home page

Railway - इंडियल रेलवे को 30 हजार और टेलिकॉम को 20,000 करोड़ का मिला टारगेट

केंद्र सरकार ने मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे नए असेट्स की पहचान करें जिनका तेजी से मॉनेटाइजेशन किया जा सकता है. ताकि मॉनेटाइजेशन के प्रोसेस को पटरी पर लाया ता सके, जो मौजूदा समय में इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट लक्ष्य से काफी कम है. 
 | 
Railway - इंडियल रेलवे को 30 हजार और टेलिकॉम को 20,000 करोड़ का मिला टारगेट 

HR Breaking News, Digital Desk-
केंद्र सरकार ने मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे नए असेट्स की पहचान करें जिनका तेजी से मॉनेटाइजेशन किया जा सकता है. ताकि मॉनेटाइजेशन के प्रोसेस को पटरी पर लाया ता सके, जो मौजूदा समय में इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट लक्ष्य से काफी कम है. मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) के तहत 1.6 लाख करोड़ रुपये तक के टारगेट के मुकाबले पहले सात महीनों में संपत्ति की बिक्री से सरकार की आय केवल 33,443 करोड़ रुपये थी.

बजट एलोकेशन से जोड़ा जाएगा असेट मॉनेटाइजेशन-

केंद्र को अब उम्मीद है कि संपत्ति की बिक्री से उसका रेवेन्यू बजट अनुमान से चूक जाएगा और लोगों के अनुसार 1.24 लाख करोड़ रुपये आ जाएगा. इस मुद्दे पर एक परिचित एक व्यक्ति ने कहा कि ऐसे कई मंत्रालय हैं जो लक्ष्य हासिल करने में सक्षम नहीं हैं… उन्हें स्पीड बढ़ाने के लिए अतिरिक्त या वैकल्पिक संपत्तियों की पहचान करने को कहा गया है. मंत्रालयों को टारगेट पूरा करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा, इसके लिए भविष्य में उनके बजटीय आवंटन को असेट मॉनेटाइजेशन के मोर्चे पर प्रदर्शन से जोड़ा जा सकता है.

प्रोसेस में मदद करने के लिए मंत्रालयों और विभागों को प्रिंसीपल गाइडलाइंस का एक सेट भी जारी किया जा सकता है. कुछ मंत्रालयों की ओर से वित्तीय वर्ष के मध्य में पहले से ही पहचानी गई संपत्तियों को छोड़ दिया है और कुछ अन्य पर अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है. इन मंत्रालयों में टेलीकॉम, रेलवे और पेट्रोलियम शामिल हैं.

टेलीकॉम का टारगेट-

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, टेलीकॉम डिपार्टमेंट को भारतनेट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) परियोजना को बदलने के लिए वैकल्पिक या अतिरिक्त संपत्ति की पहचान करने के लिए कहा गया था, जिसे असेट मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन से हटा दिया गया है. मंत्रालय के तहत पहचान की गई अन्य संपत्तियों में, भारत संचार निगम लिमिटेड के टावर मॉनेटाइजेशन बिड चालू वित्त वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन आय अगले साल ही होगी. अधिकारी ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर से 20,180 करोड़ रुपये के टारगेट के मुकाबले, वर्तमान में सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये की संपत्ति की बिक्री प्रोसेस में है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक कोई आय की उम्मीद नहीं है.

रेलवे का टारगेट-

पीपीपी मॉडल के तहत पुनर्विकास के लिए प्रस्तावित कई स्टेशनों को अब इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) अनुबंधों के तहत पेश किए जाने के बाद रेल मंत्रालय को नए विकल्पों पर विचार करने के लिए कहा गया है, जहां से सीधी इनकम होगी. वित्त वर्ष 2023 में भारतीय रेलवे के 30,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मॉनेटाइजेशन के लिए मानी जाने वाली अन्य संपत्तियों में ट्रैक-ओवरहेड इक्विपमेंट, गुड्स शेड, हिल रेल और स्टेडियम शामिल थे.

एक अधिकारी ने कहा, ‘सबसे बड़े एसेट क्लास स्टेशनों को हटा दिया गया है और अब जिन्हें पहले पीपीपी मोड पर प्रस्तावित किया गया था, उन्हें ईपीसी मोड के तहत लिया जा रहा है.’ अधिकारी ने कहा कि लगभग 3,170 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं मॉनेटाइजेशन प्रोसेस में हैं और यह 30,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4,999 करोड़ रुपये के साथ साल का अंत करने में सक्षम होगी.