8th Pay Commission : 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, आठवें वेतन आयोग पर आया बड़ा अपडेट

HR Breaking News - (salary hike update)। मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का ऐलान किया था। इसके बाद से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इसके लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और अब कई महीनों की देरी के बाद, केंद्र ने 8वें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों (terms of reference- ToR) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आई है कि ToR को दो से तीन सप्ताह में नोटिफाई किया जाएगा और पैनल के अध्यक्ष और सदस्यों का नाम भी एक साथ घोषित किया जाएगा।
केंद्र सरकार कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करने के लिए हर दस साल बाद एक नया वेतन आयोग (new pay commission) का गठन करती है, जिसमें आर्थिक स्थिति, क्रय शक्ति यानी पर्चेजिंग पावर, कंजम्प्शन पैटर्न और कीमतों जैसे कई फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है।
केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और राज्य सरकारों सहित स्टेकहोल्डर्स के साथ परामर्श के बाद आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कम से कम एक साल का समय दिया जा सकता है। वेतन आयोग की रिपोर्ट साल 2026 के बीच में पेश की जाएगी। अनुमान है कि सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में हाइक (Basic Salary Hike) का लाभ 1 जनवरी, 2026 से मिल सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, “आठवें वेतन आयोग (8th CPC) के लिए नियुक्त किए जाने वाले ToR और सदस्यों पर पर्याप्त प्रगति हुई है। उम्मीद है कि इन्हें अगले 2-3 सप्ताह में अधिसूचित कर दिया जाएगा। पिछले हफ्ते, व्यय विभाग (department of expenditure) ने 8वीं सीपीसी में प्रतिनियुक्ति के आधार पर 35 पदों को भरने के लिए एक वैकेंसी सर्कुलर निकाला था।
कर्मचारियों को कब से मिल रहा 7वे वेतन आयोग का लाभ -
सरकार 10 साल बाद एक नया पे कमीशन (new pay commission) लागू करती है। बता दें कि आखिरी बार 7वें वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी 2014 को किया गया था। इसी सिफारिशें साल 2016 से लागू हुई थी। उस समय रिपोर्ट को पेश करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया था।
1 जनवरी 2016 को लागू किए गए 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन (वेतन और भत्ते) में 23.55 प्रतिशत की बढ़ौतरी और पेंशन में भी इतनी ही वृद्धि हुई है। फाइनेंशियल ईयर साल 2017 में अतिरिक्त भुगतान 1.02 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी (GDP) का 0.65 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था, जिससे सरकार के लिए वित्तीय घाटे को फाइनेंशियल ईयर 2016 में 3.9 प्रतिशत से घटाकर वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (GDP) के 3.5 प्रतिश्त तक लाना मुश्किल हो गया।
जब भी नया वेतन आयोग लागू होते ही बेसिक सैलरी में बढ़ौतरी होती है तो बड़े पैमाने पर कंजम्प्शन को बढ़ावा दे सकती है, इसकी सिफारिशें राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर भी भारी बोझ डालती हैं, जो आयोगों से सिफारिश लेते हैं और समान वेतन संशोधन करते हैं।
आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) से संबंधित, संभावित प्रभाव संभवतः नए मीडियम-टर्म के फिस्कल कंसोलिडेशन के साथ-साथ 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों में भी बनाया जाएगा। 16वां वित्त आयोग वित्त वर्ष 2027 से शुरू होने वाले 5 सालों के लिए राज्यों को केंद्रीय करों और अनुदान के हस्तांतरण के लिए अपनी सिफारिशें देगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आठवां वेतन आयोग लागू होने से करीब 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा, देश के 6.5 लाख पेंशनभोगियों की पेंशन में भी बढ़ौतरी होगी।
आखिरी बार कितना बढ़ा फिटमेंट फैक्टर -
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) ने केंद्र के 50 लाख कर्मचारियों और 54 लाख पेंशनभोगियों के लिए मौजूदा वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की जगह एक नया वेतन मैट्रिक्स (new pay matrix) प्रस्तावित किया था, जिसमें मासिक शुरुआती वेतन और महंगाई भत्ता (dearness allowance) शामिल है। सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह और सबसे ज्यादा वेतन 2.5 लाख रुपये प्रति माह कर्मचारियों को मिल रहा है।
डीए (DA) को छोड़कर 90,000 रुपये (निश्चित) के उच्चतम वेतन की तुलना में था, जो उस समय वेतन में 119 प्रतिश्त की वृद्धि हुई। इसने 3 प्रतिशत की सालाना बढ़ौतरी को भी बरकरार रखा और 2.57 प्रतिशत के फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) की सिफारिश की, उम्मीद की जा रही है कि इस बार नया वेतन आयोग लागू होने पर फिटमेंट फैक्टर जिसे समान रूप से लागू किया जाएगा।
आठवें वेतन आयोग को भी बीच की अवधि के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI inflation) की गति को ध्यान में रखते हुए एक समान फिटमेंट फैक्टर (fitment factor update) का अनुमान लगाना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, 2016 से 17 (7वें सीपीसी अवार्ड का पहला वर्ष) में केंद्र के राजस्व व्यय में बढ़ोतरी पिछले साल के 4.8 प्रतिशत के मुकाबले 9.9 प्रतिशत थी। साल 2026 से 27 में इस तरह की वृद्धि का केंद्र के पूंजीगत व्यय की बढ़ौतरी के लिए उपलब्ध राजकोषीय स्थान पर भी प्रभाव पड़ेगा।