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Loan EMI : लोन लेने वाले हो जाएं सावधान, पहले जान लें सैलरी और EMI का ये फॉर्मूला, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

Bank Loan : आज के समय में बढ़ती जरूरतों की वजह से लोगों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में लोन लेने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों  का ध्यान देना चाहिए ताकि आपको आने वाले समय में परेशानी का सामना न करना पड़े। लोन लेने से पहले आपको सैलरी और ईएमआई कैलकुलेशन (EMI Calculation) के फॉर्मूलें के बारे में भी जान लेना चाहिए ताकि आपको कभी भी फाइनेंसियल रिस्क का सामना न करना पड़े।

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Loan EMI : लोन लेने वाले हो जाएं सावधान, पहले जान लें सैलरी और EMI का ये फॉर्मूला, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

HR Breaking News - (how much EMI should you pay)। बढ़ती जरूरतों और बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में अगर आप भी लोन लेने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। लोन लेने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना चाहिए ताकि आने वाले समय में आपको मुश्किलों का सामना न करना पड़े और आप काफी आसानी से ही अपनी जरूरतों का पूरा करके लोन का भी भुगतान कर सके। खबर में जानिये लोन से जुड़े इस अपडेट के बारे में। 


इन बातों का रखें ध्यान-


अगर आप लोन लेने के  बारे में विचार कर रहे हैं तो लोन लेने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना चाहिए कि रोजमर्रा के खर्चों से जूझते हुए लोन का भुगतान (formula to decide EMI) भी करना पड़ सकता है। लोन एक लॉन्ग टर्म कमिटमेंट होता है, जिसके यूज से आपके फाइनेंस पर भी अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलेगा। इस वजह से लोन लेने से पहले आपको ये प्लानिंग जरूर कर लेनी चाहिए कि आपकी सैलरी (basic salary hike) का कितना हिस्सा लोन में लगने वाला है। इसके अलावा कितना हिस्सा आपकी रोजमर्रा की जरूरतों में लगेगा। इस बारे में भी आपको जानकारी होनी काफी ज्यादा जरूरी है। 


ये है सैलरी और ईएमआई कैलकुलेशन फॉर्मूला-


अगर आप भी नौकरीपेशा हैं या फिर कोई बिजनेस (Business loan) कर रहिे हैं  तो सैलरी में तो हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट आपको दी जाती है। इसके अलावा बिजनेस में भी एक तय लमसम अमाउंट लगभग हर महीने आपको मिलता ही है। आइडियली आपकी इन हैंड सैलरी या फिर बिजनेस (Business loan intrest rate) से होने वाली मंथली कमाई का अधिकतम 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा लोन की EMI का भुगतान करना होता है।


वहीं आपको मंथली इनकम (salary of Business loan) का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा आपके रहने-खाने, रोजमर्रा के दूसरो खर्चों, इनवेस्टमेंट, इंश्योरेंस और सेविंग्स में खर्च करना होता है। EMI को तय करते हुए इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि आप बाकी जरूरतों का भी ध्यान दें। वरना आपके ऊपर लोन की किस्तों का दबाव बन जाएगा।


उदाहरण की मदद से समझिये-


उदाहरण के तौर पर अगर आपकी कमाई एक लाख रुपये की हैं तो आपके लोन की EMI (best way to pay EMI) अधिकतम 40 हजार रुपये होनी काफी ज्यादा जरूरी है। बाकी के 60 हजार रुपये के लिए आपको दूसरे खर्चों और सेविंग्स (EMI repayment tips) के ऊपर भी ध्यान देना होता है।


लोन की EMI को तय करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-


1. आने वाले समय में करियर ग्रोथ के साथ साथ सैलरी (Best way for EMI repayment) में भी इजाफा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही आप EMI का भुगतान करने की स्थिति में भी आ जाएंगे। हालांकि, इस केस में भी आपको अपनी EMI (EMI kese calculate hoti h) एक लिमिट अंदर ही रखनी है और बाकी पैसों को सेव करना होता है ताकि नौकरी के छूटने या करियर ग्रोथ न होने पर भी आपके ऊपर लोन की किस्तों का बोझ न बने।


2. लोन को लेते हुए आपको सिर्फ अपनी स्टेबल इनकम (Stable Income) को ध्यान में रखनाप चाहिए। इसके अलावा दूसरे सोर्सेस से होने वाली अतिरिक्त कमाई को लोन के गणित में शामिल न करें।


3. इसके अलावा आपको इस बात  के लिए भी तैयार रहना होगा कि लोन पर EMI (Equated Monthly Installment) आने वाले समय में बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में आपको इसके लिए भी तैयार रहने की  जरूरत है।