Fitment Factor Hike : सैलरी बढ़ौतरी में फिटमेंट फैक्टर का क्या है सारा खेल, सरकारी कर्मचारी समझ लें पूरी बात

HR Breaking News - (salary hike)। शुरू से लेकर अब तक केंद सरकार की ओर से हर वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई गई है। सैलरी को बढ़ाने या संशोधित करने के लिए एक खास फॉर्मूले का यूज किया जाता है, जो फिटमेंट फैक्टर कहा जाता है। फिटमेंट फैक्टर (fitment factor latest news)को कैसे तय और लागू किया जाता है,
यह गणित समझ में आने पर आप अपनी सैलरी को भी सही से कैलकुलेट कर सकते हैं। हालांकि कई कर्मचारी अपने वेतन में बढ़ौतरी (fitment factor hike update) जानने के लिए फिटमेंट फैक्टर का अपने हिसाब से अंदाजा लगाकर गुणा-भाग भी करते हैं, लेकिन सारा खेल फिटमेंट फैक्टर का वे समझ ही नहीं पाते हैं। इसकी सही व सटीक जानकारी लेकर ही अपने वेतन व बढ़ौतरी की सही से गणना कर सकते हैं।
इतने फिटमेंट फैक्टर की है मांग-
सरकारी कर्मचारियों को अपनी वेतन बढ़ौतरी को कैलकुलेट (how to calculate salary) करने के लिए फिटमेंट फैक्टर के खेल को भी जान लेना बेहद जरूरी है। इस बार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर से सैलरी में बड़ी बढ़ौतरी हो सकती है। 7वें वेतन आयोग (7th CPC)में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था और अब 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होने की चर्चाएं हैं। अगर यह मांग मान ली जाती है तो न्यूनतम सैलरी 18 हजार से सीधी 51,490 रुपये (salary hike) पहुंच जाएगी। इससे वर्तमान मिनिमम पेंशन 9000 रुपये में भी बढ़ोतरी होगी, जो बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी। हालांकि कर्मचारी 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं, यह स्वीकार कर ली जाती है तो यह वृद्धि और ज्यादा होगी।
सैलरी पर फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव-
फिटमेंट फैक्टर कम होता है तो सैलरी (minimum salary in 7th CPC) कम बढ़ती है और इसके अधिक होने पर सैलरी में अधिक उछाल आता है। वास्तव में तो फिटमेंट फैक्टर फाइनल होने पर ही सही से सैलरी बढ़ौतरी का पता चलता है। हालांकि सरकार की ओर से इस बार में अभी स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस बार 8वें वेतन आयोग में कितना फिटमेंट फैक्टर (fitment factor news)रखा जाएगा, लेकिन यह तो निश्चित है कि कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ौतरी इसी अनुसार होती है।
पिछली बार इतना था फिटमेंट फैक्टर-
सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था और कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से अधिक बढ़ी थी। इससे पहले छठे वेतन के हिसाब से कर्मचारियों को मिनिमम बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये (basic salary hike)मिल रही थी, जो सीधी 18 हजार रुपये पहुंच गई थी। इससे ग्रोस सैलरी में भी उछाल आया था। 7वां वेतन आयोग (7th pay commission update) 2014 में गठित करने के बाद 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था।
छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर-
छठे वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7 हजार रुपये हो गई थी, जो फिटमेंट फैक्टर 1.86 के अनुसार की गई थी। 7वें वेतन आयोग (new pay commission) में यह 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से 7हजार से 18 हजार हो गई यानी 11000 की सीधी बढ़ोतरी हुई थी। मतलब मिनिमम सैलरी से ही फिटमेंट फैक्टर (fitment factor kya h) को गुणा किया गया। यानी फिटमेंट फैक्टर एक गुणक या मल्टीप्लायर के रूप में काम करता है।
असली इंतजार तो अब 8वें वेतन आयोग के तहत दिए जाने वाले फिटमेंट फैक्टर (how to decide fitment factor)की है। अधिकतर कर्मचारी सोच रहे हैं कि पिछला फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहा था तो इस बार महंगाई को देखते हुए कम से कम इतना तो रहेगा ही। यानी माना जा रहा है कि 2.57 से कम तो नहीं लगेगा। महंगाई अधिक बढ़ने से यह माना जा रहा है कि इस बार नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर और भी बढ़ सकता है जो 2.86 हो सकता है। कई कर्मचारी संगठन फिटमेंट फैक्टर 3.68 करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर केंद्र सरकार (center govt)ही मुहर लगाएगी।
ऐसे तय किया जाता है फिटमेंट फैक्टर-
कर्मचारियों के लिए अपने वेतन में बढ़ौतरी (salary hike news)का सही से पता करने के लिए यह जानना जरूरी है कि फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसे कैसे तय किया जाता है। बता दें कि फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन (pension hike)में संशोधन के लिए यूज होता है।
इसे मल्टीप्लायर, गुणक या फॉर्मूला भी कहा जा सकता है। यह कर्मचारी की मूल सैलरी को एक निश्चित गुणक (salary Multiplier) से बढ़ाकर नए वेतनमान को दर्शाता है। इसे वेतन आयोग (Pay Commission ) अपनी सिफारिशों में तय करता है और सरकार उस पर अंतिम मुहर लगाती है। इसे महंगाई जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए महंगाई से लड़ने में कर्मचारियों को सक्षम बनाने के लिए ही लागू किया जाता है।
नया वेतन आयोग लागू होने में लगेगा इतना समय-
7वां वेतन आयोग लागू हुए 10 साल पूरे होने वाले हैं, इसे 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था। इस हिसाब से 8वां वेतन आयोग (8th pay commission)1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव इस बारे में बता चुके हैं कि जल्द ही आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों को चुन लिया जाएगा। इनसे विमर्श करने के बाद कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए फिटमेंट फैक्टर तय करते हुए नया वेतन आयोग (new pay commission) लागू किया जाएगा।
इन कारकों पर निर्भर होता है फिटमेंट फैक्टर-
फिटमेंट फैक्टर तय करने से पहले कई बातों पर गौर किया जाता है। इसके लिए कई कारक देखे जाने जरूरी हैं। इनमें अर्थव्यवस्था, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों और परफोर्मेंस तक को ध्यान में रखा जाता है। वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतनमान (pay scale) और भत्तों की समीक्षा महंगाई व अन्य कारकों को देखते हुए करता है। इसके बाद एक गुणक निर्धारित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग (7th pay commission news) में 2.57 फिटमेंट फैक्टर रखते हुए मूल सैलरी को इससे गुणा करके नया वेतन तय किया गया। इसे आसान रूप से समझने के लिए आप मान लें कि मूल सैलरी 15,000 रुपये है तो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नया वेतन 38,550 रुपये होगा। बेसिक वेतन पर फिटमेंट फैक्टर लागू करते हुए नया वेतन तय होता है।
इसलिए की जाती है हाई फिटमेंट फैक्टर की मांग-
फटमेंट फैक्टर को महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और अन्य भत्तों को ध्यान में रखकर फाइनल किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर का असर कर्मचारियों की कुल सैलरी और पेंशन स्ट्रक्चर पर पड़ता है। इसका मतलब यह हुआ कि जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो वेतन वृद्धि के साथ ही पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलता है। इसी कारण लगभग हर बार कर्मचारी संगठन (Employee Unions) सरकार से फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग करते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। हालांकि सरकार इसे फाइनल करते हुए लागू करती है।