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income tax department : कितने साल पुराने मामले खोल सकता है इनकम टैक्स विभाग, जानिये सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

income tax : करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरी खबर है। अब इनकम टैक्स विभाग किसी भी समय इनकम टैक्स (income tax new rules) से जुड़े मामले नहीं खोल सकेगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले के साथ ही आयकर विभाग (income tax department) की मनमानी पर भी अंकुश लग गया है। आइये जानते हैं इस फैसले के बारे में नीचे खबर में।

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income tax department : कितने साल पुराने मामले खोल सकता है इनकम टैक्स विभाग, जानिये सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

HR Breaking News - (income tax rules)। आयकर विभाग की ओर से अब से पहले किसी भी समय इनकम टैक्स के मामलों को खोलकर उनकी जांच (reassessment rules) की जाती रही है। अब विभाग ऐसा नहीं कर सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में अहम फैसला सुनाया है।

करदाताओं के लिए यह राहत भरा फैसला है, क्योंकि उन्हें पुराने मामले (IT reassessment rules) खोलने  से कई तरह की परेशानी होती थी। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि विभाग कितने साल पुराने आयकर से जुड़े मामलों को फिर से खंगाल सकता है।


करना होगा नए कानूनी प्रावधानों का पालन-


आयकर कानून (income tax act) के अनुसार अब किसी टैक्स मामले को फिर से खंगालने के लिए आयकर विभाग को नए नियमों व कानूनी प्रावधानों का पालन करना होगा। अब विभाग किसी भी समय आईटीआर को लेकर नोटिस (income tax notice) नहीं भेज सकेगा। आईटीआर (ITR filing rules) भरने के बाद टैक्स मामलों की रीअसेसमेंट के लिए विभाग को नियमों का पालन करना होगा।


सुप्रीम कोर्ट सुना चुका यह फैसला- 


सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने एक मामले में फैसला सुनाया था कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 153-ए के अनुसार रिएसेसमेंट (reassessment  rules 2021) के दौरान आयकर अधिकारी किसी टैक्सपेयर्स की आय को बिना सबूत के बढ़ा नहीं सकते। धारा 147 और 148 के तहत टैक्स (income tax news) मामले की रीअसेसमेंट किए जाने की बात भी सुप्रीम कोर्ट ने कही थी।


पहले यह की गई थी व्यवस्था -


इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की धारा 148 में पहले यह व्यवस्था थी कि इसके तहत आयकर विभाग छह साल पुराने मामलों को खोल सकता था। फाइनेंस एक्ट, 2021 में धारा 148ए को जोड़ते हुए प्रावधान किया गया कि इस धारा के तहत 10 साल पुराने मामलों को ही खोला जा सकता है। लेकिन शर्त यह है कि  ऐसे मामलों में किसी करदाता (latest update for taxpayers) की एनुअल इनकम 50 लाख रुपये से कम न हो। 


नए कानून में इस लिमिट को घटाया


रिअसेसमेंट को लेकर नया IT कानून बनने से पहले रीअसेसमेंट (income tax reassessment rules) के लिए 6 साल की लिमिट थी, इसे बाद में घटाकर 3 साल कर दिया गया था, हालांकि 50 लाख से ज्यादा और सीरीयस फ्रॉड में 10 साल तक रिअसेसमेंट (IT case reassessment limit) हो सकती है। 

रीअसेसमेंट को लेकर अब यह है प्रावधान -


साल 2021 में आयकर कानून को संशोधित किया गया था। इसमें आयकर से जुड़े मामलों की रीअसेसमेंट (IT reassessment rules) को लेकर नियम बनाया गया कि 50 लाख से ज्यादा आय छिपाने के मामले में  या गंभीर अपराध के मामले में 10 साल (reassessment time limit) तक किसी केस को खंगाला जा सकता है। 

दिल्ली हाईकोर्ट ने कही यह बात-


दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) भी इस मामले में फैसला सुना चुका है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 3 साल से ज्यादा पुराना मामला नहीं खोल सकता। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कानून के मुताबिक सामान्य तौर पर 3 साल से ज्यादा पुराने मामलों में आयकर विभाग  (income tax department) की ओर से रिअसेसमेंट ऑर्डर नहीं जारी हो सकता, लेकिन 50 लाख रुपये से ज्यादा आय छुपाने और गंभीर मामलों में 10 साल तक किसी भी मामले की रीअसेसमेंट की जा सकती है।