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Ancestral Property Ownership : पैतृक संपत्ति में किस तरह करवा सकते हैं अपना नाम अपडेट, जानिये क्या रहेगा प्रोसेस

Ancestral Property Knowledge :संपत्ति से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर लोगों में सामान्य जानकारी का अभाव होता है। उन्हें पता नहीं होता कि कैसे संपत्ति को अपने नाम कराएं। पैतृक संपत्ति को अपने नाम अपडेट कराने के लिए क्या प्रक्रिया है इसकी जानकारी भी होना बेहद जरूरी है। पैतृक संपत्ति हस्तांतरण (ancestral property transfer) की प्रक्रिया अलग-अलग चीजों के आधार पर होती है। आइए खबर में हम आपको बताते है की पैतृक संपत्ति में किस तरह करवा सकते हैं अपना नाम अपडेट...

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HR Breaking News, Digital Desk : अगर किसी वजह से आपको पैतृक संपत्ति के लिए दावा करना है, तो इसके लिए क्या कर सकते हैं। वसीयत ना होने पर क्या करें? संपत्ति से जुड़ी ऐसी कई जानकारी लेने के लिए आपके मन में सवाल उठते होंगे। अक्सर लोगों को संपत्ति से जुड़ी जानकारी नहीं होती है। इसलिए, संपत्ति आपसी विवाद (property dispute) का कारण बन जाता है। 


पैतृक संपत्ति पर नाम कैसे अपडेट करें


सुरक्षा के लिहाज से पैतृक संपत्ति (ancestral property) पर अपना नाम अपडेट (update name on ancestral property) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जो यह तय करती है कि संपत्ति के मालिकाने हक को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर किया जाता है। यह प्रक्रिया कई स्टेप्स में शामिल होती है और इसे कानूनी तौर पर अपडेट करना भी महत्वपूर्ण होता है ताकि भविष्य में  किसी भी समस्या से बचा जा सके। यह प्रोसेस शुरू करने के लिए, आपको इन तरीकों का पालन करना होगा।

 


पैतृक संपत्ति जिसके नाम पर हो, उनसे वेरिफिकेशन करा लेना चाहिए: 


सबसे पहले, यह तय करना महत्वपूर्ण होता है कि आपके पास पैतृक संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज वैलिड हैं, जैसे कि विरासत प्रमाण पत्र (Inheritance certificate), वसीयत (will) या उपहार पत्र (Gift deed)।


स्थानीय नगर निगम या पंचायत से संपत्ति का नक्शा हासिल करें


इसके लिए आपको अपनी संपत्ति का नक्शा (property map) लेना होगा, जिसमें संपत्ति का विवरण, जैसे कि उसका पता, क्षेत्रफल और दिशा की जानकारी मिल सकती है।


स्थानीय तहसील कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करें


आपको स्थानीय तहसील कार्यालय में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन (property registration) कराना होगा। ऐसा करने के लिए, आपको महत्वपूर्ण दस्तावेजों की एक लिस्ट सब्मिट करनी पड़ेगी, जिससे संपत्ति का नक्शा, जिसके नाम संपत्ति है उसके दस्तावेज और जिसके नाम संपत्ति ट्रांसफर करनी है उसकी पहचान पत्र होनी चाहिए।


कॉन्ट्रैक्ट तैयार करें


इसके लिए आपको एक कॉन्ट्रैक्ट (contract papers) तैयार करना होगा, जिसमें संपत्ति के ट्रांसफर की सारी शर्तें शामिल होती हैं। इस कॉन्ट्रैक्ट पर दोनों पक्षों का सिग्नेचर होना चाहिए।


रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीकरण करें


आपको संपत्ति के रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर के लिए स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन (Application to the local registry office for registration and transfer) करना होगा। ऐसा करने के लिए, आपको संपत्ति से जुड़ी सारी दस्तावेजों की एक लिस्ट प्रजेंट करनी होगी, जिसमें संपत्ति का नक्शा,  जिसके नाम संपत्ति है उसके दस्तावेज, कॉन्ट्रैक्ट और संपत्ति के पिछले मालिक या उसके प्रतिनिधि के आईडी सर्टिफिकेट शामिल है।


विरासत होने का देना होगा सबूत 


आपको पैतृक संपत्ति के ट्रांसफर (transfer of ancestral property) के लिए विरासत होने का सबूत Inheritance proof या किसी वैलिड दस्तावेज का सबूत देना होगा। यह सर्टिफिकेट, यह साबित करता है कि आप संपत्ति के जायज उत्तराधिकारी हैं और आप इसे अपने नाम पर ट्रांसफर करने के हकदार हैं।


विरासत होने का सबूत Inheritance proof  हासिल करने के लिए, आपको अपने अपने तहसील कार्यालय या राजस्व कार्यालय में आवेदन करना होगा। आपको विभाग से मांगे गए जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे, जैसे कि मृतक के डेथ सर्टिफिकेट, आपका रिलेशन सर्टिफिकेट और आपका आईडी कार्ड।


वसीयत ना होने की स्थिति में क्या करना होगा


अगर आपके पास विरासत होने का सबूत (proof of inheritance) नहीं है, तो आप वसीयत wil  या उपहार पत्र Gift deed  का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये दस्तावेज यह साबित करते हैं कि मृतक ने आपको संपत्ति को ट्रांसफर करने के लिए कमिटमेंट किया था। वसीयत ना होने की स्थिति में आपको एक ऐसा हलफनामा तैयार करना होता है, जिसमें कानूनी उत्तराधिकारियों का अनापत्ति सर्टिफिकेट यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लगाया जाता है।


आप पैतृक संपत्ति पर नाम ट्रांसफर (Name transfer on ancestral property) कराने में सहायता चाहते हैं, तो आप इसके लिए वकील से संपर्क कर सकते हैं। जो, आपको इस प्रक्रिया के माध्यम से मार्गदर्शन कर सकता है और यह तय करने में मदद कर सकता है कि आपकी संपत्ति पर कानूनी तौर पर नाम ट्रांसफर हो गया है।