टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा अपडेट, 1 अप्रैल से TDS और TCS से जुड़े बदल जाएंगे ये नियम

HR Breaking News - (budget 2025)। टैक्सपेयर्स के लिए नियमों को आसान बनाने के लिए वित्त मंत्री की ओर से केंद्रीय बजट में कुछ खास बदलाव को लेकर ऐलान किए गए थे ये बदलाव 1 अप्रैल से लागू होने वाले हैं। इन खास बदलावों में स्रोत पर टैक्स कटौती (Tax Deduction at Source) और स्रोत पर टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) के नए नियम भी शामिल होंगे। आइए खबर में जानते हैं कि इन नियमों से टैक्सपेयर्स पर क्या असर हो सकता है।
इन लोगों के लिए राहतभरें संशोधन-
केंद्र सरकार की ओर से बजट में ऐलान किया गया था कि सीनियर सीटिजन के लिए TDS कटौती (TDS deduction for senior citizens) को बढ़ाकर डबल कर दिया गया है। पहले यह कटौती 50000 रुपये थी, जो बजट में घोषणा के बाद 1 लाख रुपये हो गई है। सरकार के इस ऐलान के बाद टैक्सपेयर्स के साथ-साथ मकान मालिकों को भी बड़ी राहत मिली है, क्योंकि, इस फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) से केवल TDS कटौती का ही नहीं बढ़ाया गया है, ब्लकि रेंट से हुई कमाई पर टीडीएस कटौती (TDS deduction on rental income) की लिमिट को भी बढ़ाया गया है। पहले यह लिमिट 2।4 लाख रुपये प्रति फाइनेंशियल ईयर थी, जिसे अब बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रति फाइनेंशियल ईयर कर दिया गया है।
टीसीएस सीमा की लिमिट में बढ़ौतरी-
इस ऐलान में केवल टीडीएस की लिमिट को ही नहीं बढ़ाया गया है, बल्कि आरबीआई की लिब्रलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम के लिए विदेशों से ट्रांजैक्शन वाले लोगों के लिए TCS कटौती की लिमिट (TCS deduction limit) में भी बढ़ौतरी की गई है। इस सीमा को भी बढ़ा दिया गया है। पहले यह सीमा पार से 7 लाख रुपये के ट्रांजैक्शन पर टीसीएस (Increase in TCS limit)कटौती होती है, लेकिन अब नए फाइनेंशियल ईयर से 10 लाख रुपये के ट्रांजैक्शन पर टीसीएस कटौती होगी।
एजुकेशन लोन पर नहीं लगेगा TDS -
इसके साथ ही बजट में किसी स्पेसफिक फाइनेंशियल इस्टीट्यूशन (Specific Financial Institution) से अगर कोई विघार्थी एजुकेशन लोन लेता है तो एजुकेशन लोन पर TCS कटौती (TCS deduction on education loan)को हटा दिया गया है। इससे पहले 7 लाख रुपये से अधिक के एजुकेशन लोन लेने पर 0.5 प्रतिशत TCS कटौती की जाती थी, वहीं, अगर 7 लाख रुपये से अधिक के सेल्फ-फाइनेंसड एजुकेशन ट्रांजैक्शन (Self-Financed Education Transactions) पर 5 प्रतिशत टीसीएस की कटौती की जाती थी। हालांकि अभी यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे।
डिविडेंड से कमाई पर लिमिट-
इसके साथ ही डिविडेंड से जो कमाई हुई है। उस पर भी टीडीएस की लिमिट (TDS limit) को बढ़ा दिया गया है। यह पहले 5000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही म्यूचुअल फंड्स की यूनिट की कमाई पर टीडीएस (TDS) लिमिट 5 हजार से 10 हजार रुपये प्रति फाइनेंशियल ईयर कर दी गई है। इतना ही नहीं, इनाम पर भी टीडीएस की कटौती (Deduction of TDS on prize money) होगी, जिसे प्रति इनाम 10 हजार रुपये कर दिया गया है।