औंधे मुँह गिरे सरिया के दाम, फटाफट जानिए आज के ताजा रेट
HR Breaking News : नई दिल्ली : कारोबारियों के मुताबिक करीब 15 दिनों से बार के दामों में गिरावट आ रही है। हालांकि तेज रफ्तार बारों की कीमतों में अचानक आई इस मंदी ने कई थोक और बड़े व्यापारियों को तोड़ दिया है, लेकिन कीमतों में यह कमी उपभोक्ताओं को काफी पसंद आ रही है।
खास बात यह है कि बार की खरीदारी के लिए मई और जून का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे में बाजार में तेजी की उम्मीद है। अधिकांश बाजारों में मार्च 2022 में बार की कीमतें 70,000 रुपये प्रति टन के करीब थीं।
अप्रैल में सरिया की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई और बार 76,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गए। मई की शुरुआत में बार की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया था। एक हफ्ते पहले बार की कीमतों में काफी गिरावट आई थी। राज्य के बाजारों में बार 61,525 प्रति टन पर पहुंच गए।
sariya cement ke price: बेहद सस्ते हो गए है सरिया और सीमेंट के दाम, मौके का उठाए फायदा
इसमें और गिरावट जारी रही। बाजारों में सरिया 59,525 रुपये प्रति टन के भाव से बिक रहे थे। व्यापारियों का कहना है कि पहले लोहे के दामों में दो-चार दिन के अंतर में 100 से 200 रुपये का अंतर होता था।
अब एक दिन में 1000 से 2000 रुपये का उतार-चढ़ाव आम हो गया है। पिछले दिनों इसमें 3000 रुपये तक की गिरावट आई थी। इससे कई व्यापारियों ने नुकसान के डर से माल लेना बंद कर दिया है।
sariya cement ke price: बेहद सस्ते हो गए है सरिया और सीमेंट के दाम, मौके का उठाए फायदा
बाजार में कई व्यापारियों ने स्टॉक भरना बंद कर दिया है। बार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से परेशान कई व्यापारियों ने अब केंद्र और राज्य सरकारों के हस्तक्षेप की मांग की है।
हालांकि इसके बावजूद करीब 40-45 दिनों तक बाजार में लोहे की छड़ों की अच्छी बिक्री की उम्मीद है। व्यापारियों के अनुसार बार की मांग के लिहाज से मई और जून साल के बेहतर महीने माने जाते हैं।
अधिकांश नए निर्माण कार्य इन दिनों शुरू होते हैं और बारिश से पहले गति भी पकड़ लेते हैं। यही कारण है कि इस दौरान बारों की खूब बिक्री होती है।
sariya cement ke price: बेहद सस्ते हो गए है सरिया और सीमेंट के दाम, मौके का उठाए फायदा
हालांकि, सरिया की कीमतें कब तक कम रहेंगी, इस संबंध में व्यापारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। लोहा बाजार में कई महीनों से काफी अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे व्यापारी भी परेशान हो गए हैं।