Income Tax : अगर इस सोर्स से हुई है कमाई तो नहीं देना होगा 1 भी रुपया टैक्स

 आय के कुछ सोर्स ऐसे भी हैं जहां से होने वाली कमाई इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती. जिसकी वजह से आपको उस आय पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है। लकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी लागू होती हैं. 

 

HR Breaking News, Digital Desk- भारत का हर नागरिक जिसकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो वह आयकर के दायरे में आता है. लेकिन आय के कुछ सोर्स ऐसे भी हैं जहां से होने वाली आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती. हालांकि इनके साथ कुछ शर्तें भी लागू होती हैं. आज हम आपको टैक्स फ्री इनकम टैक्स के बारे में बताएंगे.

खेती से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स फ्री है. आप अगर किसी फर्म में पार्टनर हैं तो प्रॉफिट के शेयर के तौर पर मिली राशि टैक्स फ्री है, क्योंकि कंपनी पहले ही इस पर टैक्स दे चुकी होती है. ये ध्यान रखें कि टैक्स छूट सिर्फ प्रॉफिट पर है, सैलरी पर नहीं.

गिफ्ट-

- आपको जो उपहार मिलते हैं वे टैक्स के दायरे में आते हैं. आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर टैक्स लगता है.


- अगर गिफ्ट आपको शादी पर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले हैं तो इन पर टैक्स नहीं देना होगा. ये गिफ्ट (चल-अचल संपत्ति) 50,000 रुपये से ज्यादा के नहीं होने चाहिए. इसके साथ ही ये गिफ्ट शादी की तारीख या उसके आस-पास की तारीख पर मिलने चाहिए.


आयकर कानून के मुताबिक कुछ खास लोगों या रिश्तेदारों से अगर उपहार मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं लगता फिर भले ही वे 50,000 रुपये से ज्यादा के क्यों न हों. जानते हैं वे खास लोग कौन है.

- पति या पत्नी से मिला गिफ्ट
- भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी


- पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट
- हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट
- लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट
- सेक्शन 10 (23C) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट
- सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट


ग्रेच्युटी राशि-


- कोई कर्मचारी किसी ऑर्गेनाइजेशन में लगातार 5 साल काम करने के बाद नौकरी छोड़ता है तो उसे ग्रेच्युटी मिलती है.
- ग्रेच्युटी टैक्स छूट के दायरे में आती है.
- सरकारी कर्मचारी के लिए 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी टैक्स फ्री है.
- प्राइवेट कर्मचारी के मामले में 10 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी टैक्स फ्री है.

EPF- 

- लगातार 5 साल नौकरी करने के बाद अगर कर्मचारी अपना इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) निकालता है तो यह टैक्स फ्री होगा.

VRS में मिली रकम-

- सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) लेने पर मिलने वाली राशि में 5 लाख रुपये तक की राशि टैक्स फ्री होगी. हालांकि यह सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलती है.


PPF अमाउंट-


- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश किया जाने वाला पैसा, मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाली रकम तीनों टैक्स फ्री हैं. 

NRE सेविंग/FD अकाउंट का ब्याज-

-NRI को NRE (नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल) खाते पर मिलने वाला ब्याज भारत में टैक्स फ्री है. NRE बचत खाता और NRE FD दोनों तरह के खातों पर मिलने वाला ब्याज इसमें शामिल है.​


HUF से मिली रकम-

-आयकर कानून के सेक्शन 10(2) के तहत अविभाजित हिन्दू परिवार (HUF) से मिली रकम या विरासत के रूप में हुई आमदनी भी टैक्स के दायरे से बाहर है.

एजुकेशनल स्कॉलरशिप-

- सरकार या प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन से स्टडी या रिसर्च के लिए मिली स्कॉलरशिप टैक्स फ्री है.
- हर तरह की एजुकेशनल स्कॉलरशिप (स्कूल से लेकर कॉलेज लेवल और विदेशों में पढ़ाई के दौरान मिलने वाली) टैक्स के दायरे से बाहर है.
- माता-पिता से या पारिवारिक विरासत में मिली प्रॉपर्टी, जेवर या कैश टैक्स के दायरे से बाहर है.
- वसीयत के माध्यम से मिलने वाली प्रॉपर्टी या कैश पर भी टैक्स नहीं लगता.


- ध्यान रखें कि इनकम टैक्स विभाग करदाता से इस लेनदेन को लेकर सवाल कर सकता है.
- अगर ऐसा होता है तो करदाता को साबित करना होगा कि रकम या प्रॉपर्टी उसे मां-बाप, वसीयत या खानदानी विरासत के तौर पर मिले हैं.
- करदाता अगर मिली हुई राशि को निवेश कर कमाई करता है या प्रॉपर्टी से कमाई या ब्याज हासिल करता है तो फिर उसे इनसे होने वाली आमदनी पर टैक्स देना होगा.