Income Tax : प्रोपर्टी खरीदने बेचने वाले हो जाएं सावधान, TDS के नियमों में हुआ बदलाव
TDS New Rules : प्रोपर्टी के सौदों में मोटी पूंजी लगाई जाती है। इसके लिए टैक्स के भी कई नियम लागू होते हैं। प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त से जुड़े टीडीएस (TDS on Sale of Property) के नियमों में अब सरकार की ओर से बदलाव कर दिया गया है। अब प्रोपर्टी खरीदने और बेचने वालों को अधिक सावधान होकर सौदा करने की जरूरत है। इसके लिए टीडीएस (TDS Rules) को लेकर तय किए गए नए नियमों पर गौर जरूर कर लें।

HR Breaking News : (TDS Rules 2025-26) पिछले दिनों ही आम बजट पेश किया गया था। इसमें प्रॉपर्टी की खरीद-बेच पर लागू किए गए टीडीएस (TDS rules on property) से जुड़े नियमों को भी चेंज किया गया था। टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।
अब तक प्रोपर्टी लेने व देने के मामलों में टीडीएस (property TSD rules) को लेकर कुछ छूट मिलती थी, जिसे अब वापस ले लिया गया है और नए नियम तय कर दिए हैं। इससे सरकार को राजस्व में लाभ बढ़ेगा और कर चोरी पर भी रोक लगेगी। आइये जानते हैं इन नए नियमों के बारे में।
सरकार ने यह किया है बदलाव-
केंद्र सरकार की ओर से प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त में टैक्स चोरी (tax evasion) न हो, इसके लिए फाइनेंस एक्ट 2025 को बदला गया है। यह परिवर्तन खासतौर से प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले TDS (Tax deducted at source) के बारे में किया गया है।
पहले 50 लाख रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदने पर 1 प्रतिशत TDS टीडीएस काटने का प्रावधान था। यह राशि खरीदार की ओर से तब काटी जाती है जब खरीदार प्रोपर्टी विक्रेता (property buying Tips) को पैसों का भुगतान करता है। यह राशि इनकम टैक्स विभाग में जमा होती है। हालांकि ज्वाइंट मालिक या संयुक्त खरीदार के मामले में इसे लेकर छूट प्राप्त थी।
पहले यह था नियम-
संयुक्त प्रोपर्टी के मामले में किसी प्रोपर्टी में हर प्रोपर्टी मालिक (property ownership rights) का हिस्सा 50 लाख से कम होता था तो पहले प्रोपर्टी मालिक संयुक्त होने पर खरीदार TDS नहीं काटते थे।
इसका कारण यह था कि यह हिस्सा टीडीएस कटने के नियम व लिमिट (Property TDS Limit) से कम होता था। ऐसे में प्रोपर्टी की कीमत बेशक 50 लाख से ज्यादा भी क्यों न हो, ऊपर बताए गए नियम के अनुसार टीडीएस नहीं कटता था।
अब ऐसे बदल गया है नियम-
वित्तीय वर्ष 2025-26 में नया नियम (TSD rules 2025-26) लागू कर पुरानी व्यवस्था में बनी कमी को दूर किया गया है। अब नए नियम अनुसार TDS की कैलकुलेशन प्रॉपर्टी के पूरे संयुक्त हिस्सेदारों की कीमत के अनुसार न होकर, प्रोपर्टी की कुल कीमत (property rates) पर होगी।
नए नियमों अनुसार कुल बिक्री मूल्य 50 लाख से ज़्यादा है, तो प्रोपर्टी की पूरी राशि पर 1 प्रतिशत TDS खरीदार को काटना होगा। इसके लिए बेशक प्रोपर्टी का एक खरीदार हो या अनेक। यह नियम कृषि भूमि (agricultural land) पर लागू नहीं होगा। यह नियम नए शुरू हो चुके वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू माना जाएगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान-
जभी प्रोपर्टी की खरीदारी (property purchasing rules) करें तो नए नियमों के अनुसार खरीदार को विक्रेता का PAN लेना होगा। पेन कार्ड नहीं होने पर TDS 1 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत लगाया जाएगा।
विक्रेता इसका क्रेडिट लेने में असमर्थ होगा। अगर कम TDS काटना है तो TDS काटने (how to cut TDS) वाले महीने के 30 दिनों के अंदर फॉर्म 26QB भरकर जमा करना होगा।
विक्रेता की ओर से फॉर्म 26QB फाइल करने के बाद 15 दिनों के अंदर खरीदार को TDS सर्टिफिकेट फॉर्म 16B भरना होगा।
शून्य टीडीएस के लिए प्रावधान -
अगर विक्रेता नॉन-रेजिडेंट है तो TDS 12.5 प्रतिशत होगा। इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) के सेक्शन 195 के अनुसार यह बिना इंडेक्सेशन के या 20 प्रतिशत होगा, इंडेक्सेशन के साथ सरचार्ज और 4 प्रतिशत हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगाया जाएगा।
प्रोपर्टी विक्रेता या खरीदार कम TDS काटना (property TDS rules) चाहते हैं तो इसके लिए सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होगा। धारा 197 के तहत शून्य TDS का भी प्रावधान है, इसके लिए अप्लाई करना जरूरी है। अगर अप्रूवल होता है तो यह छूट प्राप्त की जा सकती है। प्रोपर्टी खरीदार को TDS काटने के लिए TAN नंबर की जरूरत होगी।
इसलिए बदलने पड़े नियम-
प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त के मामलों में यह बदलाव टैक्स नियमों (tax rules for property) का पालन सुनिश्चित कराने व पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। टैक्स चोरी के मामलों पर अंकुश लगाने, अधिक मूल्य वाली प्रॉपर्टी (property knowledge) की खरीद फरोख्त में धांधली रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
अब खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को सतर्क रहते हुए TDS के नियमों का सही से पालन करना होगा। सरकार ने "टैक्स भरो, देश बनाओ" के नारे को सार्थक करने लिए यह कदम उठाया है।
किसी की ओर से प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते समय TDS से जुड़े नियमों (TDS rules for property) का पालन नहीं किया गया तो बड़ी परेशानी भी खड़ी हो सकती है। इसमें किसी प्रकार का संशय होने पर टैक्स एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।