Success Story: 2 हजार रूपये में शुरू किया बिजनेस अब 12 देशों में चलता है इस महिला का सिक्का
 

आज के समय में वीएलसीसी (VLCC) की मालकिन वंदना लूथरा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ 2 हजार रूपये में शुरू किया अपना बिजनेस और अब वहीं बिजनेस 12 देशों में चल रहा है। वंदना लूथरा के समाज के प्रति योगदान को लेकर उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है। आइए जानते है उनके बारे में। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- आज के वक्त में ब्यूटी एंड वेलनेस क्षेत्र की माहिर वंदना लूथरा (Vandana Luthra) को कौन नहीं जानता। वह देश की प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक हैं। वंदना लूथरा वीएलसीसी हेल्थ केयर लिमिटेड (VLCC Healthcare Limited) कंपनी की मालकिन हैं।

वंदना लूथरा आज इतना बड़ा नाम यूं ही नहीं बनी हैं। इसके लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की है। आज 12 जुलाई को उनका जन्मदिन है। आइए इस मौके पर जानते हैं कैसे वंदना लूथरा पुरुष समाज में एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढती गईं।


सिर्फ 2000 रुपये से शुरू किया बिजनस-


वंदना लूथरा ने अपनी बचत की छोटी सी रकम से साल 1989 में दिल्ली में वीएलसीसी की शुरूआत की। उस वक्त VLCC भारत का पहला 'ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर' था। उन दिनों देश का वेलनेस मार्केट पहचान ही बना रहा था और फिटनेस-ब्यूटी मिलाकर संपूर्ण वेलनेस एक नए तरह का क्षेत्र था। महज 2000 रुपये से शुरू किया गया बिजनस देखते ही देखते तेजी से बढ़ने लगा। जस्सी जैसी कोई नहीं सीरियल ने वंदना लूथरा के पंखों को नई उड़ान देने का काम किया।


'जस्सी जैसी कोई नहीं' के जरिए जीता दिल-


टीवी पर उन दिनों एक सीरियल आता था-जस्सी जैसी कोई नहीं। उसमें हीरोइन जस्सी अपने लुक की वजह से काफी पॉपुलर हुई थी। बाद में उसका मेकओवर किया जाता है और वह बहुत साधारण लड़की से ग्लैमरस बन जाती है। हफ्ते दर हफ्ते जस्सी और स्मार्ट होती जाती है और फाइनल तक उसे एक बहुत ही खूबसूरत मॉडर्न लड़की के रूप में देखा जाता है। वंदना लूथरा ने कहा, "हमने वह मेकओवर पहली बार टीवी पर किया था।

इसके बाद जस्सी वाला शो इतना पॉपुलर हुआ कि महिलाएं अपना लुक बदलने के लिए घरों से बाहर निकालने लगी। यह एक टर्निंग पॉइंट था, यहां से हमने जाना कि लड़कियां खुद को बदलने के लिए तैयार हैं, हमें उनकी थोड़ी सी मदद करनी है। पहले वे अपने सामान्य लुक को लेकर ना केवल हीनभावना रखती थीं बल्कि परेशान भी रहती थीं। ट्रांसफॉर्मेशन उनके लिए एक कारगर चीज साबित हुई।"


आसान नहीं रहा सफर-


मिडिल क्लास परिवार में पैदा हुईं वंदना लूथरा के लिए उनका सफर आसान नहीं रहा। शुरुआती कई सालों तक तो डॉक्टर उनकी बात से सहमत भी नहीं होते थे कि हेल्थ को ब्यूटी के साथ जोड़कर देखा जाए। वीएलसीसी का आइडिया वंदना लूथरा को मां से मिला। उनका मां एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थीं और अमर ज्योति नाम का एक ऑर्गेनाइजेशन चलाती थीं। पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर थे।

मां को दूसरी की मदद करता देख वंदना ने सोचा कि क्यों ना ब्यूटी को इसमें जोड़ा जाए, जिससे लोगों को मदद मिले। इसके बाद अपने सपनों को पूरा करने के मकसद से वह ब्यूटी एंड वेलनेस की पढ़ाई करने विदेश चली गईं। इसके बाद चीजों को देखने का उनका नजरिया ही बदल गया। 1980 में शादी के बाद कई सालों तक उनका संघर्ष चला, लेकिन फिर धीरे-धीरे वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगीं।

पद्म श्री वंदना लूथरा ने हासिल की हैं कई उपलब्धियां-


वंदना लूथरा के काम को कितनी अहमियत मिली, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2013 में समाज के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 2015 में वंदना लूथरा ने फॉर्च्यून इंडिया की भारत की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में 33वां स्थान हासिल किया। मोदी सरकार ने उनके काम की वजह से ही उन्हें ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल का चेयरपर्सन बना दिया।


12 देशों में फैला वीएलसीसी का बिजनस-


वीएलसीसी का बिजनस 12 देशों में फैला है। भारत और सिंगापुर में वीएलसीसी के अपने प्लांट हैं जिनमें स्किन केयर, हेयर केयर और बॉडी-केयर प्रोडक्ट का उत्पादन भी होता है। VLCC में 6,000 से अधिक लोग काम करते हैं। इनमें डॉक्टर, न्यूट्रीशनिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, कॉस्मेटोलॉजिस्ट, ब्यूटीशियन, फीजियोथिरेपिस्ट आदि हैं।

32 साल से जारी कामकाज में वीएलसीसी लगातार तरक्की करते हुए न केवल एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कम्पनियों में शुमार हो गई है बल्कि इसने भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है।