Delhi NCR Property Rates : दिल्ली एनसीआर के इन इलाकों में अब मकान खरीदना नहीं होगा आसान, 12 महीने में 140 फिसदी से ज्यादा बढ़े प्रोपर्टी के रेट
Delhi NCR Property : दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र में घर खरीदना या बनवाना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है। पिछले एक साल में इन इलाकों में घरों की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है। इन इलाकों में एक साल में ही 140 फिसदी से ज्यादा तक प्रोपर्टी के रेट (Property rates in Delhi NCR) बढ़ गए हैं। यह आंकड़ा हर किसी को चौंकाने वाला है।

HR Breaking News - (Property rates)। बड़े शहरों में घर लेने का सपना तो हर किसी का होता है लेकिन यहां पर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे रेट इस सपने को पूरा करने में बाधा बन जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां के आसपास के ही कई एरिया (Delhi noida property rates) ऐसे हैं जहां केवल 12 महीने में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ौतरी हुई है। इन इलाकों में महंगे और आलीशान घरों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। यहां पर अब घर खरीदना खासकर उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है जो सीमित बजट में घर ढूंढ रहे हैं।
रेट बढ़ने के ये हैं कारण -
निर्माण सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी और श्रमिकों की मजदूरी में इजाफा होने से देशभर में प्रोपर्टी के रेट भी उतार-चढ़ाव पर रहते हैं। पिछले साल की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर (delhi NCR me property rate) के कई एरिया में प्रोपर्टी के रेट में तेजी से बढ़ौतरी हुई है। यह 140 प्रतिशत से भी कहीं ज्यादा आंकी गई है। महंगी भवन निर्माण सामग्री, बढ़ती घरों की मांग व आधुनिक सुविधाओं के कारण प्रोपर्टी की कीमतें सातवें आसमान पर जा पहुंची हैं। 2024 के अंत तक कई शहरों में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी (property rates hike) हुई थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार यह बढ़ोतरी सभी जगहों पर समान नहीं थी। कुछ शहरों में दाम तेजी से बढ़े, जबकि कुछ में यह बढ़ोतरी धीमी रही। खासकर, हैदराबाद के कुछ हिस्सों में मकान के दाम पिछले कुछ सालों के मुकाबले कम बढ़े। इस बीच, अन्य प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखने को मिली।
निवेशकों पर भी पड़ा यह असर-
रिपोर्ट में बताया गया कि इन सभी स्थानों में पिछले साल की तुलना में दामों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इन बदलावों का प्रभाव न केवल निवेशकों पर पड़ा, बल्कि आवास की मांग और आपूर्ति पर भी इसका असर दिखा। यह बदलाव रियल एस्टेट (real estate news) के भविष्य को प्रभावित करने वाला है और इसने विभिन्न शहरों के बाजारों के बीच अंतर को भी उजागर किया है। इससे निवेशक लग्जरी घरों की ओर अधिक रुझान दिखाने लगे हैं।
इन शहरों में भी बढ़े रेट-
बढ़ते प्रोपर्टी रेटों (property rates) के विश्लेषण में दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद) के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं।
शहर Q4 23 Q4 24 YoYप्रतिशत
अहमदाबाद 4,010 4,441 11
बैंगलोर 6,774 7,542 12.5
चेन्नई 6,220 7,181 17
दिल्ली एनसीआर 5,435 8,161 50
हैदराबाद 6,862 7,081 4
कोलकाता 5,130 5,662 10.6
MMR 10,792 12,630 19
पुणे 6,180 7,168 16.9
गुरुग्राम में इतनी बढ़ी घरों की कीमत -
पिछले साल दिल्ली के आसपास के इलाकों में खासकर गुरुग्राम (property rates in gurugram) रियल एस्टेट बाजार में जबरदस्त बदलाव आया। खासकर एक शहर में संपत्ति की कीमतें 144 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ीं। यहां के प्रीमियम क्षेत्र में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी, जिससे मांग में 54 प्रतिशत इजाफा हुआ। अन्य इलाकों में भी कुछ खास बढ़ोतरी देखने को मिली, हालांकि एक जगह पर तुलना में कम वृद्धि हुई। इन बदलावों ने इन स्थानों के बाजार को आकर्षक बना दिया, और आने वाले समय में इस क्षेत्र में निवेश और विकास के और मौके बन सकते हैं।
मुंबई में प्रोपर्टी के इतने बढे़ दाम -
मुंबई, भारत का व्यावसायिक केंद्र है, जहां हाल ही के वर्षों में संपत्ति की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी है। यह शहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक स्थल है, जहां कई प्रमुख उद्योगपतियों, फिल्म स्टार्स और खेल हस्तियों का निवास है। यहां की संपत्ति की कीमतों में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो बाकी देश के मुकाबले काफी ज्यादा है।
हालांकि, भारत के अन्य हिस्सों में संपत्ति की कीमतें गिर गई हैं, और साल दर साल 26 प्रतिशत की कमी देखी गई है। मुंबई (property rates in mumbai) का आवासीय बाजार अन्य शहरों के मुकाबले सबसे महंगा है, क्योंकि यहां प्रमुख उद्योगपतियों, फिल्म स्टार्स और अन्य के हिसाब से सामान की खरीद फरोख्त की जाती है।
लाइफस्टाइल पर पड़ा यह प्रभाव-
जमीन की कीमतों को लेकर मूल्य वृद्धि को लेकर जो चिंता है, वह मुख्य रूप से यह है कि इससे लोगों की जीवनशैली प्रभावित हो सकती है। जब प्रोपर्टी के दाम (property ke daam) बढ़ते हैं, तो लोगों की खरीदारी की क्षमता पर असर पड़ता है, खासकर उन परिवारों पर जो पहले ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। इस स्थिति में, अगर सरकार उन लोगों के लिए सब्सिडी की उपयुक्त सहायता प्रदान करती है, तो वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। इसके अलावा, जैसे-जैसे विकास की संभावना बढ़ती है, मांग में भी वृद्धि होती है, जिससे हालात और जटिल हो सकते हैं।
मिडिल क्लास को ऐसे मिल सकती है राहत-
सरकार को मुद्रास्फीति में वृद्धि और विकास में मंदी के आर्थिक दबावों से निपटने के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि सरकार किफायती आवास के लिए ठोस नीतियां बनाती है, तो वह न केवल लोगों की समस्याओं को हल कर सकती है, बल्कि देश की समग्र विकास दर में भी सुधार कर सकती है।
इसके अलावा, अगर आगामी बजट 2025 (budget 2025) में कराधान के नियमों में सुधार होता है और आरबीआई दरों में कटौती करता है, तो इससे मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है और वे अपने जीवन स्तर को सुधारने में सक्षम हो सकते हैं। इससे मिडिल क्लास वालों को अपना घर खरीदने का सपना पूरा हो सकता है।