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लाखों कर्मचारियों के बकाया DA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी सरकार

 कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा राज्य के सरकारी कर्मचारियों को तीन महीने के भीतर उनका पूरा बकाया महंगाई भत्ता (डीए) देने के फैसले को बंगाल सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रही है। राज्य सरकार की ओर से जल्द ही इसके खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की जाएगी।
 
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लाखों कर्मचारियों के बकाया DA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी सरकार

HR Breaking News, Digital Desk- बता दें कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ने बंगाल सरकार की अपील को खारिज करते हुए राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सैट) के जुलाई, 2020 के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि डीए सरकारी कर्मियों का एक मौलिक व कानूनी अधिकार है। अदालत ने राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर सरकारी कर्मचारियों का उनका सभी बकाया महंगाई भत्ता का भुगतान करने का निर्देश दिया है।


अदालत ने राज्य सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसके कोष में पैसा नहीं है। खंडपीठ ने साफ कहा कि कर्मियों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। बता दें कि 2016 में, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 32 प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग करते हुए सैट में एक याचिका दायर की थी। यह याचिका कन्फेडरेशन आफ स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइज की ओर से दायर की गई थी।लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, सैट ने जुलाई 2020 में, राज्य सरकार को केंद्र सरकार के उनके समकक्षों के साथ अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने उस आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।अंतत: शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि अगले तीन महीनों के भीतर महंगाई भत्ते का 32 प्रतिशत भुगतान किया जाए।

कर्मचारी संगठन की मांग- प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं सरकार, लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान का तुरंत निर्देश दें-

इधर, कन्फेडरेशन आफ स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइज श्यामल मित्रा के मुताबिक, दो चरणों में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आया यह फैसला राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार अब महंगाई भत्ते के भुगतान को रोक नहीं सकती और ऐसा करने के लिए वह धन की कमी का बहाना नहीं बना सकती। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं और जुलाई 2009 से लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान का तुरंत निर्देश दें।