क्या आप जानते हैं iPhone को शानदार बनाने वाले ये 10 फ़ीचर्स चुराए गए हैं?

Android Features Which Apple Has Copied:  Apple कंपनी के स्मार्टफ़ोन जिन्हें हमiPhone ' भी कहते हैं, उसे ख़रीदने का क्रेज़ भारत में सबसे ज़्यादा यूथ के बीच देखने को मिलता है.

 

आपने कई लोगों से ये कहते सुना होगा कि एप्पल (Apple) के फ़ोन के ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से वो मक्ख़न की तरह चलते हैं. साथ ही इसके क़माल के फ़ीचर्स आपको निराश होने का एक भी मौका नहीं देंगे.

आप में से कई ऐसे भी एंड्रॉइड यूज़र्स होंगे, जो 'iPhone' के बढ़िया फ़ीचर्स की तारीफ़ अपने दोस्तों या आसपास के लोगों से सुनते होंगे. लेकिन इसकी हाई-फ़ाई क़ीमत सुनकर आपके हाथ चाहकर भी इसे ख़रीदने से कतराते होंगे.

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एंड्रॉइड यूज़र्स अब थोड़ा इतरा लो. वो इसलिए क्योंकि इस हाई-फ़ाई प्राइस वाले iOS वर्ज़न के फ़ोन के ऐसे ढेरों फ़ीचर्स हैं, जो एंड्रॉइड के ऑपरेटिंग सिस्टम से चुराए गए हैं. आज हम एक-एक करके उन सभी एप्पल के कॉपी कैट फ़ीचर्स के बारे में आपको बताएंगे. ( Android Features Which Apple Has Copied)

 

Android Features Which Apple Has Copied

1. Hey Siri

इस फ़ीचर को iPhone का सबसे मेन फ़ीचर माना जाता है. इसकी मदद से आप अपनी वॉइस के ज़रिए अपने फ़ोन से कोई भी काम करवा सकते हैं. लेकिन इस फ़ीचर को सबसे पहले मार्केट में उतारने वाला एंड्रॉइड ही था. सबसे पहले ये Moto X में देखने को मिला था, जिसे हम OK Google के नाम से भी जानते हैं. ये भी सेम करता है, जो iPhone में Siri आपके लिए करती है.

 

2. Home Screen Widgets

कई सालों से Android में विज़ेट का फ़ीचर हम देखते रहे हैं. इस फ़ीचर के ज़रिए एंड्रॉइड फ़ोन App के आइकॉन अपने हिसाब से बदल सकते हैं. साथ ही इसके ज़रिए आप एक App को खोले बिना आप उसमें फ़ास्ट मोड में जानकारी पा सकते हैं. इसकी देखादेखी करते हुए iPhone ने भी iOS 14 में होम स्क्रीन विज़ेट का फ़ीचर लॉन्च किया था. कंपनी ने इसमें कुछ एक्स्ट्रा फ़ीचर्स जोड़े थे. इसके ज़रिए आप अपने iPhone के फ़ोन स्क्रीन को कस्टमाइज़ भी कर सकते हैं. (Android Features Which Apple Has Copied)

3. वायरलेस चार्जिंग

इस फ़ीचर को सबसे पहलेNexus 4 ' स्मार्टफ़ोन ने मार्केट में उतारा था. इसके ज़रिए आपको फ़ोन में वायर्ड चार्जर लगाने की ज़रूरत नहीं है. आप दूर से भी अपने स्मार्टफ़ोन की चार्जिंग कर सकते हैं. एप्पल इस फ़ीचर को अपने फ़ोन में काफ़ी देरी से लेकर आया था.

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4. App Drawer

काफ़ी पहले आपके द्वारा आईओएस डिवाइस पर इंस्टॉल किया गया प्रत्येक App आपकी होम स्क्रीन पर रहता था, और इसे छुपाए रखने का एकमात्र तरीका इसे एक फ़ोल्डर में करना था. जबकि एंड्रॉइड यूज़र्स के पास App Drawer जैसा फ़ीचर मौजूद था, जिसके ज़रिए आप अपने फ़ोन के Apps को App Drawer में छुपा कर अपने होम स्क्रीन को व्यवस्थित कर सकते हैं. एप्पल ने हाल ही में iOS 14 में ये फ़ीचर लॉन्च किया है. (Android Features Which Apple Has Copied)

 

5. Water Resistance

iPhone यूज़र्स ने इस फ़ीचर की सबसे ज़्यादा डिमांड Apple से की, लेकिन कंपनी की अक्ल तब ठिकाने आई जब एंड्रॉइड स्मार्टफ़ोन ऐसा करने में बाज़ी मार ले गए. ये फ़ीचर सबसे पहले Sony के फ़ोन लेकर आए थे. बाद में वक़्त की मांग के साथ Apple ने भी इसको एंड्रॉइड से कॉपी मार लिया.

 

6. टाइप करने के लिए स्वाइप करें

काफ़ी लोग़ इस बात से अनजान होंगे कि एंड्रॉइड यूज़र्स बहुत टाइम सेType To Swipe ' फ़ीचर का आनंद ले रहे हैं. इसके ज़रिए आपको जो भी कुछ टाइप करना है, उसे टाइप करने के बजाय उसके लेटर्स को अपनी उंगली बिना कीबोर्ड से हटाये एक के बाद एक स्वाइप करें. हालांकि, Apple बहुत बाद में iOS 13 में इस फ़ीचर को लेकर आया है.

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7. पिक्चर इन पिक्चर मोड

इस फ़ीचर के ज़रिए एंड्रॉइड यूज़र्स वीडियो या मूवी देखते समय उस स्क्रीन को मिनिमाइज़ करके बाकी एप्स पर अपने काम भी कर सकते हैं. इस फ़ीचर से इंस्पायर होकर Apple हाल ही इसे iOS 14 सपोर्ट करने वाले फ़ोन में लेकर आया है. जबकि एंड्रॉइड में ये फ़ीचर साल 2017 में ही गया था.

 

8. Wifi Updates

याद है जब एप्पल अपने स्मार्टफ़ोन मेंWifi Updates ' फ़ीचर लेकर आया था? इसके ज़रिए यूज़र्स Wifi के ज़रिए अपने फ़ोन को अपडेट कर सकते हैं. उस ज़माने में इंटरनेट की स्लो स्पीड इसकी एक मुख्य वजह थी. लेकिन Android यूज़र्स के लिए ये एक नॉर्मल न्यूज़ थी, क्योंकि वो इससे भी पहले से इस सुविधा का लुत्फ़ उठा रहे हैं.

 

9. लो बैटरी मोड

कई सालों तक लो बैटरी मोड के मामले में iOS के फ़ोन Android से पीछे रहे थे. बाद में ये फ़ीचर iOS 9 में जोड़ा गया था. इससे लो बैटरी होने पर बैकग्राउंड की एप्स ऑटोमेटिकली रन होना बंद हो जाती हैं. साथ ही CPU की परफॉरमेंस भी कम हो जाती है.

 

10. डिफ़ॉल्ट एप्स सेट करना

iOS 14 ने Apple यूज़र्स के लिए डिफ़ॉल्ट एप्स सेट करना आसान बनाया. ऐसा पहली बार हुआ जब सफ़ारी या एप्पल मेल के अलावा यूज़र्स ईमेल और ब्राउज़िंग के लिए डिफ़ॉल्ट एप्स सेट करने में सक्षम हुए. जबकि Android यूज़र्स के लिए ये बिल्कुल नया नहीं था.

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