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8th pay commission salary : क्या होता है फिटमेंट फैक्टर, कैसे तय होती है सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, समझ लें पूरी बात

8th pay commission salary : हाल ही में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी मिल रही है। जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग पर मोहर लग चुकी है। अब कर्मचारी आठवां वेतन आयोग लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नया वेतन आयोग लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी होगी और इसी के आधार पर सैलरी में इजाफा होगा। चलिए खबर में जानते हैं क्या होता है फिटमेंट फैक्टर और कैसे तय होती है सरकारी कर्मचारियों की सैलरी।
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8th pay commission salary : क्या होता है फिटमेंट फैक्टर, कैसे तय होती है सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, समझ लें पूरी बात

HR Breaking News : (8th pay commission) केन्द्रीय कर्मचारी बीतें कई दिनो से आठवें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि नया वेतन आयोग लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी कितनी होगी, इसका मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) होगा।

 
फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) कम होने पर वेतन में वृद्धि कम होगी, जबकि अधिक होने पर सैलरी में शानदार इजाफा देखने को मिल सकता है, तो चलिए एक बार फिटमैंट फैक्टर के बारे में जान लेते हैं।

 

fitment factor किस तरह करेगा काम


पिछले सातवें वेतन आयोग (seventh pay commission) के समय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (salary hike) 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए कर दी गई थी। यह 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर हुआ था। इसी तरह, छठे वेतन आयोग (sixth pay commission) में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था। अब आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के 2.86 या उससे अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।  


यदि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor in 8th pay commission) को 2.86 तय किया जाता है, तो इसमें बढ़ोतरी देखी जा सकती है। हालांकि कितनी बढ़ोतरी होगी। यह सरकार द्वारा पे-बैंड और ग्रेड पे में हुए बदलाव के आधार पर ही तय हो पाएगा। अभी सही अनुमान लगाना संभव नहीं है। वहीं, यदि कर्मचारी संघों की मांग पर इसे 3.68 किया गया, तो यह वृद्धि और अधिक हो सकती है।  

फिटमेंट फैक्टर की खासियत


फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वेतन (Salary of pensioners) को महंगाई के अनुरूप बनाए रखने का महत्वपूर्ण जरिया है। यह मूल वेतन को एक निश्चित गुणक से बढ़ाकर नए वेतनमान में समायोजित करता है। इसका सीधा असर ग्रॉस सैलरी और पेंशन पर पड़ता है। इसके जरिए कर्मचारियों की पर्चेजिंग पावर को बनाए रखना और आर्थिक स्थिति में सुधार करना सुनिश्चित करता है।  

कर्मचारी संघ का क्या है कहना...


कर्मचारी संघ लगातार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि महंगाई और जीवन स्तर में सुधार को देखते हुए वेतन में पर्याप्त वृद्धि होनी चाहिए। सरकार की आर्थिक स्थिति और महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor Hike) को अंतिम रूप दिया जाएगा।