wheat rate hike : इस राज्य में एकदम से बढ़ गए गेहूं के दाम, अब इतना हो गया रेट
Wheat price : गेहूं के भाव में अचानक उछाल देखने को मिला है। देशभर की मंडियों में गेहूं का रेट उतार चढ़ाव पर है, एक राज्य में गेहूं के दाम (wheat rate 10 may) एकदम से हाई हो गए हैं। यहां पर प्रति क्विंटल गेहूं के रेट एमएसपी से काफी ऊपर चले गए हैं। कुछ दिन तक गेहूं के दाम (gehu ka bhav) एमएसपी के करीब चल रहे थे, अब किसानों को इसे ऊपर गेहूं बेचने का मौका मिल रहा है। आइये जानते हैं अलग अलग राज्यों में प्रति क्विंटल गेहूं का ताजा भाव।

HR Breaking News - (wheat rate update)। भारत-पाक तनाव के बीच गेहूं के दामों में जबरदस्त बढ़ौतरी हो गई है। एक राज्य में ये एमएसपी (wheat MSP) से काफी अधिक हो गए हैं। किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं पर तगड़ा मुनाफा मिल रहा है। इसके साथ ही चना व सरसों में भी तेजी देखने को मिल रही है।
एकदम से गेहूं के दाम (latest wheat price ) बढ़ने के पीछे का कारण इसे स्टॉक करना बताया जा रहा है। इस समय स्थिति यह है कि देशभर की अलग-अलग मंडियों में गेहूं के रेट में अंतर देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में गेहूं के रेट (gehu ka taja bhav) और हाई होने की संभावना है।
प्रति क्विंटल गेहूं का इतना हुआ भाव-
उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में गेहूं का भाव 2650 रुपये (wheat rate 10 may 2025) प्रति क्विंटल के करीब है। यहां पर किसानों को बोनस भी दिया जा रहा है। गेहूं के भाव में औसत रूप से 150 रुपये की तेजी प्रति क्विंटल गेहूं के हिसाब से आई है। राजस्थान में यह तेजी 200 रुपये प्रति क्विंटल तक है। राजस्थान में तो एकदम से गेहूं के भाव 2800 रुपये (wheat rate in rajasthan) प्रति क्विंटल तक हो गए हैं, 150 रुपये बोनस भी किसानों को एक क्विंटल गेहूं बेचने पर मिल रहा है।
चना व सरसों का ताजा भाव -
इसी तरह से चना 200 और सरसों 300 रुपए (sarso price today) क्विंटल तक बढ़ गए हैं। चना इस समय 5600 रुपए प्रति क्विंटल और सरसों 6300 रुपये प्रति क्विंटल तक बेची जा रही है।
इस कारण बढ़ रहे गेहूं के दाम-
गेहूं के दाम स्टॉक किए जाने के कारण बढ़ रहे हैं। पिछली बार भी इसी कारण से गेहूं के भाव (wheat price) में तेजी देखने को मिली थी। एकदम से कई राज्यों में गेहूं के दाम बढ़ गए थे। आटा मिल मालिकों की ओर से गेहूं की डिमांड की जाने लगी है, इस कारण गेहूं के दाम (gehu ka taja bhav) बढ़े हैं। किसानों की ओर से भी गेहूं को अब रोका जा रहा है। इस कारण मंडियों में आवक और खरीद कम हो गई है।
खुदरा व्यापारी किसानों से सीधा खरीद रहे गेहूं-
केंद्र व राज्य सरकारें अपने खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। किसान अब सरकारी खरीद केंद्रों पर कम गेहूं ला रहे हैं। कई खुदरा व्यापारी सीधे ही किसानों से गेहूं खरीदने उनके घरों पर ही पहुंच रहे हैं। किसानों को उनसे अच्छे दामों पर गेहूं बेचने का मौका मिल रहा है। मंडियों (mandi bhav) में जहां गेहूं इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये (wheat MSP) के करीब है, वहीं व्यापारी व आढ़ती 2700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं।