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FD के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक और RBI को भेजा नोटिस

High Court Decision : बाजार में अनेकों इन्वेस्टमेंट विकल्प होने के बावजूद ज्यादातर लोग एफडी यानी फिकस्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में निवेश करना पसंद करते हैं। क्योंकि यह सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है। लेकिन एक नामी बैंक के अधिकारी द्वारा 3 करोड़ की एफडी तोड़ने पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी हरकतों की वजह से लोगों का विश्वास कमजार होता है। आईये नीचे खबर में विस्तार से समझते हैं - 

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FD के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक और RBI को भेजा नोटिस

HR Breaking News - (ब्यूरो)। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने प्राईवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) से जुड़े मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को नोटिस जारी किया है। दरअसल, मामला एक एफडी तोड़ने का है। बैंक के एक कर्मचारी ने ग्राहक की एफडी से 3 करोड़ रुपये निकाल लिए। बता दें कि आरोपी कर्मचारी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने पूछा, 'आखिरकार, लोग प्राईवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक (HDFC Bank) पर भरोसा करते हैं वह अपनी कमाई को सुरक्षित मानते हुए यहां एफडी कराते हैं और ऐसे में एक रिलेशनशिप मैनेजर ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करता है तो क्या अब लोगों का बैंकिंग सिस्टम (banking system) पर भरोसा रहेगा?'

RM मैनेजर ने की ठगी - 

मीनाक्षी कपूरिया (53) की याचिका में कहा गया है कि उनकी रिलेशनशिप मैनेजर (relationship manager) पायल कोठारी (27) ने उनकी 3 करोड़ रुपये की एफडी तोड़ दी और उस रकम को फर्जी खातों (fake accounts) में ट्रांसफर कर दिया है और फिर वहां से पैसे अपने अकाउंट में डाल लिए। इस बीच उन्हें कोई SMS या ईमेल अलर्ट प्राप्त नहीं हुआ। 

RM मैनेजर के अकाउंट फ्रीज 

मीनाक्षी कपूरिया के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि कोठारी ने कपूरिया का भरोसा जीता और उनसे खाली चेक पर यह कहकर साइन करवा लिए कि उनके पैसों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), गोल्ड बॉन्ड (gold bond), नए फंड ऑफर आदि में इन्वेस्ट (invest) किया जाएगा। जिससे उन्हें एफडी से मोटी कमाई होगी। उन्होंने कहा कि वर्सोवा पुलिस कपूरिया पर कोठारी के साथ मामला सुलझाने का दबाव बना रही है। अभियोक्ता क्रांति हिवराले ने कहा कि पुलिस ने कोठारी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें कुल 30,000 रुपए थे। न्यायाधीशों ने क्षेत्रीय डीसीपी दीक्षित गेदाम (DCP Dixit Gedam) को उपस्थित रहने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार - 

हिवराले ने कहा कि कोठारी को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट (Court News) ने पूछा, 'किसी की गिरफ्तारी तभी क्यों की जाती है जब कोई शिकायतकर्ता अदालत में आता है? और आप (पुलिस) पक्षों से मामला सुलझाने के लिए कह रहे हैं?' गेदाम ने कहा कि एक और व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच पीआई अमोल ढोले से वरिष्ठ पीआई गजानन पवार को सौंपी गई है और वे इसकी निगरानी करेंगे। ढोले के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर गेदाम ने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू की जाएगी।

मीनाक्षी कपूरिया को नहीं मिले मेसेज अलर्ट

कोर्ट ने सवाल किया कि मीनाक्षी कपूरिया की FD तोड़ने जाने पर उन्हें कोई भी  मेसेज (SMS) या ईमेल अलर्ट क्यों नहीं मिले? गेदम ने कहा कि कोठारी ने बैंक के रिकॉर्ड में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल पता चेंज कर दिया था जिसकी वजह से जब भी वह पैसे अन्य खातों में ट्रांसफर कर रहा था तो मीनाक्षी कपूरिया को कोई मेसेज अलर्ट नहीं मिल रहा था। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर है। उन्होंने पूछा कि क्या पुलिस ने बैंक के साथ जांच की? उन्होंने कहा, उन्हें बेखौफ नहीं छोड़ा जा सकता?

कोर्ट ने HDFC पर कसा- शिकंजा - 


कोर्ट ने पूछा, कि बैंक का कर्मचारी ग्राहक की एफड़ी (FD) तोड़कर पैसे निकाल लेता है तो क्या इसमें बैंक की कोई जवाबदेही नहीं है?' सिद्दीकी ने RBI के एक परिपत्र का हवाला दिया। जिस तरह से याचिकाकर्ता के साथ धोखाधड़ी की गई है, उसे देखते हुए न्यायाधीशों ने नाराजगी जाहिर की। 


बेंच ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की लोखंडवाला शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक, मुंबई के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ-साथ आरबीआई को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा 'इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आज, यह एक ऐसा मामला सामने आया है... उन्हें बताएं कि क्या हो रहा है क्योंकि बहुत से सीनियर सिटीजन हैं जिन्होंने बुढ़ापे में आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपना पैसा एफडी (FD) सावधि जमा में रखा है।' यह मामला 13 दिसंबर से पहले की कोर्ट कार्रवाई का है। माामले में अगली तारीख 13 दिसंबर लगाई गई थी।