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Dulha Fair : शादी से पहले यहां दुल्हन करती है दुल्हे के इस अंग की जांच

आज हम आपको शादी से लेकर जुड़ी एक अजीब पंरपरा के बारे में बताने जा रहे है। जहां शादी से पहले दुल्हन दुल्हे के इस अंग को चेक करती है और उसके बाद ही शादी फाइनल की जाती है। आइए जानते है विस्तार से 
 
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Dulha Fair : शादी से पहले यहां दुल्हन करती है दुल्हे के इस अंग की जांच

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Dulha Fair :  शादी यानी दो आत्माओं का मिलन, शादी मानव जीवन का सबसे अलग ही पल होता है। शादी से पहले लड़के और लड़की का परिवार एक दूसरे की जांच पड़ताल करते है, देखा देखी होती है, इसके बाद ही कहीं जाकर संबंध तय होता है। लेकिन भारत में एक ऐसी भी जगह हैं जहां शादी से पहले लड़की, लड़के का एक खास अंग की जांच करती है। आपको बता दें कि यहां दुल्हों का मेला लगता है जहां लड़कियां अपने जीवन साथी का चुनाव करती है।

दरअसल, हम बात कर रहे है बिहार के मिथिलांचल इलाके की। यहां करीब 712 सालों से दुल्हों का बाजार लगता आया हैं। इस मेले में हर वर्ग के दुल्हे और दुल्हन आते है। इस मेले में एक तरह से दुल्हे की बोली लगती है, यानि जिसकी बोली सबसे बड़ी, दुल्हा उसका हो जाता है। मेले में दुल्हने, दुल्हे को देखती है। साथ ही लड़की के परिजन भी दुल्हे के बारे में जानकारी लेते है। जब रिश्ता तय हो जाता है तो इसके बाद अंगों की जांच होती है। दुल्हे के हाथ, पैर, आंखे समेत कई अंगों की जांच होती है इसके बबाद कुंड़ली मिलाई जाती है। इसके बाद ही दोनों की शादी कराई जाती है।

वर्षो से चली आ रही यह परंपरा

खबरों के अनुसार दुल्हों के इस मेले की परंपरा 1310 ईस्वी में शुरू की गई थी। इस मेले की शुरूआत 712 साल पहले कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह देव ने शुरू किया था। मेले को शुरू करने का मकसद शादी एक ही गोत्र में न हो, जबकि दूल्हा-दुल्हन के गोत्र अलग-अलग हों। इस मेले में बिना दहेज और बिना फालतू खर्चो के शादी होती है। आपको बता दें की मिथिलांचल में यह प्रथा काफी लोकप्रिय है। इस मेले का आयोजन हर साल किया जाता है।

परंपरा के पीछे का कारण?

इस मेले का आयोजन कराने के पीछे का कारण दुल्हन के परिवार को शादी के लिए ज्यादा परशानी न उठाना पड़े। लड़की के परिवार पर बोझ न हो, दहेज न देना पड़े, और पैसों की बर्बादी नहीं हो बस इतना मकसद है।