Wheat rate down : धड़ाम से गिरे गेहूं के दाम, आटा भी सस्ता, 1 क्विंटल गेहूं बिक रहा इस भाव
Wheat Price today : गेहूं के दाम इस समय ग्राहकों को राहत पहुंचा रहे हैं। इस सीजन से पहले गेहूं के दामों (wheat price update) ने ग्राहकों के पसीने छुड़ा दिए थे। अब गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने के साथ ही इसके रेट भी धड़ाम से जमीन पर आ गिरे हैं। इसके साथ ही आटा (wheat flour price) भी सस्ता हो गया है। मंडियों में गेहूं की आवक अब तेज हो गई है। आइये जानते हैं 1 क्विंटल गेहूं का ताजा भाव क्या चल रहा है।

HR Breaking News - (wheat rate update)। नए सीजन के गेहूं की आवक अब देशभर की मंडियों में हर रोज बढ़ रही है। इस बार सरकार ने एमएसपी (wheat MSP) में भी बढ़ौतरी की थी।
इस कारण उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर हुआ है। यही कारण है कि गेहूं के दाम धड़ाम से गिरे हैं। आटा भी लोगों को सस्ते रेट (gehu ka bhav) में मिल रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह सिलसिला कुछ माह तक बरकरार रहेगा।
इसके बाद गेहूं के साथ ही आटे के रेट (flour price today) में भी बदलाव आएगा। ये समय के अनुसार और बढ़ सकते हैं। फिलहाल देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में ये चल रहे हैं गेहूं व आटे के भाव।
अधिकतर मंडियों में यह है गेहूं का भाव
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Wheat MSP) इस बार साल 2025-26 के लिए 2275 से बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। मध्य प्रदेश (MP wheat price) सहित कई राज्यों में प्रति क्विंटल गेहूं पर बोनस भी दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में यह 175 रुपये है तो राजस्थान में 150 रुपये है।
इस कारण अधिकतर राज्यों में इस समय गेहूं का भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल (gehu ka taja bhav) के करीब बने हुए हैं। हालांकि कुछ मंडियों में भाव (mandi bhav today) गेहूं की वैरायटी व गुणवत्ता के हिसाब से 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक भी पहुंच चुके हैं।
गेहूं की वैरायटी में न खा जाएं धोखा
गेहूं की एक वैरायटी सुनहरा गेहूं (लोटा) के नाम से भी है। यह शरबती गेहूं (sharbati wheat price) की तरह ही चमकदार होता है। कई लोग से शरबती गेहूं बताकर बेचने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
मिलावट की भी संभावना हो सकती है, इसलिए सतर्क रहना भी जरूरी है। इन दिनों मार्केट में 1544, हर्षिता और सुनहरा गेहूं (लोटा) के दाम 3500 रुपए प्रति क्विंटल के करीब हैं। शरबती गेहूं के दाम (wheat rate 30 april) इससे काफी ऊपर हैं।
इस साल के अंत तक इतने होंगे रेट
गेहूं के भावों से जुड़े जानकारों के अनुसार एमपी के गंजबासौदा, सीहोर, आष्टा से आने वाला शरबती गेहूं (wheat rate today) सबसे बेहतर गुणवत्ता वाला माना जाता है। इस समय गेहूं की इस वैरायटी के दाम 5000 रुपए प्रति क्विंटल के करीब हैं। पिछली बार ये 6 हजार प्रति क्विंटल से अधिक हो गए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ दिनों तक ही सस्ता गेहूं (wheat rate latest) खरीदने का मौका ग्राहकों के पास रहेगा। इसके बाद रेट में तेजी आ सकती है। इस साल के अंत तक गेहूं का भाव फिर 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल के पास पहुंच सकता है।
गेहूं का स्टॉक होने पर बढ़ेंगे रेट
गेहूं में तेजी आने के कई कारण हैं। मांग के अनुसार आपूर्ति न होने पर गेहूं के रेट (gehu ka rate) फिर से बढ़ सकते हैं। इसका एक मुख्य कारण यह भी बन सकता है कि गेहूं उत्पाद (wheat production) बनाने वाली कंपनियां आने वाले समय में इसे स्टॉक कर सकती हैं।
किसानों को उसके बाद ही उच्च रेट पर गेहूं बेचने का मौका मिल सकता है। इस साल दिवाली तक गेहूं में तेजी आ सकती है। पिछले साल भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही थी।
ब्रांडेड कंपनियों का आटा हुआ इस भाव
बेशक गेहूं का अधिक उत्पादन (wheat production in india) होने से गेहूं के दाम कम हुए हैं, लेकिन ब्रांडेड कंपनियों का आटा अभी भी महंगे रेट पर बना हुआ है। प्रति किलो आटा मार्केट में 50 रुपये (flour price) किलो तक बिक रहा है। जिस हिसाब से गेहूं के दाम (wheat price update) कम हुए हैं, उस हिसाब से आटे के रेट कम नहीं हुए हैं।
गेहूं के ऑफ सीजन में भी यह लगभग इसी रेट पर बिक रहा था। ग्राहकों को उम्मीद इसके और कम होने की थी, जो पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि सामान्य आटे के भाव 40 रुपये (aate ka bhav) प्रति किलो के करीब हैं, जो पहले की अपेक्षा कम हैं।
गेहूं उत्पादन का आंकड़ा बढ़ा
पिछले साल की तुलना में कई राज्यों में इस बार गेहूं का उत्पादन (MP wheat production) बढ़ा है। इस बार मौमस अनुकूल रहने के कारण उत्पादन लक्ष्य, खरीद लक्ष्य व भंडारण का लक्ष्य जल्द हासिल करने में सरकार को मदद मिलेगी। हालांकि अब अधिक उत्पादन होने से सरकार और व्यापारियों के पास मांग के अनुसार पर्याप्त स्टॉक (wheat stock) है।
अभी गेहूं के भाव में तेजी आने की संभावना कम ही है। अभी किसान खेतों से गेहूं मंडियों (mandi news) में ला रहे हैं। फसल बिजाई का एरिया पहले से इस बार अधिक रहा है। इसलिए इस बार देश में गेहूं उत्पादन (wheat procuction in 2025) भी अधिक हो सकता है, जो 115 मिलियन टन से अधिक होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में गेहूं का बंपर उत्पादन
इस सीजन में गेहूं उत्पादन में यूपी के बाद मध्य प्रदेश (MP wheat rate) काफी आगे रहा है। देश में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की सूची में भी ये उत्पादन के मामले में इसी क्रम पर दिखाई दे रहे हैं।
इस बार उत्तर प्रदेश (UP news) ने देश के कुल गेहूं उत्पादन में 31.7 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी है, जो सबसे ज्यादा है। इसके बाद मध्यप्रदेश (MP wheat production)21.3 प्रतिशत भागीदारी देकर दूसरे स्थान पर व पंजाब 14.7 प्रतिशत भागीदारी के साथ तीसरे नंबर पर रहा है।
इसके बाद हरियाणा और राजस्थान (rajasthan wheat price) का नंबर आता है। इन दोनों राज्यों ने क्रमश: 10 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत उत्पादन भागीदारी की है।