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Gratuity calculation : 5, 7 और 10 साल की नौकरी पर कर्मचारियों को कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी, समझ लें कैलकुलेशन

Gratuity Calculation formula : हर कर्मचारी के लिए वेतन की तरह ही ग्रेच्युटी की रकम भी बड़ी अहमियत रखती है। आमतौर पर खुद कर्मचारी को ही यह नहीं पता होता कि ग्रेच्युटी (Gratuity rules) किस आधार पर मिलती है और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है। यहां आप ग्रेच्युटी की पूरी कैलकुलेशन एक खास फॉर्मूले (how to calculate gratuity) के अनुसार जान सकते हैं। अगर आपने भी कहीं किसी कंपनी में 5, 7 या 10 साल तक लगातार काम किया है तो जानिये आपको कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी।

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Gratuity calculation  : 5, 7 और 10 साल की नौकरी पर कर्मचारियों को कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी, समझ लें कैलकुलेशन

HR Breaking News - (gratuity rules)। कर्मचारियों के लिए जिस तरह से वेतन, पेंशन व बोनस आदि के नियम (pension and gratuity rules) होते हैं, उसी तरह से ग्रेच्युटी को लेकर भी नियम तय होते हैं। यह हर उस कर्मचारी को मिलने वाली राशि होती है, जिसने किसी कंपनी में 5, 7, 10 या इससे ज्यादा साल तक लगातार नौकरी (job time limit for gratuity) की हो।

ऐसी स्थिति में कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने का हकदार हो जाता है। ग्रेच्युटी की रकम कितने साल तक काम करने के बाद कितनी मिलेगी, इसे जानने के लिए आप खास फॉर्मूला (Gratuity Calculation new formula) जान सकते हैं, जिसकी सहायता से आप खुद भी ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कर सकते हैं। 


क्या होती है ग्रेच्युटी-


किसी कर्मचारी को लंबे समय तक कंपनी में बेहतर सेवाओं दिए जाने के बदले कंपनी की ओर से सम्मान व इनाम के तौर पर दी जाने वाली राशि ग्रेच्युटी (what is gratuity) कही जाती है। ये रकम नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट पर कर्मचारी को दी जाती है। कंपनी में 5 या इससे अधिक साल तक लगातार नौकरी करने के बाद कर्मचारी ग्रेच्‍युटी (Gratuity ke niyam) पाने का हकदार होता है। 

ग्रेच्‍युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला-


किसी कर्मचारी की ग्रेच्‍युटी को कैलकुलेट करने का एक विशेष फॉर्मूला (Gratuity Calculation Formula) होता है। इसे कर्मचारी की अंतिम सैलरी को कंपनी में कर्मचारी द्वारा किए गए वर्षों से गुना करके तय किया जाता है। इसके बाद 15/26 से उस कैलकुलेशन को गुना किया जाता है। कर्मचारी की अंतिम सैलरी 10 महीने की औसत सैलरी को माना जाता है। 

वर्किंग डेज के अनुसार मिलती है ग्रेच्युटी-


ग्रेच्युटी वर्किंग डेज के अनुसार तय की जाती है यानी पूरे महीने में रविवार के 4 दिन छुट्‌टी के होने के कारण कुल 26 दिनों को गिना जाता है। इसके हिसाब से आधे महीने यानी 15 दिन को भी ग्रेच्युटी कैलकुलेशन (Gratuity kab milti hai ) का आधार बनाया जाता है। 

ऐसे समझें ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन-


किसी कंपनी में कोई कर्मचारी 5 साल तक काम करता है और उसकी अंतिम सैलरी 35,000 रुपए है तो 35000 x 5 x 15/26 = 1,00,961 रुपए उस कर्मचारी की ग्रेच्‍युटी बनेगी। 

- 7 साल तक काम करने पर भी इसी फॉर्मूले को यूज किया जाएगा। 7 साल तक काम करने के बाद आप नौकरी छोड़ भी देंगे तो आपको ग्रेच्युटी मिलेगी। मान लें कि आपकी अंतिम सैलरी 50,000 रुपए थी तो आपकी ग्रेच्युटी 50000 x 7 x 15/26 = 2,01,923 रुपए होगी। 

- इसी तरह से 10 सालों तक नौकरी करने के बाद अगर सैलरी 75000 रुपए हो तो ग्रेच्युटी 75000 x 10 x 15/26 = 4,32,692 रुपए होगी। 

इस तरह की कंपनी भी देती है ग्रेच्युटी- 


Gratuity Act 1972 के तहत रजिस्टर्ड कंपनी और संस्थान की ओर से अपने कर्मचारी को ग्रेच्युटी (gratuity rules for employees) दी जाती है। इस एक्ट के दायरे में वो कंपनियां आती हैं, जिसमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हों। अगर कोई कंपनी या संस्थान Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड न हो तो भी कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी (gratuity kisko milti hai) दी जा सकती है। 

इस स्थिति में ग्रेच्‍युटी तय करने का फॉर्मूला बदल जाएगा। ऐसी कंपनी की ओर से कर्मचारी की ग्रेच्युटी (gratuity) की राशि हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर होती है। महीने में काम करने के दिनों की संख्या 26 की जगह 30 मानी जाती है।