home page

Gratuity Rule 2025 : कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, कर दी ये गलती तो अब नहीं मिलेगा ग्रेच्‍युटी का पैसा

Gratuity Rules : कर्मचारियों के लिए वेतन की तरह ही ग्रेच्युटी का पैसा काफी अहमियत रखता है। ग्रेच्युटी से जुड़े कई नियम (Gratuity Rules update) भी होते हैं, उन नियमों को पूरा करने वाले कर्मचारी को कंपनी की ओर से ग्रेच्युटी दी जाती है। यह ग्रेच्युटी एक गलती से हाथों से फिसल भी सकती है। कहीं आप भी ऐसी गलती न कर बैठें, इसलिए ग्रेच्युटी (Gratuity rules for employees) से जुड़े सभी नियम जरूर जान लें।

 | 
Gratuity Rule 2025 :  कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, कर दी ये गलती तो अब नहीं मिलेगा ग्रेच्‍युटी का पैसा

HR Breaking News - (Gratuity ke niyam)। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह खबर बहुत काम की है। सभी कर्मचारी ग्रेच्युटी के बारे में तो जानते हैं लेकिन इससे जुड़े कई खास नियमों (new Gratuity Rules) से अधिकतर अनजान हैं। बता दें कि ग्रेच्युटी 5 साल लगातार किसी कंपनी या विभाग में काम करने के बाद रिवार्ड के तौर पर कर्मचारी को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि है। ग्रेच्युटी (Gratuity kya h) की यह राशि कर्मचारी की एक गलती के कारण रुक भी सकती है। आइये जानते हैं इससे जुड़े सभी नियमों के बारे में।


कब रुकती है ग्रेच्‍युटी की रकम-


कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें कंपनी कर्मचारी (employees news) को ग्रेच्‍युटी का पैसा नहीं देती।  कर्मचारी पर अनैतिक व्यवहार का आरोप हो, कर्मचारी की लापरवाही से कंपनी (company rules for Gratuity) को बड़ा नुकसान हुआ हो तो कंपनी ऐसे कर्मचारी की ग्रेच्‍युटी की राशि रोक सकती है। कंपनी उतनी ही रकम काट सकती है, जितना कंपनी को कर्मचारी की वजह से नुकसान हुआ हो।

कंपनी को जारी करना होता है नोटिस -


ग्रेच्‍युटी को रोकना कंपनी को भारी भी पड़ सकता है। किसी कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि (Gratuity ammount ) रोकने से पहले कंपनी को वजह बतानी होती है और सबूत भी पेश करने होते हैं। इसे रोकने से पहले कंपनी की ओर से कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करना होता है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अगर कर्मचारी दोषी मिलता है तो ग्रेच्युटी रोकी (Gratuity kab nhi milti) जा सकती है। 

बेवजह नहीं रोकी जा सकती ग्रेच्‍युटी - 


कोई भी कंपनी बिना किसी ठोस कारण के किसी भी कर्मचारी की ग्रेच्युटी (Gratuity kab milti h ) राशि को नहीं रोक सकती। 5 साल की नौकरी बेहतर तरीके से पूरी करने के बाद कंपनी ग्रेच्‍युटी की रकम देने से मना करे तो कर्मचारी कंपनी को लीगल नोटिस (legal notice) भेज सकता है। इसके बाद भी कंपनी अनदेखी करे तो जिला श्रम आयुक्त से शिकायत की जा सकती है। अगर कंपनी दोषी मिलती है तो कंपनी को ग्रेच्‍युटी की रकम जुर्माने और ब्‍याज सहित देनी होगी। 


कंपनी से जुड़े ग्रेच्युटी के नियम -


निजी या सरकारी कर्मचारियों पर ग्रेच्युटी के नियम (Gratuity ke nye niyam) लागू तब होते हैं जब उस कंपनी में 10 या इससे ज्यादा लोग काम करते हों और कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो। ऐसी कंपनी ग्रेच्युटी नियमों (Gratuity Rules for companies) के अंतर्गत आती है। ऐसी कंपनी में कोई कर्मचारी लगातार 4 साल 8 महीने तक काम करता है तो उसे 5 साल का समय माना जाएगा। 5 साल के हिसाब से ही ग्रेच्‍युटी राशि दी जाएगी। 

ग्रेच्युटी एक्ट के तहत होना चाहिए रजिस्ट्रेशन -


कोई कर्मचारी  4 साल 8 महीने से कम अवधि तक काम करने को 4 साल तक काम करना माना जाता है। ऐसे में इतने टाइम पीरियड (Gratuity time period) काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी नहीं मिल पाएगी। जब कंपनी Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड न हो तो ग्रेच्‍युटी देना या न देना कंपनी की मर्जी होती है।

News Hub