home page

Divorce Alimony : तलाक होने पर पत्नी को भी देना होता है पति को पैसा, जान लें कानून

Alimony Rights : अभी तक आपने यही सुना होगा कि गुजारा भत्ता केवल पत्नी ही मांग सकती है, लेकिन तलाक होने पर पति भी इसकी मांग कर सकता है और पत्नी को अपनी ओर से पति को गुजारा भत्ता (husband's alimony rights) देना पड़ता है। कानून में भी इसके लिए विशेष रूप से प्रावधान किया गया है। आइये जानते हैं इस बारे में क्या कहता है कानून। 

 | 
Divorce Alimony : तलाक होने पर पत्नी को भी देना होता है पति को पैसा, जान लें कानून

HR Breaking News - (Maintenance rights)। पति पत्नी का रिश्ता वैसे तो जन्म जन्मांतर का कहा जाता है, लेकिन इसमें दरार आ जाए तो यह पल भर में टूट भी जाता है। छोटी सी बात भी कई बार तलाक (Divorce Alimony rights) का कारण बन सकती है और यह रिश्ता पूरी तरह बिखर जाता है।

पति पत्नी में तलाक होने पर पत्नी तो गुजारा भत्ता (wife's  alimony rights) मांग ही सकती है, पति भी अपनी पत्नी से यह मांग करने का अधिकार रखता है। इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं जिनके बारे में कानून (alimony rights in law) में भी बताया गया है। 


तलाक की प्रक्रिया ऐसे बढ़ती है आगे-


हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) की धारा 25 जहां पति व पत्नी दोनों को गुजारा भत्ता मांगे जाने का अधिकार प्रदान करती है, वहीं धारा-9 ‘रेस्टीट्यूशन ऑफ कॉन्जुगल राइट्स’ (Restitution of conjugal rights) यानी दांपत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना यानी रिश्तों में सुधार की बात कहती है। पति-पत्नी बिना किसी खास कारण के अलग अलग रहते हैं, तब दोनों में से कोई भी साथ रहने के लिए कोर्ट में गुहार लगा सकता है।

आरसीआर (RCR in divorce) की प्रक्रिया के दौरान कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद भी पति या पत्नी में से कोई नकारता है तो दोनों में से कोई भी तलाक की मांग कर सकता है। आरसीआर के निपटारे के बाद ही तलाक की प्रक्रिया (divorce provision in law) शुरू की जाती है। आपसी सहमति से जो तलाक होता है उसमें इस धारा 9 का कोई औचित्य नहीं है।


कानून में यह है प्रावधान -


जब तक आरसीआर की प्रक्रिया जारी होती है तो इस दौरान तलाक के लिए आवेदन (how to apply for divorce) नहीं किया जा सकता। इसके समाप्त हो जाने के एक साल बाद तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है। कोर्ट पति व पत्नी की संपत्ति (husband wife property rights) का आकलन करने का आदेश भी दे सकती है।

बता दें कि हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-25 में भरण पोषण व गुजारा भत्ता (Alimony and Maintenance rights) दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत कुछ शर्तों अनुसार पति और पत्नी दोनों को गुजारा भत्ता लेने के अधिकार प्राप्त हैं। स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) के तहत केवल पत्नी ही गुजारा या भरण पोषण भत्ता मांग सकती है।


पुरुष कब मांग सकता है गुजारा भत्ता-


एक पुरुष अपनी पत्नी से तलाक के बाद गुजारा भत्ता (Alimony rights) मांग सकता है। लेकिन इसके लिए स्थिति मायने रखती है। जब पति की आय का कोई साधन न हो और उसकी आय पत्नी से कम हो तो वह पत्नी से तलाक होने पर गुजारा भत्ता (Alimony rights for husband) मांग सकता है। 

इस मामले में पत्नी ने दिया गुजारा भत्ता -


तलाक (divorce cases)  के एक मामले में मुंबई के रहने वाले एक पति पत्नी ने अलग रहने का फैसला किया। हालांकि इनकी शादी को 25 साल से ज्यादा हो गए थे। तलाक के बाद पति ने गुजारा भता (Alimony rights in law) मांगा और पत्नी ने अपने पति को 10 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता दिया।