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How to transafar property : प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते वक्त अपनाएं ये तरीके, कानूनी तौर पर बन जाएंगे संपत्ति के मालिक

How to transafar property : प्रॉपर्टी विवादों से बचने के लिए इसे ट्रांसफर कराया जाना जरूरी है। इसी के जरिए आप कानूनी तौर पर संपत्ति के मालिक कहलाते हैं। प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए सेल डीड और गिफ्ट डीड समेत अन्य प्रक्रियाओं को अपना सकते हैं।अगर आप भी अपनी प्रॉपर्टी किसी और के नाम ट्रांसफर करने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं। इन तरीकों को अपनाकर आप भविष्य में होने वाले विवादों से बच सकते हैं।
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HR Breaking News (ब्यूरो) : घर-मकान, दुकान या जमीन का हर कोई सपना देखता है, लेकिन इसमें कानूनी पेंचों के चलते बहुत से लोग इसमें इंवेस्ट करने से डरते हैं। खासतौर पर अगर प्रॉपर्टी दूसरे के नाम हो और इसे ट्रांसफर कराना हो तो समस्या बढ़ जाती है। मगर अब आप बिना परेशानी के बेहद आसान तरीकों से इसे अपने नाम ट्रांसफर करा सकते हैं। प्रॉपर्टी विवादों से बचने के लिए इसे ट्रांसफर कराया जाना जरूरी भी है। इसी के जरिए आप कानूनी तौर पर संपत्ति के मालिक कहलाते हैं।


अगर आप अपनी संपत्ति को ट्रांसफर करने के रास्ते (Ways to transfer property) तलाश रहे हैं तो इसे कानूनी तौर पर ट्रांसफर करने के लिए तीन विकल्प मौजूद हैं। सेल डीड, गिफ्ट डीड और त्यागनामा। हालांकि इन तीनों विकल्पों में से आप किसी को यूंही नहीं चुन सकते, क्योंकि इनमें से हर एक का रोल अलग है। भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि आप इनमें से किसी एक को जरूर चुने। चलिए जानते सभी के बारे में…


क्या है सेल डीड, कब प‌ड़ती है इसकी जरूरत


इसे ट्रांसफर डीड या बिक्रीनामा भी कहा जाता है, जिसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। इसके बाद प्रॉपर्टी नए मालिक के नाम ट्रांसफर होती है। लेकिन ध्यान रहे कि संपत्ति खरीदने वाले शख्स का आपसे संबंध नहीं होना चाहिए। सबसे ज्यादा यही तरीका इस्तेमाल किया जाता है। यह धोखाधड़ी से बचते हुए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का बेहद आसान तरीका (Easy way to transfer property)है। एक रजिस्टर्ड बिक्रीनामा इस बात का सबूत है कि आपने संपत्ति बेच दी है।


क्या है गिफ्ट डीड


इस दस्तावेज के तहत बिना पैसों के लेनदेन के आप अपनी चल और अचल संपत्ति किसी को तोहफे में दे सकते हैं। अचल संपत्ति को गिफ्ट में देने के लिए आपको स्टैंप पेपर पर एक डीड बनवानी पड़ती है। साथ ही दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद उसे रजिस्ट्रार के दफ्तर में जमा कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के मुताबिक अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। अगर आप अपने रिश्तेदार को कोई संपत्ति बतौर गिफ्ट देते हैं तो टैक्स का कोई झंझट नहीं पड़ेगा। यहां रिश्तेदारों से मतलब पत्नी, भाई-बहन, पत्नी/ पति के भाई-बहन या माता-पिता के भाई-बहनों से है।


रिलुन्कुश डीड यानी त्यागनामा


अगर आप किसी संपत्ति में हिस्सेदार हैं और अपने अधिकार छोड़ना चाहते हैं, तो रिलुल्कुश डीड बेहतर विकल्प है। गिफ्ट डीड की तरह इसमें भी बदलाव नहीं किया जा सकता, चाहे यह पैसों के लेन-देन के बिना हो। दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद इसे रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। जहां तक स्टैंप ड्यूटी का संबंध है, रिश्तेदारों के लिए कोई छूट या टैक्स में रियायत नहीं है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल उस वक्त होता है, जब कोई बिना वसीयत छोड़े मर जाता है और कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति विरासत में मिल जाती है।