home page

पति की प्रोपर्टी में पत्नी का कितना अधिकार, जानिये High Court का अहम फैसला

Wife's right in husband's property - भारतीय कानून में महिलाओं को संपत्ति में पुरुषों के बराबर का अधिकार दिया गया है। जब महिला शादी के बाद अपने माता पिता के घर को छोड़कर अपने ससुराल जाती है तो उसे कुछ अधिकार ऑटोमेटिक ही मिल जाते हैं। वहीं, कुछ पति और सास ससुर की अनुमति से मिलते हैं। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि आखिर पत्नी का पति की प्रॉपर्टी में कितना हिस्सा होता है। मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में इसपर बड़ा फैसला दिया है। चलिए जानते हैं- 

 | 

HR Breaking News (ब्यूरो)। महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति यानी पिता की संपत्ति पर पुरुषों के समान ही अधिकार दिए गए हैं। हालांकि, देश में ज्यादातर महिलाएं पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को अपने पति और सुसराल की संपत्ति में कितना अधिकार है? आमतौर पर यह माना जाता है कि पति की संपत्ति पर पूरा हक पत्नी का होता है, जबकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में यह क्लियर कर दिया है कि पति की संपत्ति में पत्नी का कितना अधिकार होता है...

Bank Holiday : 7 मई के बाद बैंकों में 8 दिन नहीं होगा कामकाज, फटाफट निपटा लें अपना काम


पत्नी का अपने पति की संपत्ति में कितना हक- 

मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) का कहना है कि एक हाउसवाइफ (गृहिणी) अपने पति की संपत्ति के आधे हिस्से की हकदार है। न्यायमूर्ति कृष्णन रामास्वामी की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि एक गृहिणी बिना किसी छुट्टी के चौबीसों घंटे घर का काम करती है। वह घर की देखभाल करने के अलावा परिवार के सदस्यों को जरूरी इलाज करके घरेलू डॉक्टर का काम भी करती है। इसलिए वह अपने पति की अपनी कमाई से खरीदी गई संपत्तियों में बराबर हिस्सेदारी की हकदार होगी।


कोर्ट ने कही बड़ी बात - 


कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर शादी के बाद पत्नी अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए खुद को समर्पित करने के लिए अपना वेतन वाला काम छोड़ देती है, तो यह बड़ी कठिनाई है, जिसके परिणामस्वरूप अंत में उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं बचता जिसे वह अपना कह सके।
जानिये क्या है पूरा मामला...


मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि 1965 में शादी करने वाले पति और पत्नी द्वारा अलग होने के 2016 के एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कि पत्नी पति द्वारा अर्जित संपत्ति में आधे हिस्से की हकदार थी। जिस पति की मृत्यु हो गई, उसने 1983 और 1994 के बीच मध्य पूर्व में काम किया था। उन्होंने अपनी पत्नी पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था और यह भी आरोप लगाया था कि उनका विवाहेतर संबंध था।

2 हजार के नोट को लेकर RBI ने दिया अपडेट, जानिये अब कहां करवा सकते हैं चेंज


उनके पति की मृत्यु के बाद, उनके बच्चों ने मामला दायर किया जहां अदालत ने अब घोषणा की थी कि गृहिणियां संपत्तियों में बराबर हिस्सेदारी की हकदार हैं। न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी ने कहा, "संपत्ति पति या पत्नी के नाम पर खरीदी गई हो सकती है, फिर भी, इसे उनके संयुक्त प्रयास से बचाए गए पैसे से खरीदा गया माना जाना चाहिए।"

कोर्ट ने कहा कि पति परिवार की देखभाल के लिए अपनी पत्नी के सहयोग के बिना पैसा नहीं कमा पाता।