Truck Ban : सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, इस जगह बंद क्र दी ट्रकों की एंट्री, लोगों को आ रही है दिक्कत 

सरकार ने प्रदूषण को लेकर ये अहम फैसला किया है , सरकार ने इस जगह पर ट्रक की एंट्री बन क्र दी है जिससे आम लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ट्रकों की एंट्री बन होने से कहीं न कहीं महंगाई परभी असर पड़ेगा।  आइये जानते हैं पूरी डिटेल। 

 

HR Breaking News, New Delhi : कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से ग्रैप का चौथा चरण लागू कर दिया है। अगले कुछ दिनों तक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत गंभीर या गंभीर कैटेगरी में रहेगा। ग्रैप-4 के तहत अब दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ क्लीन फ्यूल पर ही इंडस्ट्री चल सकती है। बाकि सब बंद हो गई हैं। इसका दिल्ली में खास असर नहीं होगा, क्योंकि दिल्ली में ज्यादातर इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल बिजली और पीएनजी से चलती हैं। लेकिन, ग्रैप-4 ज्यादा दिनों तक लागू रहा, तो दिल्ली की इंडस्ट्री भी बंद हो सकती है। क्योंकि कमर्शल ट्रकों की एंट्री दिल्ली में नहीं होगी। यदि कच्चे और तैयार माल की आवाजाही नहीं हो सकेगी, तो इंडस्ट्री लंबे वक्त तक नहीं चल सकती। हालांकि, 6 नवंबर को फिर से कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की सब कमेटी एयर क्वालिटी और लागू ग्रैप की समीक्षा करेगी।


दूर-दराज के राज्‍यों से डीजल ट्रकों में आता है माल
बवाना मैन्युफैक्चरर्स वेलफेयर असोसिएशन के प्रेजिडेंट राजीव गोयल ने बताया कि दिल्ली में ग्रैप-4 का कोई असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली में भरपूर मात्रा में क्लीन फ्यूल है। ज्यादातर फूड इंडस्ट्री बिजली और बॉयलर पीएनजी से चलते हैं। दिक्कत होगी, माल की आवाजाही में। डीजल की गाड़ियों पर रोक लग गई है। दिल्ली में दूसरे राज्यों से कच्चा माल आता है। यहां से तैयार माल दूसरे राज्यों में जाता है, तो डीजल के मालवाहक ट्रक काम आते हैं। सीएनजी की उपलब्धता दिल्ली-एनसीआर तक है। मगर गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे दूर-दराज के राज्यों में माल तो डीजल वाहनों से आता-जाता है। इनकी एंट्री दिल्ली में नहीं होगी, तो फैक्ट्रियों में निर्माण कार्य बाधित होगा। इंडस्ट्री आज नहीं तो कल बंद ही करनी पड़ेगी। राजीव ने बताया कि फैक्ट्री मालिक बड़ी चिंता में हैं। अब एयर पलूशन भी गंभीर श्रेणी में है। आंखों में जलन और खांसी हो रही है। स्वास्थ्य भी जरूरी है। मौजूदा समय में कुछ नहीं कर सकते।

ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगने से कारोबारी बेचैन
बाहर से आने वाले सभी ट्रकों के प्रवेश पर रोक लग गई है। जरूरी सामान लाने वाले, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी नहीं है। आयोग की सख्ती के बाद कारोबारियों की टेंशन बढ़ गई है। दिल्ली प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के प्रेजिडेंट चंदर भूषण गुप्ता ने कहा कि अब काम का समय है। शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया है। व्यापारी देर शाम तक अपने प्रतिष्ठान को खोल रहे हैं। माल के ऑर्डर आ रहे हैं। इनकी डिलिवरी करना मुश्किल हो रहा है। दूसरे राज्यों से कच्चा माल आने और फिनिश गुड्स भेजने में मुश्किल आ रही है।

गुप्ता ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद हवा की गुणवत्ता जहरीली बनी हुई है। सुबह-शाम सैर पर जाना छूट गया है। घर से मोरी गेट दुकान तक जाते हैं, तो मुंह पर रूमाल रखना होता है। फिर भी खांसी और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली में एयर पलूशन की खबरें मीडिया के माध्यम से देशभर में पहुंच रही हैं। अब दूरदराज के शहरों से छोटे-बड़े कारोबारियों ने अपना बिजनेस ट्रिप पोस्टपोन कर दिया है। इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। पंजाब और हरियाणा के खेतों में किसान पराली जला रहे हैं। इसका धुआं पूरे उत्तर भारत की सांसों को घोंट रहा है। हर साल इन दिनों में नेता सिर्फ बयानबाजी करते हैं।