Employees Update - सभी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, 7286 की बजाए 10,200 रुपये मिलेगी पेंशन

कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। जिसके तहत ये कहा जा रहा है कि कर्मचारियों को पेंशन 7286 की बजाए 10,200 रुपये मिलेगी। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में सदस्यों के लिए अधिक योगदान का रास्ता साफ करने पर विचार कर रही है. इसके लिए वेतन सीमा को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये किए जाने की योजना है.

पिछली बार केंद्र सरकार ने सितंबर 2014 में वेतन सीमा को 6 हजार से बढ़ाकर 15 हजार किया था. वेतन सीमा 21 हजार होने पर ईपीएस और ईपीएफ सदस्यों को अधिक योगदान करने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद 7 हजार रुपये की बजाय 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन प्रतिमाह मिल सकेगी.

वेतन कैप हटने पर बढ़ेगी पेंशन अंशदान राशि-


वर्तमान में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) खाते में योगदान की गणना मूल वेतन 15,000 रुपये प्रतिमाह पर कैप करके की जाती है. मूल वेतन पर 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस खाते में जाता है, जिसका अधिकतम योगदान 1,250 रुपये प्रति माह तक सीमित है. अगर सरकार वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर देती है तो यह योगदान बढ़ जाएगा.

परिणाम लॉ एसोसिएट्स की सीनियर पार्टनर मल्लिका नूरानी कहती हैं कि वेतन सीमा 21 हजार होने पर मासिक ईपीएस योगदान 1,749 रुपये हो जाएगा, जो 21,000 रुपये का 8.33 फीसदी होगा.


ईपीएफ खाते में 12 फीसदी योगदान-


कर्मचारी भविष्य निधि और अधिनियम 1952 के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ईपीएफ खाते में मूल वेतन, महंगाई भत्ता का 12 फीसदी समान योगदान करते हैं. कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ खाते में जमा होता है. जबकि, नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जमा किया जाता है और शेष 3.67 फीसदी ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है.

कर्मचारी पेंशन का गणना का सूत्र-


ईपीएफ योजना के तहत वेतन सीमा में वृद्धि से सेवानिवृत्ति के समय पेंशन राशि भी अधिक होगी. कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 के अनुसार ईपीएस पेंशन की गणना करने का सूत्र इस प्रकार है- (पेंशन योग्य सेवा के वर्षों की संख्या X60 महीनों के लिए औसत मासिक वेतन)/70.


लक्ष्मीकुमारन श्रीधरन अटार्नी के पार्टनर नूरुल हसन कहते हैं कि यदि वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाता है तो पेंशन राशि में वृद्धि होगी. इसे एक उदाहरण से समझिए- किसी कर्मचारी की पेंशन योग्य सेवा अवधि 32 वर्ष है. मंथली सैलरी की गणना सेवानिवृत्ति से पहले के 60 महीनों के औसत वेतन को लेकर की जाएगी.

हालांकि, अगर 60 महीनों के दौरान कर्मचारी का मूल वेतन 15,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक है तो पेंशन की गणना करने के लिए 15,000 रुपये को एक महीने के वेतन के रूप में माना जाएगा. इसके अलावा यदि किसी कर्मचारी ने 20 वर्ष से अधिक काम किया है तो सेवा अवधि में बोनस के रूप में 2 वर्ष जोड़े जाते हैं. ईपीएस सदस्य को मिलने वाली मासिक पेंशन 7286 रुपये होगी, यानी (34x15,000)/70।


पेंशन 7286 की बजाए 10,200 रुपये मिलेगी-


केंद्र सरकार की ओर से अगर वेतन सीमा बढ़ाई जाती है तो गणना के उद्देश्य से औसत मासिक वेतन 21,000 रुपये हो जाएगा. ऐसे मामले में एक कर्मचारी को मिलने वाली मासिक पेंशन 10,200 रुपये होगी. यानी (34x21,000)/70. इसलिए वेतन सीमा में 6,000 रुपये की वृद्धि से मासिक पेंशन लगभग 2,900 रुपये बढ़ जाती है. मतलब, ईपीएस सदस्यों को मासिक पेंशन 7286 रुपये की बजाए 10,200 रुपये मिलने लगेगी.