Delhi वालों के लिए गुड न्यूज, अब दिल्ली में चलेंगी एप आधारित प्रीमियम बसें, घर से निकलने से पहले होगी सीट बुक
Delhi Premium Bus Aggregator Scheme: प्रीमियम बस एग्रीगेटर स्कीम पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, 'मुझे उम्मीद है ये सेवा दिल्ली की पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव लाएगी। लोग अपनी कार और स्कूटर छोड़कर बसों में सफ़र करना शुरू करेंगे। पिछले चार वर्षों में इसे सार्थक बनाने के लिये हम लोगों ने काफ़ी मेहनत की।'आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
HR Breaking News (नई दिल्ली)। दिल्ली-एनसीआर के लोग जिस तरह लोग अपने मोबाइल से कैब, ऑटो या बाइक टैक्सी बुक कराते हैं, ठीक उसी तरह से जल्द ही दिल्ली में एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने के लिए प्रीमियम बस में अपनी सीट भी बुक करा सकेंगे। जी हां, दिल्ली में मोबाइल ऐप आधारित प्रीमियम बस स्कीम लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। एलजी वी.के. सक्सेना की मंजूरी के बाद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने मंगलवार को इस स्कीम को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस स्कीम से जुड़कर बसें चलाने के इच्छुक प्राइवेट बस एग्रीगेटर्स लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकें, इसके लिए एप्लिकेशन फॉर्म का फॉर्मेट भी जारी कर दिया गया है। जल्द ही लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसके बाद इस स्कीम के तहत दिल्ली में प्रीमियम बसें चलने लगेंगी। इन बसों में लोग आरामदायक तरीके से सफर करके एक जगह से दूसरी जगह जा सकेंगे।
नोटिफिकेशन जारी होने के 90 दिनों के अंदर यानी तीन महीने में इस स्कीम के तहत बसें चलने लगेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ठीक एक महीने पहले इस स्कीम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद फाइल एलजी के पास एप्रूवल के लिए भेजी गई थी। अब एलजी की मंजूरी के बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
ट्रांसपोर्ट विभाग इस स्कीम के तहत बसें चलाने के इच्छुक ऑपरेटरों को लाइसेंस देगा, जबकि रूट और किराया ऑपरेटर खुद तय करेंगे। सरकार को उम्मीद है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद बहुत से लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर इन बसों में सफर करने लगेंगे। इससे दिल्ली की यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
प्रीमियम बस एग्रीगेटर स्कीम की खूबियां
- इस स्कीम के तहत तमाम सुविधाओं से लैस आरामदायक लग्जरी बसें ऑपरेट की जाएंगी।
- बसों को ऑपरेट करने के लिए एग्रीगेटर्स को लाइसेंस दिए जाएंगे।
- प्रत्येक लाइसेंस होल्डर को कम से कम 25 लग्जरी बसें ऑपरेट और मेंटेन करनी होगी।
- ये बसें पूरी तरह एयर कंडीशंड होंगी। इनमें सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस और वाई-फाई की सुविधा भी होगी।
- प्रत्येक बस में कम से कम 9 या उससे ज्यादा सीटें होनी चाहिए।
- इन बसों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। बस में सबको सीट मिलेगी।
- मोबाइल ऐप के जरिए लोग इन बसों में भी अपनी पसंद की सीट ठीक उसी तरह से बुक करा सकेंगे, जैसे फ्लाइट में करते हैं।
- किराए का भुगतान केवल डिजिटल माध्यम से करना होगा। बस के अंदर किसी को भी टिकट नहीं मिलेगा।
- ये बसें सब जगह रुक रुककर नहीं जाएंगी। जहां-जहां से कस्टमर्स ने बुकिंग की होगी, वहीं से यात्रियों को पिक किया जाएगा।
- ये बसें यात्रियों को किसी एक तय जगह से पिक करके सीधे उनके डेस्टिनेशन पर छोड़ेगी।
- इन बसों के चलने और गंतव्य पर पहुंचने का भी समय भी निश्चित होगा।
- इस स्कीम के तहत चलने वाली सीएनजी बसें 3 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।
- 1 जनवरी 2025 के बाद जो नई बसें इस स्कीम के तहत लाई जाएंगी, वो केवल इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इलेक्ट्रिक बसें लाने पर लाइसेंस फीस भी नहीं ली जाएगी।
- इन बसों के रूट दिल्ली सरकार तय नहीं करेगी, बल्कि मार्केट की डिमांड के आधार पर बस ऑपरेटर खुद रूट तय कर सकेंगे। उन्हें केवल ट्रांसपोर्ट विभाग को रूटों के बारे में जानकारी देनी होगी।
- जिन इलाकों से ऑपरेटर को ज्यादा सवारियां मिलेंगी, वहां ज्यादा बसें चलाई जाएंगी।
- बस का किराया डायनैमिक होगा, यानी जैसे-जैसे सीटें कम होती जाएगी, किराया बढ़ता जाएगा। ऑपरेटर अपनी मर्जी के अनुसार किराया तय कर सकता है।
- किराए के मामले में एक शर्त यह होगी कि डीटीसी की एसी बसों का जो पीक फेयर है, प्रीमियम बसों का फेयर उससे कम नहीं होना चाहिए।