home page

8th pay commission implementation : नया पे कमीशन गठन होने में कितना लगेगा समय, सरकारी कर्मचारी जान लें कब से बढ़ेगी सैलरी

8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग हर दस साल में लागू होता है। अब सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल भी दिसंबर 2025 में समाप्त हो जाएगा। सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर जनवरी में ही घोषणा कर दी है, जिसके बाद से सरकारी कर्मचारी (Central Government Employees) ताक लगाए इंतजार कर रहे हैं कि ये नया पे कमीशन कब लागू होगा। नया पे कमीशन आते ही कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। 
 | 
8th pay commission implementation : नया पे कमीशन गठन होने में कितना लगेगा समय, सरकारी कर्मचारी जान लें कब से बढ़ेगी सैलरी

HR Breaking News - (8th CPC latest news)। नए पे कमीशन के गठन की घोषणा के बाद से ही सरकारी कर्मचारी आठवें वेतन आयोग (8th pay commission update) के जल्द गठित होने की उम्मीद कर रहे हैं। हर दस साल के चक्र को देखते हुए इस नए पे कमीशन 1 जनवरी 2026 से लागू होना है। इसके लागू होने से पहले गठन से लेकर सिफारिशें मंजूर करने तक की कई प्रक्रियाएं पूरी की जानी हैं, इसमें अभी कुछ समय और लगेगा।

इस बार 8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों (center govt employees news) की सैलरी और पेंशन में अच्छी खासी बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि ये नया पे कमीशन के लिए कर्मचारियों को और कितना इंतजार करना होगा। 

नए पे कमीशन के गठन में इतना लगेगा समय-


किसी भी पे कमीशन के गठन के बाद ही उसकी सिफारिशों को लागू किया जाता है। इसके बाद ही कर्मचारियों के वेतन में बढ़ौतरी देखने को मिलती है। अगर आयोग जल्द गठित होगा तो ही सिफारिशों पर भी जल्द से जल्द मंथन किया जाएगा। इसके बाद ही इसे लागू किया जा सकता है। वैसे तो सिफारिशें लागू होने की डेडलाइन से कई महीने पहले ही नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है।

ताकि समय पर वेतन आयोग अपनी सिफारिशें (8th CPC recommendations) सरकार को सौंप सके और सरकार उन सिफारिशों को लागू कर सके। हालांकि, अभी सरकार की ओर से इस नए पे कमीशन के गठन की सटीक समयसीमा सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन पिछले कमीशन के गठन के प्रोसेस को देखते हुए कुछ माह में नए पे कमीशन (8th CPC latest update) के गठन का अनुमान लगाया जा रहा है।

क्या कहता है पिछला रिकॉर्ड -


इस बार के वेतन आयोग के गठन का अनुमान लगाने के लिए सरकार द्वारा गठित किए गए पिछले वेतन आयोगों के गठन में लगे समय का रिकॉर्ड जानना जरूरी है।  7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) सहित पहले के सभी पे-कमीशन को गठित करने मे ही 3 से लेकर 5 महीनों तक का समय लग गया था।

इस हिसाब से कहा जा सकता है कि इस साल जून-जुलाई के आसपास 8वें वेतन आयोग का गठन हो सकता है। हालांकि इसके लिए कोई पूर्ण नियम या समय-सीमा तय नहीं होती है, इसे कभी भी गठित व लागू (nya vetan aayog kab lagu hoga) किया जा सकता है। 

ये आयोग गठित करने में लगे थे इतने महीने-


7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) के गठन की मंजूरी की बात करें तो  25 सितंबर 2013 को इसकी मंजूरी मिली थी और 28 फरवरी 2014 को इसका गठन करके इसे 2016 में लागू कर दिया गया था। इससे पहले छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission)  को जुलाई 2006 में गठित करने की मंजूरी मिली और अक्टूबर 2006 में इसका 3 महीने में गठन हुआ। वहीं 5वे वेतन आयोग (5th Pay Commission) के गठन के लिए अप्रैल 1994 में मंजूरी मिली और 2 माह में ही जून 1994 में इसे गठित कर दिया गया था।

मई-जून तक हो सकती है यह प्रक्रिया पूरी-


पिछले वेतन आयोगों के गठन की मंजूरी और गठित करने में समय का रिकॉर्ड देखें तो अब जल्द ही सरकार  8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) बना सकती है। क्योंकि जनवरी में नए वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिली थी और पिछले वेतन आयोगों के गठित करने के रिकॉर्ड के अनुसार अब मई-जून तक 8वें वेतन आयोग (8th pay commission news) का गठन हो जाना चाहिए। 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान 17 जनवरी को किया था। यह भी जान लें कि इसे लेकर सरकार की कोई बाध्यता नहीं है, गठन की मंजूरी के बाद वेतन आयोग गठित करने का कार्य कितने भी समय में किया जा सकता है। 

वेतन आयोग की प्रक्रियाएं ऐसे बढ़ती हैं आगे-


हर 10 साल में सरकार नया वेतन आयोग लागू करके कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती है। इसके अलावा पेंशनर्स के डीआर (DR hike), कर्मचारियों के वेतन-भत्तों को संशोधित करने से पहले महंगाई और अन्य आर्थिक स्थितियों का आकलन किया जाता है। वेतन आयोग का गठन होते ही आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से जुड़े मुद्दों व मांगों पर मंथन करता है, उसके बाद सिफारिशें तैयार करके सरकार को देता है। 


वेतन आयोग की सिफारिशों में क्या होता है-


वेतन आयोग जब अपनी सिफारिशों को तैयार करता है तो इसमें मिनिमम बेसिक सैलरी, फिटमेंट फैक्टर और वेतन मैट्रिक्स (pay matrix in 8th CPC) जैसी कई अहम बातों को शामिल किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ौतरी का मुख्य आधार होता है, इसलिए इसे तय करने के लिए आयोग अलग से फिटमेंट कमेटी बनाता है। यह कमेटी  महंगाई, देश की अर्थव्यवस्था आदि को देखते हुए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) तय करती है। इसे सैलरी से गुणा करके ही वेतन बढ़ौतरी तय होती है। 

इस बार इतना होगा फिटमेंट फैक्टर -


फिटमेंट फैक्टर (fitment factor in 8th CPC) एक गुणक यानी मल्टीप्लायर है, जिसे तय करने के लिए मंत्रालयों और सरकारी विभागों से कई तरह के आंकड़े भी जुटाए जाते हैं। इनमें महंगाई किन चीजों की कितनी बढ़ी, यह प्रमुखता से देखा जाता है। अब 8th Pay Commission की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और उससे कितनी वेतन बढ़ौतरी होगी, यह भी क्लियर होना बाकी है। हालांकि इस बार 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार (minimum basic salary) से 51 हजार तक पहुंच सकती है।

बन सकती है अलग से समिति-


सरकार को जब 8वें वेतन आयोग की सभी सिफारिशें (terms of reference)अंतिम रूप से मिल जाएंगी तो सरकार इसके लिए एक समिति भी बना सकती है। यह समिति सिफारिशों की सक्रूटनी कर सकती है और उनमें से कौन सी लागू की जाएं या न की जाएं, यह सब तय करती है। यानी सिफारिशों में बदलाव भी हो सकता है। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) के सामने इन सिफारिशों को मंजूरी के लिए रखा जाता है। इन सभी सिफारिशों पर अंतिम फैसला सरकार ही लेती है।

इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से वेतनमान (Salary Structure) को लागू करने की अधिसूचना (pay commission Notification) जारी सार्वजनिक कर दी जाती है। बता दें कि वेतन आयोग की सिफारिशों को मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं है, पर ये सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के हितों को लेकर ही बनाई व लागू की जाती हैं, ताकि वे महंगाई से आसानी से लड़ सकें।

News Hub