home page

High Court : पत्नी के साथ संबंध बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

Madhya Pradesh High Court Decision - पति पत्नी के रिश्ते को निभाने के लिए उनके बीच स्वस्थ संबंध का होना बहुत जरूरी है। जब रिश्ते में प्यार नहीं होता है तो रिश्ते में दरार आ जाती है। कई बार शादीशुदा जोड़े के बीच रोमांस को लेकर लड़ाई इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि इंसाफ के लिए वह कोर्ट पहुंच जाते हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है। महिला ने अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप लगाया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आइए जानते हैं- 

 | 

HR Breaking News (ब्यूरो)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh HC) ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई FIR को रद्द कर दिया. फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ने कहा कि यह कानूनन अपराध नहीं है क्योंकि महिला की उसके साथ शादी हुई थी।


 

Bank Holiday : 7 मई के बाद बैंकों में 8 दिन नहीं होगा कामकाज, फटाफट निपटा लें अपना काम


 

कोर्ट ने की अहम टिप्पणी

हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एक सदस्यीय पीठ ने आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ की गई एफआईआर को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।


 

1 मई को जारी आदेश में हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट और देश भर के हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए कई निर्णयों का हवाला दिया। इसमें आईपीसी की धारा 375 के अनुसार बलात्कार की परिभाषा का जिक्र किया गया था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध तब तक बलात्कार नहीं माना जाएगा (भले ही यह बिना सहमति के हुआ हो) जब तक कि पत्नी 15 वर्ष से अधिक की हो।

जानें न्यायधीश ने क्या कहा

न्यायमूर्ति अहलूवालिया ने बुधवार को कहा, “इस अदालत की राय है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद कि एक पति द्वारा कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है। इस पर आगे विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है कि क्या एफआईआर आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया है या नहीं।”

2 हजार के नोट को लेकर RBI ने दिया अपडेट, जानिये अब कहां करवा सकते हैं चेंज

हाई कोर्ट के आदेश में आगे कहा गया, “Marital rape को अब तक मान्यता नहीं दी गई है। पुलिस स्टेशन कोतवाली (जबलपुर) में दर्ज अपराध संख्या 377/2022 में एफआईआर और आवेदक (पति) के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किया जाता है।”

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि शख्स ने अपनी पत्नी की शिकायत पर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका के मुताबिक दोनों की शादी 2019 में हुई थी, लेकिन पत्नी फरवरी 2020 से अपने मायके में रह रही है। पत्नी ने 2020 में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। 2022 में पति के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध की एफआईआर दर्ज की गई थी।”