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Chanakya Niti : जीवन के ये 4 राज भूलकर भी न बताएं किसी को, हो सकते है ब्लैकमेल

आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में तीन ऐसी बातों का जिक्र किया है, जिसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए। वे कहते है कि इंसान को अपने जीवन के ये 4 राज भूलकर भी किसी को नही बताने चाहिए, क्योंकि इन्हीं राज की वजह से आप ब्लैकमेल हो सकते है। आइए जानते है इनके बारे में। 
 
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जीवन के ये 4 राज भूलकर भी न बताएं किसी को, हो सकते है ब्लैकमेल

HR Breaking News, Digital Desk-  चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ कुशल अर्थशास्त्री थे. चाणक्य कूटनीति के भी विद्वान थे. चाणक्य ने समाज का भी बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है. सफल होने के लिए व्यक्ति कठिन से कठिन परिश्रम करता है. आचार्य ने नीतिशास्‍त्र में मनुष्य के कल्याण के लिए कई बातों का जिक्र किया है।

अगर व्‍यक्ति उनकी नीतियों पर ठीक से ध्यान देकर उसे अपने जीवन में अपनाए तो वह एक सहज जीवन बीता कर सकता है. आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में तीन ऐसी बातें भी बताई है, जिसे किसी भी व्‍यक्ति को दूसरे के सामने जिक्र नहीं करनी चाहिए. चाणक्‍य कहते हैं कि अगर मनुष्‍य के ये तीन रहस्‍य दूसरों को पता चल गए तो वह आपका जीवन बर्बाद कर देगा.


1. दांपत्य जीवन से जुड़ी बातें-


आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, किसी भी व्‍यक्ति को दूसरे के सामने पति और पत्नी के बीच होने वाली बातों की चर्चा नहीं करनी चाहिए, फिर चाहे सामने वाला आपका करीबी मित्र ही क्यों न हो. पति-पत्नी के बीच की चर्चा बाहर चली गईं तो इससे वैवाहिक जीवन में दरार पड़ सकती है. इससे न सिर्फ वैवाहिक जीवन औरों के सामने उपहास का विषय बन सकता है, बल्कि आप दोनों की छवि समाज में खराब हो सकती है। साथ ही सामने वाला इसका फायदा भी उठा सकता है.


2. आर्थिक स्थिति का जिक्र-


चाणक्‍य नीति के अनुसार, व्‍यक्ति को किसी भी व्यक्ति के सामने अपने आर्थिक स्थिति या धन की चर्चा नहीं करनी चाहिए. धन के मामले में किसी पर भी विश्वास कर पाना मुश्किल होता है।. व्‍यक्ति को कभी भी अपने पास मौजूद धन, आर्थिक नुकसान, किसी से लिए गए कर्ज आदि की जानकारी दूसरों को नहीं देनी चाहिए. क्‍योंकि ये ऐसी जानकारियां हैं, जिसका कोई भी फायदा उठा सकता है.

3. धोखा मिलने की बात न बताएं-

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, अगर आपके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी हुई है, तो इस बात का जिक्र सिर्फ परिवार वालों के सामने ही करें. अगर बाहरी लोगों से इसका जिक्र करेंगे तो लोग आपकी काबीलियत पर सवाल उठाते हुए आपको कमजोर बुद्धि वाला समझेंगे. हो सकता है आपकी इस दशा को जानकर कोई दूसरा भी आपके साथ फरेब करने की कोशिश करें.


4. अपने अपमान की बातें- 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर किसी ने आपका अपमान किया है तो इस घटना को अपने तक ही सीमित रखना बेहतर है. दूसरों को बताने से उनके मन में आपके लिए सम्मान कम हो सकता है.

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. HR Breaking News.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)