Car Loan - नई कार खरीदने से पहले जान लीजिए लोन का खेल, वरना पड़ेगा पछताना 
 

अक्सर ग्राहक कार खरीदते समय एक लाख रुपये का डाउन पेमेंट (Down Payment) करता है. बाकी 6 लाख रुपये EMI में भरने के लिए तैयार हो जाते हैं. सामान्यतौर पर  लोग Car Loan 5 या 7 साल के लिए लेते हैं.
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- आज के दौर में बे'कार' कोई नहीं रहना चाहता है. कुछ लोगों की जरूरतें होती हैं, तो कुछ स्टेटस सिंबल (Status Symbol) के लिए कार खरीद लेते हैं. क्योंकि अगल-बगल सबके पास अपनी कार है, तो हमारे पास भी होनी चाहिए. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो बिना सोचे-समझे जरूरत से बड़ी कार ले लेते हैं. वे ये नहीं सोचते कि हाथी खरीदना आसान है, लेकिन उसका पेट भरना मुश्किल काम है.


आज हम बताएंगे, कि कब आपको कार खरीदनी चाहिए? कार खरीदने के लिए कितनी सैलरी होनी चाहिए? कितनी कीमत की कार खरीदनी चाहिए? और सबसे अहम फैसला कार नई (New Car) लेनी चाहिए या फिर पुरानी (Used Car)?  


सवाल- कब खरीदनी चाहिए कार?


अगर आप किसी मेट्रो शहर में रहते हैं तो आसानी से आपको कैब की सुविधा मिल जाएगी. हालांकि अगर कार लेने का मन बना लिया है तो फिर बजट के हिसाब (Financial values) से फैसला लेना जरूरी है. दरअसल, कई बार लोग बिना फैसले के कार खरीद लेते हैं, फिर EMI भरते-भरते परेशान हो जाते हैं. कार की EMI आपकी कुल सैलरी का 7 से 10 फीसदी हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि सैलरी का बड़ा हिस्सा रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सेविंग में जाता है.

ऐसे में अर्थशास्त्र के नजरिये से कुल आय का अधिकतम 10 फीसदी हिस्सा ही कार की किस्तों पर खर्च कर सकते हैं. 
उदाहरण के लिए हम एक मध्यमवर्गीय परिवार को लेते हैं, जो पहली कार करीब 7 लाख रुपये तक का खरीद सकता है. ये कार Maruti WagonR, Tata Punch या फिर Hyundai  i10 हो सकती है.

अक्सर ग्राहक कार खरीदते समय एक लाख रुपये का डाउन पेमेंट (Down Payment) करता है. बाकी 6 लाख रुपये EMI में भरने के लिए तैयार हो जाते है.सामान्यतौर पर लोग Car Loan 5 या 7 साल के लिए लेते हैं. हम यहां 5 साल की अवधि को लेकर आगे बढ़ते हैं. 

फिलहाल कार लोन पर ब्याज साढ़े 8 फीसदी मानकर चलते हैं. ऐसे में 6 लाख रुपये के लोन पर 5 साल के लिए 8.50 फीसदी ब्याज के हिसाब से ईएमआई (EMI) 14,362 रुपये की होगी. यानी हर महीने 14,362 रुपये की EMI भरनी होगी. इस तरह से ग्राहक को 5 साल में कुल 8,61,694 रुपये भुगतान करने होंगे, जिसमें ब्याज का हिस्सा 1,61,694 रुपये होगा. 


अब मुद्दे की बात करते हैं, हर महीने 14,362 रुपये की EMI भरने के लिए आपकी सैलरी कम से कम एक 1 लाख रुपये महीने होनी चाहिए.  क्योंकि कुल सैलरी का 7-10 फीसदी हिस्सा ही कार लोन के तौर पर इस्तेमाल होना चाहिए. आइए 7 लाख रुपये की नई कार को खरीदने के लिए फॉर्मूले को समझते हैं.


New Car (नई कार)-


कार की कीमत- 7,00,000 रुपये 
डाउन पेमेंट- 1,00,000 रुपये 
लोन अमाउंट- 6,00,000 रुपये
ड्यूरेशन ऑफ लोन- 5 साल


Rate of Interest- 8.5% Yearly 
EMI- 14,362 रुपये
Total Payment: (Down Payment+EMI)
(1,00,000+8,61,694 रुपये= 9,61,694 रुपये) 


ऐसे में अगर सैलरी एक लाख रुपये से कम है, या फिर EMI भरने में कुल आय का 20 फीसदी हिस्सा चला जाता है, तो क्या ऐसी सूरत में पुरानी कार को खरीदना फायदे का सौदा रहेगा? आंकड़े कहते हैं कि अगर आपकी मंथली आमदनी एक लाख रुपये से कम है तो फिर पुरानी कार खरीदना वित्तीय तौर पर सही फैसला होगा. आइए समझते हैं गणित.
जो कार आप 7 लाख रुपये में नई खरीदने की सोच रहे हैं, वही कार आपको 3 से 4 साल पुरानी 3 लाख रुपये में मिल जाएगी.

आपने जो डाउन पेमेंट के लिए 1 लाख रुपये  रखा है, उसे देने के बाद आपको 2 लाख रुपये बैंक से कार लोन लेना पड़ेगा. जिसकी 5 साल तक हर महीने 4,152 रुपये EMI होगी. पुरानी कार लेने पर आप 5 साल के बाद डाउन पेमेंट समेत कुल 3,49,100 रुपये का भुगतान करेंगे. आइए आंकड़े देखते हैं.


Old Car (पुरानी कार)-


कार की कीमत- 3,00,000 रुपये 
डाउन पेमेंट- 1,00,000 रुपये
लोन अमाउंट- 2,00,000 रुपये


ड्यूरेशन ऑफ लोन- 5 साल
Rate of Interest- 9% Yeraly 
EMI- 4,152 रुपये
Total Payment: (Down Payment+EMI)
(1,00,000+2,49,100 रुपये= 3,49,100 रुपये) 


नई कार के बजाय पुरानी कार खरीदने से ग्राहक को इस डील में लाखों रुपये (9,61,694-3,49,100= 6,12,594 रुपये) की बचत होने वाली है.  


अब इसके दूसरे पहलू पर गौर करते हैं. 5 साल के बाद नई कार की वैल्यू घटकर 3 से 4 लाख रुपये हो जाएगी, जबकि पुरानी कार की रिसेल वैल्यू भी एक से दो लाख  के बीच रहेगी. यानी 5 साल के बाद असली फर्क पता चलेगा. यही नहीं, 10 साल के बाद दोनों कारों की कीमतें लगभग एक बराबर रह जाएंगी. 


फायदे का सौदा कैसे? 
इस फॉर्मूले से आप पुरानी कार खरीदकर 6,12,594 रुपये की सेविंग कर सकते हैं. ये तो एकमुश्त पैसा बचेगा, लेकिन एक और तरीका है,  जिससे आप 10 लाख रुपये तक बचा सकते हैं. नई और पुरानी कार में दोनों में डाउन पेमेंट एक बराबर है. लेकिन महीने की EMI में बड़ा फर्क है.

नई कार की EMI 14,362 रुपये और पुरानी कार की EMI 4,152 रुपये बैठेगी. इस हिसाब से हर महीने पुरानी कार खरीदने से 10,210 रुपये की बचत हो सकती है, जिसे आप Mutual Fund में SIP कर 5 साल में 12% सालाना रिटर्न के हिसाब से 8,42,186 रुपये जुटा सकते हैं. अगर 15% रिटर्न मिलता है तो फिर 5 साल में 9,15,650 रुपये की बचत होगी. अब आप खुद तय करें कि अगर आपकी सैलरी एक लाख रुपये से कम है तो नई कार लेनी चाहिए या फिर पुरानी?