cheque bounce : चेक बाउंस के मामले में कोर्ट का सख्त फैसला, पौने 2 करोड़ के जुर्माने के साथ जेल
check bounce : चेक का सही इस्तेमाल न करने पर कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जब चेक गलत तरीके से भरा जाए या कोई लापरवाही (uses of cheque book) कर दी जाए, चेक बाउंस हो जाता है और चेक बाउंस होने पर सजा भी हो सकती है। चेक बाउंस के एक मामले में एक शख्स को कोर्ट ने पौने दो करोड़ के जुर्माने सहित जेल की सजा सुनाई है।

HR Breaking News - (Cheque bounce news)। चेकबुक का सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है, वरना इसका गलत इस्तेमाल आपको भारी मुसीबत में डाल सकता है। अगर चेक सही तरीके से नहीं भरा गया या किसी वजह से बाउंस हो गया, तो यह कानूनी परेशानी का कारण बन सकता है। कोर्ट ने चेक बाउंस (cheque bounce) मामले में सुनवाई के बाद भारी जुर्माना लगाते हुए सजा सुनाई है, कोर्ट का यह निर्णय लोगों को चेक के उपयोग के प्रति सतर्क करता है।
क्या है मामला -
ग्रेटर नोएडा में एक न्यायाधीश ने एक व्यक्ति को पैसे की अदायगी में धोखाधड़ी करने का दोषी ठहराया। आरोपी ने 2012 में बडे़ चेक दिए, जो भुगतान के लिए सही नहीं थे। इस कारण, पीड़ित ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने मामले की लंबी सुनवाई के बाद फैसला (aditional court decision on check bounce) सुनाया और आरोपी को एक साल की सजा और 1.8 करोड़ रुपए का तगड़ा जुर्माना लगाया। यह फैसला वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में न्याय की अहमियत को दर्शाता है।
कितने रुपये का किया था निवेश -
प्रदीप सिंघल नाम के शख्स ने 2012 में सायरस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में 2.35 करोड़ रुपये का एक बड़ा निवेश किया था, जो निपुण बंसल की कंपनी थी। दोनों के बीच एक समझौता हुआ था कि निवेश के बाद प्रदीप को कंपनी में साझेदार बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। निपुण बंसल ने प्रदीप को किसी भी तरह से साझेदार नहीं बनाया। इसके चलते प्रदीप ने निपुण बंसल के खिलाफ धोखाधड़ी (how to use chequebook) का मामला सेक्टर-58 में दर्ज कराया, जो नोएडा के एक पुलिस स्टेशन में किया गया।
कितने चेक हुए बाउंस -
पुलिस ने शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की। सुनवाई के दौरान निपुण ने वादा किया कि वह शिकायतकर्ता को 2.15 करोड़ रुपये (withdrawl by cheque) वापस करेगा। पहले ही निपुण ने एक बड़ा भुगतान कर दिया था। बाकी पैसे देने के लिए निपुण ने तीन चेक दिए, लेकिन जब उन चेक को बैंक में डाला गया, तो वे फेल हो गए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने चेक फेल होने का मामला दर्ज करवाया।
अब काटनी होगी इतने साल की सजा -
काफी समय बाद, कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई की और आरोपी को दोषी ठहराया। आरोपी पर 1 करोड़ 80 लाख रुपये की बड़ी रकम का जुर्माना लगाया गया और एक साल की सजा भी सुनाई गई। यह पहली बार नहीं है कि ऐसा हुआ है। वकील ने बताया कि इस फैसले (court decision on cheque bounce) से निवेशकों के अधिकारों की रक्षा और धोखाधड़ी के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाता है। कोर्ट ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत किया।