समय से सरसों और मूंगफली तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल रहा था। लेकिन अब सरसों, मूंगफली तेल तिलहन के साथ बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। आईये नीचे खबर में जानते हैं तेल - तिलहन का लेटेस्ट प्राइस -  

 | 
mustard oil price : सरसों और मूंगफली तेल के भाव गिरे धड़ाम, जानिये तेल-तिलहन के लेटेस्ट रेट

HR Breaking News - (ब्यूरो)। पिछले सप्ताह विदेशी बाजारों में गिरावट के चलते सभी खाद्य तेल और तिलहनों के भाव में गिरावट दर्ज की गई है। इसी बीच सरसों (Mustard oil rate), मूंगफली, सायोबीन कच्चा पामतेल (CPO), और बिनौला तेल के दामों में भी कमी आई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि पाम और पामोलीन तेल की ऊंची कीमतें होने के कारण पहले से ही इनकी मांग काफी कम थी।

पिछले सप्ताह इन खाद्य तेलों के भाव 1,240-1,245 डॉलर प्रति टन से कम होकर 1,200-1,205 डॉलर प्रति टन पर आ गए हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा आयातित तेलों (Edible Oil Prices) पर आयात शुल्क मूल्य बढ़ाने और विनिमय दरों में वृद्धि से आयात की लागत और बढ़ गई। इसका असर खाद्य तेलों की आयात लागत पर पड़ा। जिसमें लगभग 150 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ। बाजारों में तेल-तिलहनों की कम मांग होने और आयात लागत बढ़ने से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।  

ये भी पढ़ें - DA Hike january : केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इतना होगा इजाफा, AICPI के आकंड़ों से लग गई मुहर

 

इस वजह से घटे दाम - 

 

फिलहाल देश में पाम और पामोलीन तेल (palmolein oil price) की मांग कम है और आयात शुल्क मूल्य और विनिमय दरों में बढ़ोतरी के कारण यह और महंगा हो गया है जिसके चलते इसका खपना और मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही अन्य तेलों के आयात पर भी प्रभाव पड़ा है। सूरजमुखी के ऊंची दामों के चलते  इसका आयात कम हुआ है। इसके अलावा पाम और पामोलीन के ऊंचे रेट होने की वजह से आयात प्रभावित हुआ है।

बाजार जानकारों का कहना है कि इन खाद्य तेलों की कमी को पूरा करने को लेकर इसपर विचार- विमश करने की जरूरत है। ऐसे में सोयाबीन तेल (soybean oil rate) का आयात बढ़ाने से कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन वह मांग को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त नहीं होगा। सूत्रों ने कहा कि देश में खाद्य तेल संयंत्र पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं।
 जिस तरह से सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, उस हिसाब से मंडियों में उसकी आवक नहीं हो पा रही है। वायदा कारोबार में बिनौला खल कम करने और शुरूआत में भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत से कम कीमतों पर बिनौला बीज के बेचने के कारण बिनौला के अलावा मूंगफली, सोयाबीन और सरसों जैसे तिलहनों की आवक पर प्रभाव पड़ा है। 

 

मूंगफली खल, सोयाबीन डीओसी की कीमतों में गिरावट - 


दरअसल, बिनौला सीड की कीमतों में गिरावट से मूंगफली ख्ल, सोयाबीन DOC के भाव में भी कमी आई है। जिसके कारण सोयाबीन, मूंगफली तिलहन की भी तेल कारखानों की ओर से मांग प्रभावित हुई है। तेल कारखानों को इनकी खरीद कर पेराई करने में तभी प्रॉफिट होता है जब इन तिलहनों से निकलने वाले मूंगफली खल और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग बाजारों में होगी। उनका कहना कि सरकार को इसपर कोई ठोस कदम उठाना होगा। कि इन खलों और DOC का बाजार बनाया जाये या फिर सोयाबीन की जगह सोयाबीन DOC की खरीद कर इसका स्टॉक करे और निर्यात बढ़ाने का प्रयास करें।


 पिछले साल के मुकाबले इस बार कपास का उत्पादन भी कम हुआ है, इसलिए सीसीआई (Cotton Corporation of India) को भी बिनौला सीड लागत से कम कीमतों पर बेचने से रोकने का आदेश दे, ताकि अगर आगे चलकर खाद्य तेलों की कमी होती है तो उसे पूरा करने के लिए बिनौला सीड का प्रयोग किया जा सके।

 

तेल-तिलहन का ताजा भाव -


 पिछले सप्ताह मंडियों में कपास की  2-2.35 लाख गांठ पहुंची है वहीं, समीक्षा वाले सप्ताह में इसकी आवक जबरदस्त गिरावट आई है। समीक्षाधीन सप्ताह में कपास की सिर्फ एक लाख 30-35 हजार गांठ ही आई हैं। सरसों के भाव की बात करें तो पिछले सप्ताह थोक भाव में 125 रुपये की गिरावट आने से 6,525 से 6,575 रुपये प्रति क्विंटल पर क्लॉज हुआ। दादरी में सरसों तेल का थोक भाव में 250 रुपये प्रति किलोग्राम घटकर 13,600 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंचा है। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल कीमतों की बात करें तो  30 रुपये की गिरावट के साथ 2,300 से 2,400 रुपये टिन और 2,300 से 2,425 रुपये टिन (15 किलो) पर रूका है।


समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन (Soybean Mandi Bhav) और सोयाबीन लूज दोनों के थोक भाव 25-25 रुपये की कमी आई दर्ज की गई है। जिससे यह 4,300 से 4,350 रुपये और 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसके अलावा दिल्ली में सोयाबीन 300 रुपये घटकर 13,100 रुपये प्रति क्विटंल पर बंद हुई है, वहीं इंदौर में 150 रुपये गिरावट के साथ 12,950 रुपये प्रति क्विंटल पर क्लॉज हुई। 

 

यहां जानिये कितने गिरे तेल के दाम - 

ये भी पढ़ें -  Property Rates Hike : दिल्ली से सटे इस इलाके में सोना हुई जमीन, डबल हो गए प्रोपर्टी के रेट

 

 

समीक्षा होने के बाद पता चला है कि पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह मूंगफली तेल और तिलहन के दामों में गिरावट आई है। मूंगफली तिलहन के दाम (Groundnut oilseed price) में 125 रुपये की गिरावट आने  के बाद यह 5,800 से 6,125 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ, वहीं मूंगफली तेल गुजरात 400 रुपये की गिरावट के साथ 14,000 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 45 रुपये की गिरावट साथ 2,125 से 2,425 रुपये प्रति टिन पर क्लॉज हुआ। 


कच्चे पाम तेल की कीमत (palm oil price)  350 रुपये घटकर 12,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। दिल्ली बजारों में पामोलीन के भाव 450 रुपये की कमी आने से यह 14,000 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल की कीमत 400 रुपये गिरने के साथ 13,100 रुपये प्रति क्विंटल पर क्लॉज हुआ है। जिस सप्ताह समीक्षा की गई उस सप्ताह बिनौला तेल (cottonseed oil rate) में 200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते यह 11,900 रुपये प्रति क्विंटल पर  क्लॉज हुआ।