Rajasthan weather : राजस्थान में यू टर्न लेगा मौसम, 50 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, गरज-चमक के साथ यहां बरसेंगे बादल
Rajasthan mausam update : राजस्थान के मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आसमान में एक बार फिर से बादल डेरा डालने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में 30 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। इसके साथ ही कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि के भी आसार जताए हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं कितने दिन और खराब रहेगा मौसम-
HR Breaking News (ब्यूरो)। राजस्थान (Rajasthan mausam today) में मौसम फिर से अंगड़ाई ले रहा है। सर्द हवाओं और हल्की बारिश के दौर के कारण प्रदेश में सर्दी ने फिर से डेरा डाल दिया है। मौसम विभाग ने अब आगामी दो दिनों में प्रदेश के कई इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। मौसम में हो रहे बदलाव के बाद कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज तथा येलो अलर्ट जारी किया गया है। सर्द हवाओं के कारण सूबे में फरवरी माह के अंत में भी अच्छी खासी सर्दी का अहसास हो रहा है।
इन इलाकों में 2 मार्च तक खराब रहेगा मौसम-
मौसम विभाग (weather report) के अनुसार प्रदेश में एक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसके प्रभाव से 1 और 2 मार्च को प्रदेश के कुछ भागों में तेज मेघगर्जना के साथ आंधी और बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कुछ भागों में 1 मार्च को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके असर से 1 और 2 मार्च को जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर कोटा और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मौसम में बड़ा बदलाव आएगा।
30 से 50 किलोमीटर की रफ्तर से चलेंगी हवाएं-
इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण इन संभागों में बिजली कड़कने के साथ ही तेज हवाएं चलेंगी और बारिश होने का अनुमान है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। इस दौरान हवा की गति 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। 3 मार्च को इसका असर खत्म हो जाएगा और मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा। आईएमडी ने मौसम में होने वाले इस बदलाव के मद्देनजर किसानों को कई तरह की सलाह भी दी है।
मौसम विभाग ने कहा कि किसान कृषि मंडियों में अनाज का भंडारण सुरक्षित स्थानों पर करें ताकि अचानक होने वाली बारिश से उनको भीगने से बचाया जा सके। वहीं खेतों में काट कर रखी गई फसलों का भी सुरक्षित स्थान पर ही भंडारण करें या फिर उन्हें ढक कर रखें। रबी की फसलों में सिंचाई और कीटनाशकों का छिड़काव बारिश की गतविधियों को ध्यान में रखते हुए करें। इसके अलावा आकाशीय बिजली कड़कने के दौरान पेड़ और खंभों से दूर रहे तथा सुरक्षित स्थानों पर शरण लेवें।
