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New Expressway : 5 राज्यों से होकर गुजरेगा ये नया एक्सप्रेसवे, 15 हजार हेक्‍टेयर जमीन का किया गया अधिग्रहण

New Expressway : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि केंद्र सरकार दिल्‍ली से मुंबई तक देश का सबसे लंबा एक्‍सप्रेसवे बना रही है। जिसका काफी बड़ा हिस्‍सा रेगिस्‍तान से गुजरेगा। इसकी कुल लंबाई 1,350 किलोमीटर की है और इसके तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच दूरी भी कम हो जाएगी और समय भी घटकर आधा हो जाएगा।

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HR Breaking News, Digital Desk- Delhi-Mumbai Expressway : देश में चमचमाती और चौड़ी सड़कों का जाल बिछ रहा है. मोदी सरकार दिल्‍ली से मुंबई तक देश का सबसे लंबा एक्‍सप्रेसवे बना रही है. इसका काफी बड़ा हिस्‍सा रेगिस्‍तान से गुजरेगा. इसका निर्माण कार्य भी चल रहा है. निर्माण से जुड़ी तस्‍वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,350 किलोमीटर की है और इसके तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच दूरी भी कम हो जाएगी और समय भी घटकर आधा हो जाएगा. अभी जहां दोनों शहरों के बीच का ट्रैवल टाइम सड़क मार्ग से 24 घंटे का है, एक्‍सप्रेसवे तैयार होने के बाद इस दूरी को महज 12 घंटे में तय किया जा सकेगा.

इस एक्‍सप्रेसवे को बनाने के लिए 15 हजार हेक्‍टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है और यह 5 राज्‍यों से होकर गुजरेगा. हरियाणा 129 किलोमीटर का रास्‍ता है तो राजस्‍थान में 373 किलोमीटर और मध्‍य प्रदेश में 244 किलोमीटर लंबी सड़क बन रही. इसके अलावा गुजरात में 426 किलोमीटर और महाराष्‍ट्र में 171 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है.

इस एक्‍सप्रेसवे का बड़ा हिस्‍सा रेगिस्‍तान के बीच से गुजरेगा. दोनों तरफ सुनसान और दूर तक फैला रेगिस्‍तान होगा और उसके बीच आपकी कार तैरती हुई जाएगी. इसके वडोदरा से विरार तक के सेक्‍शन पर भी काम शुरू हो गया है, जिसकी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

एक्‍सप्रेसवे का निर्माण मई, 2019 में शुरू हुआ था और इसे 2024 के आखिर तक तैयार करने का लक्ष्‍य है. इसके निर्माण पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का खर्च आएगा. एक्‍सप्रेसवे को पूरी तरह इकोफ्रेंडली बनाया गया है. हर 500 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम लगाया गया है.

एक्‍सप्रेसवे को 8 लेन का बनाया जा रहा है, जिसे भविष्‍य में 12 लेन तक बनाया जाएगा. पूरे एक्‍सप्रेसवे पर 93 जगहों पर सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. यहां ईंधन, ई-चार्जिंग स्‍टेशन, फूड कोर्ट सहित शॉपिंग सेंटर भी खोले जाएंगे. हर 100 किलोमीटर पर ट्रामा सेंटर भी बनाया जा रहा, जहां सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को इलाज मिल सकेगा.

दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे भले ही रेगिस्‍तान के बीच से गुजर रहा हो, लेकिन इसके दोनों किनारों पर हरियाली का पूरा इंतजाम किया गया है. एक्‍सप्रेसवे के दोनों किनारे करीब 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. इसके साथ इलेक्ट्रिक हाइवे भी विकसित किया जाएगा. फिलहाल इसे दिल्‍ली से जयपुर तक ही बनाया जा रहा है.