indian currency : महात्मा गांधी से पहले नोटों पर छपती थी ये तस्वीर, जानिये क्यों हुआ बदलाव

HR Breaking News (ब्यूरो)। भारतीय नोट या कहें इंडियन करेंसी (indian currency) पर महात्मा गांधी की तस्वीर कॉमन है। ऐसे में आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिरी महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तस्वीर को नोट पर कब छापा गया? नोटों पर महात्मा गाधी की तस्वीर से पहले किसकी फोटो छपी होती थी? आज इस आर्टिकल में हम आपको हर सवाल का जवाब मिलेगा। यह करीब 50 साल पहले की बात है जब राष्ट्रपिता की जन्म शताब्दी के अवसर पर महात्मा गांधी की फोटो को पहली बार 100 रुपये के नोट पर छापी गई।
सबसे पहले इस नोट पर छपी महात्मा गांधी की तस्वीर -
हालांकि, 1947 से पहले नोटों पर ब्रिटिश राजा की तस्वीर छपी होती थी। आज़ादी के बाद यह महसूस किया गया कि ब्रिटिश राजा की फोटो की जगह महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) की तस्वीर लगाई जानी चाहिए, लेकिन उस समय की सरकार को इस मुद्दे पर आम सहमति तक पहुंचने में काफी समय लग गया। इस बीच सारनाथ में गांधी चित्र के स्थान पर राजा के चित्र को लायन कैपिटल से बदल दिया गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई (RBI Update) ने 1969 में 100 रुपये का एक नया नोट जारी किया जिसमें महात्मा गांधी को सेवाग्राम आश्रम की पृष्ठभूमि में बैठे हुए दिखाया गया।
नोट पर नियमित रूप से कब छपी महात्मा गांधी की तस्वीर -
लेकिन महात्मा गांधी के चित्र को नोटों (Note News) पर नियमित रूप से 1987 में छापा गया। जब नोट पर मुस्कुराते हुए गांधीजी को दिखाने वाले 500 रुपये के नोटों को आरबीआई (RBI) उस साल अक्टूबर में लॉन्च किया था। उसके बाद से अलग-अलग अंकों के करेंसी नोटों पर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तस्वीर को नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। महात्मा गांधीजी की तस्वीर से पहले नोटों पर कई तरह के डिज़ाइन और चित्र का इस्तेामल किया जाता था। 1949 में तत्कालीन सरकार ने अशोक स्तंभ वाला नया डिजाइन 1 रुपये के नोट पर छापा।
1954 में ज्यादा कीमत के कंरेसी नोट (1,000, 5,000, 10,000 ) को मार्केट में फिर से लॉन्च किया गया। 1000 रुपये के करेंसी नोट पर तंजौर मंदिर, 5000 रुपये के गेटवे ऑफ इंडिया और 10,000 रुपये के लायन कैपिटल, अशोक स्तंभ (Ashoka Pillar) की आकृति के साथ नोटों को छापा गया। हालांकि, इन ज्यादा कीमत के करेंसी नोटों को 1978 में चलन से बाहर कर दिया गया था। 1980 के दशक में नोटों का एक बिल्कुल नया सेट देखा गया।
समय के साथ नोटों में हुआ बड़ा बदलाव -
भारतीय कंरेसी नोट (indian currency notes) में समय के साथ कई बड़े बदलाव हुए। (2 रुपये के नोट पर आर्यभट्ट), प्रगति (1 रुपये पर तेल रिग और 5 रुपये पर कृषि मशीनीकरण) और 20 रुपये और 10 रुपये पर भारतीय कला रूपों के प्रति अभिविन्यास में बदलाव पर जोर दिया गया था। नोट्स (कोणार्क व्हील, पीकॉक). रिप्रोग्राफ़िक तकनीकों की प्रगति के साथ, पारंपरिक सुरक्षा सुविधाओं को अपर्याप्त समझा गया।
RBI अतिरिक्त सुविधाएं लेकर आया और 1996 में एक नई 'महात्मा गांधी सीरीज’ शुरू की गई. इनमें अंधे लोगों के लिए परिवर्तित वॉटरमार्क, विंडो सुरक्षा धागा, गुप्त छवि और इंटैग्लियो विशेषताएं शामिल की गई जो आज भी प्रिंट होती है.