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दामाद का सास ससुर की प्रोपर्टी में कितना अधिकार, High Court ने किया साफ

Property Rights : पिता व दादा की संपत्ति पर संतान के अधिकारों से तो आप काफी हद तक वाकिफ होंगे, लेकिन ससुर की प्रोपर्टी में दामाद का हक कंफ्यूजन पैदा करता है। इसे लेकर अधिकतर लोगों को कानूनी प्रावधानों की जानकारी नहीं है। हाई कोर्ट ने सास-ससुर की प्रोपर्टी (property dispute) में दामाद के अधिकार पर बड़ा फैसला सुनाया है। यह फैसला हर तरफ कई दिनों से चर्चाओं में है, आइये जानते हैं हाईकोर्ट (HC decision in property)के इस फैसले के बारे में।

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दामाद का सास ससुर की प्रोपर्टी में कितना अधिकार, High Court ने किया साफ

HR Breaking News : (property knowledge)। भाई-बहनों में संपत्ति के विवाद तो अक्सर देखने में आते ही हैं, ससुराल की संपत्ति पर दामाद द्वारा हक (Son-in-law's right on in-laws' property) जताने के मामले भी कम नहीं हैं। एक ऐसे ही मामले में हाईकोर्ट ने अहम निर्णय सुनाया है।

इसमें कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि एक दामाद का अपने सास-ससुर की प्रोपर्टी (Son-in-law's property rights) में कितना हक होता है। इस मामले में दामाद ने निचली कोर्ट में सुनाए गए फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए ससुर की प्रोपर्टी (property news) में दामाद के हकों को क्लियर किया है।


यह था पूरा मामला-


ससुर की प्रोपर्टी पर दावे (property rights in law) जताने के मामले भी अक्सर सामने आते रहते हैं। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (MP high court) में ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया गया है। यह पूरा मामला भोपाल से जुड़ा हुआ है। भोपाल का ही रहने वाला एक शख्स दिलीप लंबे समय से अपनी ससुराल में ससुर के घर रह रहा था।

उसे ससुर ने ही घर में रहने की अनुमति दी थी। कुछ समय बाद ससुर ने अपने दामाद (Claims on father-in-law's property) से घर से चले जाने के लिए कहा व ससुर ने एसडीएम कोर्ट में मकान खाली करवाने की अपील कर डाली। एसडीएम कोर्ट ने दामाद को मकान खाली करने का ऑर्डर कर दिया। 

पहले अपील खारिज, फिर सुनाए ये आदेश-


इस पर दिलीप ने भोपाल कलेक्टर के पास ससुर के घर पर दावा करते हुए वहीं पर रहने की अपील की। कलेक्टर ने अपील को खारिज कर दिया। दामाद ने हाईकोर्ट (HC decision on property rights) में अपील करते हुए कहा कि उसने घर बनाने के लिए 10 लाख रुपये भी दिए थे। पर एसडीएम कोर्ट ने उसे घर खाली करने का आदेश दे दिया। इस मामले में हाईकोर्ट (MP high court news) ने भी दिलिप को तुरंत ससुर का घर खाली करने का निर्देश दिया है।

दामाद को नहीं होता यह हक-


इस मामले में हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि दामाद को सास-ससुर की प्रोपर्टी में हक (property rights in law) जताने का कोई अधिकार नहीं होता और न ही वह दावा कर सकता है। कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि ससुर ने अपने दामाद दिलीप को सिर्फ रहने के लिए ही अनुमति दी थी।

ऐसे में वो अपने सुसर की प्रोपर्टी पर दावा नहीं जता सकता। दामाद के नाम पर स्पेशल कोई प्रोपर्टी सास ससुर (sas sasur ki property me hak) की ओर से खरीदी जाती है तो ही वह अपना हक जता सकता है।