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best figure size : 36–24–36 लड़कियों के लिए कौन सा फिगर है सबसे बेस्ट, 1960 से चल रहा इसका चलन

best figure size : 36–24–36 इंच यानी 90-60-90 सेंटीमीटर फिगर को सबसे आकर्षक समझा जाता है। महिलाओं के लिए ऑवरग्लास फिगर का चलन 1960 के दशक से ही चल रहा है। 

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36–24–36 लड़कियों के लिए कौन सा फिगर है सबसे बेस्ट

HR BREAKING NEWS : महिलाओं के फिगर की बात की जाती है तो हमेशा 36–24–36 को सही माना जाता है। 36–24–36 इंच यानी 90-60-90 सेंटीमीटर फिगर को सबसे आकर्षक समझा जाता है। महिलाओं के लिए ऑवरग्लास फिगर का चलन 1960 के दशक से ही चल रहा है। इसे ही फिटनेस के लिहाज से भी सही माना जाता है। पर ऐसा क्यों? आखिर इस ऑवरग्लास का संबंध महिलाओं से कैसे हो गया? आखिर क्यों कर्वी शेप को ही आकर्षक माना जाने लगा?

 

12वीं की फिजिकल एजुकेशन की किताब में प्राइवेट पब्लिशर ने छापा...सीबीएसई से जुड़े कई स्कूलों में 12वीं के स्टूडेंट्स को फिजिकल हेल्थ एंड एजुकेशन की किताब में अजीबोगरीब बातें पढ़ाई जा रही हैं। किताब में लिखा गया है कि लड़कियों के लिए 36-24-36 इंच की फिगर साइज सबसे बेहतर होती है। 


इस फिगर की लड़कियां ही मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड में हिस्सा लेती हैं। लड़कियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। पर ऐसा फिगर आसानी से नहीं मिलता है, इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए कसरत करनी चाहिए। जबकि लड़कों के लिए वी शेप की बॉडी अच्छी होती है।


हालांकि सीबीएसई का कहना है कि यह किताब एनसीईआरटी द्वारा नहीं लाई गई है। यह प्राइवेट प्रकाशन की किताब है। इस किताब का प्रकाशन न्यू सरस्वती हाउस ने किया है। इसके लेखक वीके शर्मा हैं। यही नहीं, किताब में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमजोर धावक भी बताया गया है।


इसका कारण महिलाओं का वर्टिब्रा (कूल्हे का हिस्सा) आमतौर पर लंबा होता है, पर हाथ पैर छोटे होते हैं। जबकि पुरुषों का वर्टिब्रा, हाथ और पैर लंबे होते हैं। महिलाओं के कूल्हे की हड्डि‍यां चौड़ी होती हैं और घुटनों के बीच में दूरी होती है। इस आकार के कारण ही महिलाएं अच्छी धावक नहीं बन पातीं। किताब में लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स और प्रेग्नेंसी में भी स्पोर्ट्स इवेंट में शामिल होने की सलाह दी गई है।


हम जिम्मेदार नहीं


सीबीएसई की पीआरओ रमा शर्मा का कहना है इसमें बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है। इसके लिए स्कूल और प्रकाशक जिम्मेदार हैं। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में नियमों के मुताबिक सिर्फ एनसीईआरटी सीबीएसई द्वारा प्रकाशित किताबों को ही पढ़ाया जाएगा। यदि वे प्राइवेट प्रकाशन की किताब को पढ़ाते हैं तो पूरी निगरानी बरतेंगे। ताकि धर्म, जाति और लिंग के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
 

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