Indian Railway : भारत के इन दो रेलवे स्टेशन से पैदल जा सकते हैं विदेश, क्या कभी आपने पकड़ी है यहां की ट्रेन
Railway Knowledge : दुनिया में रेल नेटवर्क के मामले में भारत चौथे नंबर पर है। रेलवे को भारत की लाइफ लाइन भी बोला जाता है। देश में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या करीब आठ हजार है। इनमें से अलग अलग रेलवे स्टेशन वजहों से प्रसिद्ध हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन कौन सा है जहां से आप पैदल विदेश जा सकते हैं। क्या कभी आपने यहां की ट्रेन पकड़ी है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं -
HR Breaking News (ब्यूरो)। भारत में रोजाना 22,593 ट्रेनें संचालित होती हैं जो 7325 स्टेशनों को कवर करती हैं. ये सभी गाड़ियां देश के कोने-कोने में स्थित स्टेशनों तक पहुंचती हैं. लेकिन, क्या आप भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन (India's last railway station) के बारे में जानते हैं जहां पहुंचकर भारतीय रेलवे की सीमा खत्म हो जाती है. इतना ही नहीं इस स्टेशन पर उतरकर आप सीधे पैदल विदेश तक जा सकते हैं।
देश का यह आखिरी रेलवे स्टेशन पूर्वी सीमा पर स्थित है और कई खूबियों के कारण काफी प्रसिद्ध है. आइये जानते हैं आखिर आप कैसे यहां पहुंच सकते हैं और यहां उतरकर कैसे विदेश जा सकते हैं?
कहां है देश का आखिरी स्टेशन?
पश्चिम बंगाल के एक कोने में स्थित देश के इस आखिरी रेलवे स्टेशन का नाम सिंहाबाद (Singhabad Railway Station) है. मालदा जिले के हबीबपुर में स्थित है और बांग्लादेश की सीमा से लगा हुआ है. हालांकि, यहां अब मालगाड़ियों का ट्रांजिट किया जाता है.
भारत-पाकिस्तान युद्ध में हुआ था बंद
खास बात है कि यह स्टेशन बांग्लादेश की सीमा के इतने पास स्थित है कि यहां से लोग पैदल ही दूसरे देश में चले जाते हैं. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद यह रेलवे स्टेशन बंद हो गया था, लेकिन 1978 में इसे दोबारा शुरू किया गया. इस स्टेशन की एक और खासियत यह भी है कि यहां सिग्नल से लेकर मशीन तक सब अंग्रेजों के जमाने का है. सिंहाबाद रेलवे स्टेशन (Singhabad Railway Station) से सिर्फ 2 यात्री ट्रेनें गुजरती हैं, जिन्हें 2008 में शुरू किया गया था. खुद स्टेशन के बोर्ड पर भारत का सीमान्त यानी अंतिम रेलवे स्टेशन लिखा हुआ है.
सिंहाबाद के अलावा देश में एक और स्टेशन ऐसा है जहां से भी विदेश आसानी से पैदल जाया जा सकता है. यह रेलवे स्टेशन बिहार के अररिया जिले में स्थित जोगबनी है. इस स्टेशन से नेपाल की दूरी इतनी कम है कि लोग पैदल भी पहुंच सकते हैं. उससे भी अच्छी बात है कि नेपाल जाने के लिए भारत के लोगों को वीजा या पासपोर्ट की भी जरूरत नहीं होती है।