8th pay commission : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 92 प्रतिशत की बंपर बढ़ोतरी, 18 हजार से बढ़कर इतनी हो जाएगी बेसिक सैलरी
8th Pay Commission : केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की चर्चा जोरों पर है। इस बीच एक ताजा अपडेट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 92 प्रतिशत की बंपर बढ़ोतरी होगी...18 हजार से बढ़कर इतनी हो जाएगी बेसिक सैलरी-

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission) केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की चर्चा जोरों पर है। नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM-NC) ने सरकार से फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.57 या उससे अधिक करने का आग्रह किया है, जिससे कर्मचारियों को अच्छी सैलरी मिल सके। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार कर्मचारियों की इस मांग को स्वीकार करती है या नहीं।
फिटमेंट फैक्टर 2.57 - कितना बढ़ेगा वेतन?
JCM-NC के सचिव शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 2.57 या उससे अधिक होना चाहिए, जो कि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के समान होगा। यदि 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 157 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
मौजूदा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 46,260 रुपये मंथली हो जाएगा। इसी अनुपात में न्यूनतम पेंशन भी 9,000 रुपये से बढ़कर 23,130 रुपये हो जाएगी। 7वें वेतन आयोग में भी 2.57 के फिटमेंट फैक्टर (fitment factor update) को अपनाया गया था, जिससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ था।
फिटमेंट फैक्टर 1.92 की चर्चा, लेकिन मांग 2.57 की-
पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों (employees) द्वारा मांगा जा रहा 2.86 का फिटमेंट फैक्टर अधिक है और इसके स्वीकार होने की संभावना कम है। उनके अनुसार, 1.92 का फिटमेंट फैक्टर अधिक संभावित है। यदि 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा, जो कि 92 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
फिटमेंट फैक्टर 2.57 या उससे अधिक क्यों चाहिए?
JCM-NC के अनुसार 7वें वेतन आयोग ने 1957 में हुए 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) और डॉ आयक्रॉयड के न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन फॉर्मूले को आधार बनाया था। लेकिन आज की महंगाई और खर्चों को देखते हुए यह पुराना हो गया है। 7वें वेतन आयोग ने जरूरत आधारित वेतन तय करने के लिए तीन यूनिट का उपभोग मानक तय किया था। लेकिन आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) को इसे पांच यूनिट करना चाहिए। ताकि, आश्रित माता-पिता को भी शामिल किया जा सके। मिश्रा ने तर्क दिया कि इंटरनेट, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल सर्विस (digital service) के बढ़ते खर्च को देखते हुए फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 2.57 या उससे अधिक होना जरूरी है।
आठवें वेतन आयोग की समय-सीमा-
सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, जिससे 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग के लागू होने की संभावना है। केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) की अध्यक्षता में 16 जनवरी 2025 को इसे मंजूरी दे दी थी, हालांकि अध्यक्ष और सदस्यों के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं, जिसके चलते आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2026 में आने की उम्मीद है, हालांकि कुछ रिपोर्टों में देरी की संभावना भी जताई गई है।