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Weather : दिल्ली-NCR सहित देश में कैसा रहेगा Monsoon, कितनी होगी बारिश? जानिए मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

Weather Update : इस साल लोगों को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो भारतीय मौसम विभाग ने पहले की ऐसा होने की भविष्यवाणी कर दी थी। वहीं, लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि अप्रैल माह में ही इतनी गर्मी देखने को मिल जाएगी। 

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Weather : दिल्ली-NCR सहित देश में कैसा रहेगा Monsoon, कितनी होगी बारिश? जानिए मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

HR Breaking News (Weather Update) पिछले हफ्ते मौसम में कुद बदलाव देखने को मिला था। देश के कुछ राज्यों के काफी क्षेत्रों में बारिश व आंधी देखने को मिली थी।

 

इससे लोगों को दो-तीन दिन गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। अब एक बार फिर इस गर्मी के बीच मौसम विभाग की ओर से आने वाले दिनों में होने वाले मौसम को लेकर भविष्यवाणी की है। 

 

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आगामी दिनों में आपके क्षेत्र में कैसा मौसम रहेगा तो हमारी यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। इसे पढ़ कर आप जान सकेंगे की आपके क्षेत्र में किस दिन बारिश होगी। 

कैसा रहेगा दिल्ली एनसीआर में मानसून


अगर हम इस साल की मानसून की परिस्थितियों की बात करें तो इस साल दिल्ली व एनसीआर (Weather Update) क्षेत्र में मानसून का मौसम काफी सामान्य रह सकता है।  वहीं, मानसून के समय पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। आगामी मौसम की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में ला नीना इफैक्ट की स्थिती पहले के मुकाबले कमजोर पड़ रही हैं। 

ज्यादा बारिश की संभावना नहीं


इसी के साथ अल नीनो भी मौजूदा पारिदृश्य में सक्रिय नहीं है। यहीं कारण है कि मानसून के समय में दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में कुछ ज्यादा बारिश होने की इस बार संभावना नहीं है। वहीं, अगर इस बार मानसून के आने की समय की बात करें तो 25 जून के करीब मानसून की दस्तक हो सकती है।  


राजधानी में कैसा रहेगा मानसून 


वैसे तो पूरे देश में अबकी बार मानसून के समय बारिश कुछ ज्यादा ही होने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है, मगर देश की राजधानी दिल्ली में परिस्थितियां एकदम विपरीत नजर आ रही हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार भी राजधानी क्षेत्र में बारिश सामान्य ही रहने का अंदाजा लगाया जा रहा है। 

वहीं ऐसा माना जा रहा है कि जून माह में तो यहां बारिश नॉर्मल से भी रह सकती है। इसके बाद जुलाई माह से लेकर सितंबर माह में बारिश एक बार फिर से समान्य स्तर पर ही होगी। ऐसे में लोगों को बारिश के चलते कुछ ज्यादा गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं होनी चाहिए।  

ला नीना व अल नीनो नहीं है सक्रिय
एक वेदर रिपोर्ट के मुताबिक पहले तो ला नीना की स्थितियां बन रही थीं, लेकिन अब वह खत्म हो गई हैं। यह बेहद ही कम है या यूं कहा जा सकता है कि ना के बराबर है। दूसरी ओर अल नीनो भी कोई खाया सक्रिय नहीं है। ऐसे में इन दोनों इफेक्ट के सही से सक्रिय न होने के कारण इस बार दिल्ली व एनसीआर में बारिश कम ही होगी।

दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में बहुत ज्यादा बारिश (rain) की संभावना नहीं है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि देश के अलग-अलग राज्यों में इस बार मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा ही बारिश होगी।  यह भी स्पष्ट है कि सभी राज्यों में एक जैसी बारिश नहीं  होगी। 

25 जून के करीब आएगा मानसून


मौसम विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में मानसून (monsoon) की शुरुआत 25 जून के करीब हो सकती है। वहीं, मानसून लगभग सितंबर के तीसरे हफ्ते तक सक्रिय रह सकता है। इसके अलावा अक्टूबर माह के हफ्ते तक भी बारिश हो सकती है।

पिछले साल की बात करें 2024 में मानसूल एक हफ्ते की देर के बार अक्टूबर में गया था। 1901 के बाद की बात करें तो पिछले साल 2024 7वां सबसे ज्यादा बारिश वाला वर्ष रहा था।  इस दौरान सामान्य 640.3 मिलीमीटर  के मुकाबले 1029.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। 

क्या है ला नीना व अल नीनो


ला नीना व अल नीनो दोनों ही मौसम से जुड़े इफेक्ट हैं। ला नीना व अल नीनो प्रशांत महासागर में सी बॉटम में टैम्परेचर में हुए बदलाव से जुड़े मौसमी पैटर्न हैं। यह दोनों ही ईएनएसओ (अल नीनो साउदर्न ओसिलेशन) चक्र के दो स्तर हैं। इस दौरान अल नीनो में पानी नॉर्मल से गर्म रहता है।

वहीं, ला नीना इफेक्ट की बात करें तो इसमें पानी सामान्य से ठंडा रहता है। मानसून पर ला नीना पैटर्न का असर पड़ता है। इससे ही बारिश का ज्यादा या फिर कम होना प्रभावित होता है। 

मौसम विभाग के महानिदेशक का क्या है कहना


भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि हमने मानसून को उसकी एक्टीवनेस के आधार पर पूरे देश के सभी राज्यों में तीन कैटगेरी में डिवाइड किया है। इसमें यलो, ग्रीन और ब्लू कैटेगरी बनाई गई है। इस दौरान येलो कैटगरी वाले राज्यों में कम तो ग्रीन कैटगरी वाले राज्यों में सामान्य और वहीं, ब्लू कैटगरी वाले राज्यों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश होने (monsoon) की संभावना है।

विभाग की ओर से लगाया गया यह पूर्वानुमान डायनामिक मॉडल के बेसिस पर मानसून के समय के चार महीने के लिए है। इसमें बदलाव होने की भी संभावना बनी रहती है।

ज्यादातर मामलों में सप्ताह भर के मौसम पूर्वानुमान में ही सटीकता व स्पष्टता होती है। इसके अलावा स्थानीय कारणों से भी अलग-अलग स्थानों पर कम, सामान्य व अधिक बारिश होती है।