Wheat Rate Today : रॉकेट की रफ्तार पर गेहूं का भाव, जानिये कहां कितने हो गए दाम
Wheat Price Hike : गेहूं के भाव में फिर से तेजी लौट आई है। अब गेहूं के दाम रॉकेट की रफ्तार से दौड़ रहे हैं। अधिकतर मंडियों में गेहूं के दाम (wheat rate latest) एमएसपी से अधिक हो गए हैं। हाई रेट पर गेहूं बेचकर किसान गेहूं की बिक्री से मुनाफा बटोर रहे हैं। आइये जानते हैं कहां कितने हो गए गेहूं के दाम-

HR Breaking News - (wheat rate) गेहूं के दामों में हर दिन ताबड़तोड़ बढ़ौतरी देखी जा रही है। किसानों को अब गेहूं की बिक्री पर पहले से डबल कमाई हो रही है। पिछले कुछ दिनों से गेहूं के भाव (gehu ka bhav) में स्थिरता देखी जा रही थी, लेकिन अब ये एकदम रॉकेट की रफ्तार पकड़ गए हैं। मंडियों और बाजारों में इससे हलचल बढ़ गई है। व्यापारी भी अब पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। कई मंडियों में आज गेहूं के भाव (wheat rate 4 july) बदले हुए नजर आए हैं।
अभी जारी रहेगी तेजी-
गेहूं के भाव (gehu ka aaj ka bhav) इन दिनों तेजी से दौड़ रहे हैं। खरीद और आवक का आंकड़ा भी पलट गया है। बेशक यह आंकड़ा कम हुआ है लेकिन गेहूं के दाम (wheat price) सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। इसके पीछे गेहूं को किसानों की ओर से स्टॉक किया जाना माना जा रहा है।
हालांकि बहुत से किसान गेहूं सीधे निजी व्यापारियों को भी बेच रहे हैं। गेहूं के स्टॉक होने से मांग बढ़ी है और आपूर्ति का दबाव बाजार पर बना है। इस कारण रेट अचानक बढ़ गए हैं। गेहूं के भाव (wheat price today) में तेजी का यह दौर कई दिनों तक जारी रहने का अनुमान है।
एमएसपी से इतने ऊपर हो गए दाम-
गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये (wheat MSP) प्रति क्विंटल तय किया गया है। अधिकतर राज्यों में अब गेहूं का रेट एमएसपी से ऊपर चला गया है। इसके रेट अधिकतर राज्यों में औसत रूप से 2620 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे हैं। मध्य प्रदेश (MP wheat rate) और उत्तर प्रदेश में गेहूं के औसत दाम (UP wheat price) 2610 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
एक माह में इतने बढ़े रेट -
गेहूं के रेट में एक माह में ही ताबड़तोड़ बढ़ौतरी हुई है। जून माह में गेहूं का भाव 2450 रुपये (wheat price hike) प्रति क्विंटल तक था, जो अब जुलाई में 2000 रुपये तक उछल गया है। इस सीजन में शुरू में ही गेहूं के भाव में उतार चढ़ाव जारी था, अप्रैल मई में तो गेहूं के भाव (wheat rate 4 july) के साथ ही बोनस भी किसानों को मिला था।
इसके बाद सरकारी खरीद बंद होने के बाद निजी व्यापारियों के जरिये गेहूं की बिक्री (wheat selling) होने से फिर से रेट बढ़े हैं। जुलाई के पहले वीक में ही अचानक गेहूं का रेट हाईलेवल पर पहुंच गया है।
निजी व्यापारियों ने बदली भाव की स्थिति-
पिछले दो माह में गेहूं के भाव (gehu ka taja bhav) में अधिक उतार चढ़ाव नहीं आया था, लेकिन अब जुलाई के पहले सप्ताह में अधिक फेरबदल हुआ है। भाव की पूरी स्थिति को बदलने में निजी व्यापारियों ने अहम भूमिका निभाई है। मंडियों (mandi bhav today) में भी अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।
एक्सपर्ट्स की राय-
बाजार व मंडी भाव के विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं के भाव (gehu ka rate) में उतार चढ़ाव का दौर जारी रहेगा। अभी सीजन का मध्य समय है, जब ऑफ सीजन होगा तो रेट और होई हो सकते हैं। आने वाले दो तीन माह में गेहूं के दाम बढ़ने से इससे बने खाद्य पदार्थों के रेट भी बढ़ सकते हैं।
आटे के दाम (flour price today) भी आसमान छू सकते हैं। गेहूं के दाम नवंबर दिसंबर तक 4000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर जा सकते हैं। इसके बाद गेहूं के भाव में नरमी देखने को मिल सकती है। सरकार को गेहूं के भाव (wheat rate today) पर रोकथाम के लिए समय पर कदम उठाने होंगे।