home page

Wheat Rate Down : मुंह के बल गिरे गेहूं के दाम, MSP से भी कम हो गया रेट

Wheat Rate Down : गेहूं के भाव में जून माह की शुरुआत से कुछ तेजी देखी जा रही थी, लेकिन अब अचानक इसमें तगड़ी गिरावट आई है। इस समय मुंह के बल गिरे गेहूं के भाव देखकर किसान भी मंडियों (mandi bhav today) में कम ही गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। कई जगह तो गेहूं के दाम एमएसपी (wheat MSP) से भी काफी नीचे आ गए हैं। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। आइये जानते हैं किन राज्यों में कितना है गेहूं का भाव।
 | 
Wheat Rate Down : मुंह के बल गिरे गेहूं के दाम, MSP से भी कम हो गया रेट

HR Breaking News - (Wheat Rate)। केंद्र सरकार की ओर से इस बार गेहूं के भाव (Wheat rate 26 june) में 150 रुपये की बढ़ौतरी प्रति क्विंटल गेहूं पर की गई थी। इसका फायदा भी किसानों को गेहूं के शुरुआती सीजन में खूब मिला। अब अचानक गेहूं के रेट (Wheat rate update) गिरने से यह एमएसपी से भी नीचे चला गया है।

किसानों को पहले की तरह अब मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि कई किसान अब  निजी व्यापारियों को गेहूं बेचने के अवसर तलाश रहे हैं तो कई ने गेहूं को स्टॉक (wheat stock) करना शुरू कर दिया है।

किसान करने लगे गेहूं स्टॉक-


गेहूं के दाम अचानक गिरने से किसानों ने गेहूं को स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इससे आने वाले समय में गेहूं के दाम  (Wheat price today)और बढ़ सकते हैं। निजी व्यापारी आने वाले समय में अधिक रेट पर गेहूं खरीद सकते हैं। आगामी समय में गेहूं की मांग बढ़ने व घटती आपूर्ति का असर गेहूं के दामों (Wheat rate) पर देखने को मिल सकता है, लेकिन फिलहाल गेहूं के दाम (gehu ka bhav) कई राज्यों मे एमएसपी के करीब हैं तो कई जगह इससे भी कम हो गए हैं। 

इस कारण घटे रेट -


इस समय गेहूं के दाम (wheat rate latest) गिरने का कारण बारिश का मौसम बताया जा रहा है। भीगे गेहूं व खराब गुणवत्ता वाले गेहूं का रेट गिरा है जो एमएसपी से भी नीचे चला गया है। हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाला गेहूं अच्छे रेट पर बिक रहा है। यह एमएसपी से अभी ऊपर बना हुआ है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश (MP wheat rate) में गेहूं के दाम पहले से काफी गिर गए हैं।

आगामी समय में बढ़ सकते हैं रेट-


पिछले सप्ताह गेहूं के दाम (Wheat rate update) एकदम से टॉप लेवल पर जा पहुंचे थे। इसका फायदा किसानों को खूब मिला है, लेकिन अब रेट (gehu ka bhav) कम होने से किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में रेट और बढ़ सकते हैं। आटे का भाव (flour price today) भी अगले कुछ माह में बढ़ सकता है।